सहकारी बैंकों में कृषि, अकृषि एकमुश्त ऋण समझौता योजना लागू
जयपुर, 19 जून (मुखपत्र)। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के उपरांत सहकारिता विभाग ने प्रदेश के सहकारी बैंकों में कृषि-अकृषि ऋण एकमुश्त समझौता योजना-2023 का अनुमोदन कर दिया है। अवधिपार और एनपीए खातों में ऋण वसूली कर, पुन: परिचालन में लाने के लिए इस योजना को लागू किया जा रहा है। यह योजना 19 जून 2023 को जारी कर दी गयी है, जो कि 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी।
इस योजना का लाभ राज्य सहकारी बैंक/केंद्रीय सहकारी बैंक/पैक्स, लैम्प्स से कृषि अथवा अकृषि उद्देश्य से ऋण लेने वाले उन ऋणियों को मिलेगा, जिनका ऋण 31 मार्च 2023 को अशोध्य एवं संदिग्ध श्रेणी में वर्गीकृत हो गया है अर्थाता जो ऋण 31 मार्च 2020 को अवधिपार हो चुका है और उसके बाद से अब तक खातों में किसी प्रकार का लेन देन नहीं हुआ।
योजना के तहत व्यक्तिगत, संयुक्त हिन्दू परिवार, प्रोप्राइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी, सहकारी संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों, संयुक्त देहता समूहों और अवसायनाधीन सहकारी संस्थाओं को दिये गये ऋण, जो कि अवधिपार हो चुके हैं, को एकमुश्त समझौता योजना का लाभ मिलेगा। परन्तु, गबन और दुरूपयोग के मामले (जिनमें राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम के तहत निर्णय हो चुका है या विचाराधीन है), सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों और निदेशकों द्वारा लिये गये ऋण, सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों या निदेशकों की गारंटी पर दिये गये ऋण और सहकारी संस्थाओं के कार्मिकों व निदेशकों के रक्त संबंधियों को दिये गये ऋणों को योजना में शामिल नहीं किया जायेगा।
जो ऋणी इस योजना का लाभ लेना चाहेंगे, उन्हें नियमानुसार गणना के उपरांत अंतिम बकाया ऋण की 25 प्रतिशत राशि आवेदन के साथ जमा करानी होगी एवं शेष राशि का भुगतान, अधिकतम दो किश्तों में 31 मार्च 2024 तक करना होगा।