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अधिकारियों के स्थानांतरण को लेकर निर्वाचन आयोग सख्त, राज्यों से कहा – तीन साल से अधिक अवधि वाले और गृह जिले में कार्यरत अधिकारियों का तबादला संसदीय क्षेत्र से बाहर किया जाये

नई दिल्ली, 24 फरवरी। आगामी संसदीय चुनाव की तैयारी में जुटे भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने राज्यों में स्थानांतरण को लेकर शनिवार को पहले से अधिक सुस्पष्ट निर्देश जारी किये। आयोग की ओर से राज्यों को कहा गया है कि तीन साल से अधिक समय से एक स्थान पर या जिले में बैठे अधिकारियों के स्थानांतरण निर्देशों की अक्षरश: पालना की जाये और इसमें विशेष ध्यान रखा जाये कि सम्बंधित अधिकारी का स्थानांतरण उस संसदीय क्षेत्र से बाहर किया जाये।

ईसीआई ने राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन अधिकारियों को 3 साल पूरे करने के बाद जिले से बाहर स्थानांतरित किया जाता है, उन्हें उसी संसदीय क्षेत्र के किसी अन्य जिले में तैनात नहीं किया जाए। ईसीआई ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को स्थानांतरण नीति को अक्षरश: लागू करने का निर्देश दिया है।

आयोग द्वारा ऐसे मामलों को अधिकारी गंभीरता से लिया गया है, जिसमें राज्य सरकारों द्वारा कतिपय अधिकारियों को एक ही संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के भीतर निकटवर्ती जिलों में स्थानांतरित/तैनात कर दिया गया है।

मौजूदा निर्देशों में खामियों को दूर करते हुए, आयोग ने निर्देश दिया कि दो संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को छोडक़र, सभी राज्य यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन अधिकारियों को जिले से बाहर स्थानांतरित किया गया है, उन्हें उसी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में तैनात नहीं किया जाए।

यह दोहराया गया है कि आयोग की स्थानांतरण नीति का अक्षरश: पालन किया जाना चाहिए, न कि अनुपालन दिखाने के लिए इसे छिपाया जाना चाहिए। यह नियम उन तबादलों और पोस्टिंग पर पूर्वव्यापी रूप से लागू होता है, जिन्हें आयोग के पूर्व निर्देशों के अनुसार पहले ही लागू किया जा चुका है।

ईसीआई नीति के अनुसार, उन सभी अधिकारियों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है जो या तो अपने गृह जिले में तैनात थे या एक स्थान पर तीन साल पूरे कर चुके हैं। इसमें वे अधिकारी शामिल हैं जो सीधे या पर्यवेक्षी क्षमता में किसी भी तरह से चुनाव कार्य से जुड़े हुए हैं।

निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकारों को याद दिलाया कि हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में, आयोग ने विभिन्न अधिकारियों, यहां तक कि राज्य में वरिष्ठ स्तर के पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश दिया था। ईसीई ने कहा कि चुनावों में खलल डालने के खिलाफ आयोग की जीरो टॉलरेंस नीति रही है।

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