सहकारी संस्थाओं की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ा कर, आमजन में सहकारिता के प्रति विश्वास पैदा करें – गौतम दक
सहकारिता मंत्री ने किया आईवाईसी वार्षिक कार्ययोजना एवं कैलेण्डर का विमोचन
जयपुर, 20 फरवरी (मुखपत्र)। सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के दौरान राज्य में सहकारी आन्दोलन को अधिक मजबूत बनाने और अधिकाधिक लोगों को सहकारिता से जोडऩे के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं में पारदर्शिता बढऩी चाहिए ताकि लोगों का विश्वास सहकारिता में कायम रहे। वे गुरुवार को नेहरू सहकार भवन में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष से संबंधित प्रदेश की वार्षिक कार्ययोजना एवं कैलेण्डर के विमोचन के उपरांत राज्य स्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। सहकारिता विभाग के अधिकारी-कर्मचारी वी.सी. से माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।
श्री दक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया है, हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत बनाने की दिशा में वर्ष 2021 से ही कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ के अंतर्गत 54 पहलों के माध्यम से देश में सहकारी सेक्टर सशक्त हो रहा है। जीडीपी में सहकारिता क्षेत्र का योगदान 40 प्रतिशत हो, इसके लिए सभी को अपनी भूमिका समझते हुए कर्तव्यों का जिम्मेदारी से निर्वहन करना होगा।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता सेक्टर को प्राथमिकता दे रही है। राज्य बजट में सहकारिता से संबंधित कई ऐतिहासिक घोषणाएं की गई हैं, जिनसे प्रदेश में सहकारी आन्दोलन को और गति मिलेगी। बजट मे ब्याजमुक्त अल्पकालीन फसली ऋण का दायरा बढ़ाते हुए 35 लाख से अधिक किसानों को 25 हजार करोड़ रुपये के ऋण वितरित करने की घोषणा की गई है। राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना में भी 2.50 लाख गोपालक परिवारों को ब्याज मुक्त ऋण देने की घोषणा की गई है। बजट घोषणा के अनुरूप आगामी 2 वर्ष में 2,500 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियां खुलने से प्रदेश में सहकारिता का मजबूत नेटवर्क स्थापित होगा।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सहकारी आन्दोलन को मजबूती देने के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को अपनी भूमिका और जिम्मेदारी समझनी होगी। सभी कार्मिक संकल्प लें कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान अधिक उत्साह के साथ काम करते हुए सहकारी आन्दोलन को मजबूत बनाएंगे। सहकारी समितियों के दरवाजे सभी लोगों के लिए खुले होने चाहिए। मंत्री ने नवाचार करने और सहकारी समितियों द्वारा किये जा रहे कार्यों का दायरा बढ़ाने और नये कोऑपरेटिव कोड के माध्यम से खामियों को दूर करने पर भी बल दिया।
कार्यक्रम में एडिशनल रजिस्ट्रार (मासवि) भोमाराम, राज्य सहकार संघ के सीईओ इन्दर सिंह, अपेक्स बैंक एमडी संजय पाठक एवं एडिशनल रजिस्ट्रार-द्वितीय संदीप खण्डेलवाल ने भी विचार प्रस्तुत किए। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान पूरा विभाग दोगुने उत्साह के साथ काम करेगा और राज्य को देश में रोल मॉडल स्टेट के रूप में स्थापित करेगा।
इस अवसर एडिशनल रजिस्ट्रार-प्रथम श्रीमती शिल्पी पांडे, राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के प्रबंध निदेशक जितेंद्र प्रसाद, रजिस्ट्रार के तकनीकी सहायक कार्तिकेय मिश्र, राइसेम निदेशक आरएस चूंडावत, सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी इन्द्रराज मीणा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार आरएस चौहान, गोपाल कृष्ण, जयपुर जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार एमएल गुर्जर, ज्वाइंट रजिस्ट्रार अनिल कुमार, ज्योति गुप्ता, जयपुर केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक दिनेश कुमार शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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