‘म्हारो खातो, म्हारो बैंक’ अभियान में बैंक खाता खुलवानेे वालों को मिलेंगी कई रियायतें और सुविधाएं
अपेक्स बैंक में ‘म्हारो खातो म्हारो बैंक’ विषय पर सेमीनार का आयोजन
जयपुर, 23 मई (मुखपत्र)। अन्तराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष, 2025 के उपलक्ष्य में शुक्रवार को राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (अपेक्स बैंक) के सभागार में सीनियर एडिशनल रजिस्ट्रार भोमाराम की अध्यक्षता में ‘म्हारो खातो म्हारो बैंक’ विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया, जिसमें दुग्ध उत्पादन से जुड़ी हुई सहकारी समितियों, सहकारी बैंक एवं सहकारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सेमीनार में मुख्यत: प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के सदस्यों के खाते केन्द्रीय सहकारी बैंकों की शाखाओं में खुलवाये जाने एवं प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों को केन्द्रीय सहकारी बैंक का बैंक मित्र बनाकर माइक्रो एटीएम उपलब्ध कराने पर चर्चा की गयी। बैंक के प्रबंध निदेशक संजय पाठक ने विषय की प्रस्तावना रखते हुए अवगत कराया कि ‘म्हारो खातो म्हारो बैंक’ अभियान तभी सार्थक होगा, जब सहकारी अधिनियम के अनुसार सभी सहकारी संस्थाएं अपने खाते सहकारी बैंकों में ही रखें।
एमडी ने दी रियायतों और सुविधाओं की जानकारी
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत खाता खुलवाने वाली संस्थाओं को कई प्रकार की सुविधाएं एवं रियायतें दी जायेंगी। दुग्ध उत्पादकों के खाते शून्य बेलेन्स से खोले जा सकेंगे और सहकारिता वर्ष की अवधि में इन खातों पर किसी प्रकार के चार्जेज नहीं लगाये जायेंगे। आरटीजीएस/नेफ्ट कराने पर कोई चार्ज देय नहीं होगा। खाताधारकों को शून्य ब्याज दर पर फसली ऋण तथा गोपाल क्रेडिट कार्ड योजनान्तर्गत ऋण प्राथमिकता से उपलब्ध करवाये जायेंगे।
इसी प्रकार, खाताधारकों द्वारा लॉकर्स सुविधा लेने पर उन्हें लॉकर किराये में प्रथम वर्ष में 20 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। खाताधारकों का प्रथम वर्ष की अवधि में 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा बैंक स्तर से करवाया जावेगा। प्रबंध निदेशक ने अधिकाधिक दुग्ध उत्पादकों के खाते सहकारी बैंकों में खोले जाने का आग्रह किया।
राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (आरसीडीएफ) की संस्थागत विकास अधिकारी श्रीमती सुरभि शर्मा ने दुग्ध उत्पादकों के खाते खोले जाने एवं संचालन में आ रही कठिनाईयों से अवगत करवाया गया। नाबार्ड के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक एवं ‘सहकार से समृद्धि’ के सलाहकार आरएस जोधा ने भारत सरकार के ‘सहकार से समृद्धि’ अभियान के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराते हुए ‘सहकारिता में सहकार’ विषय पर प्रकाश डाला।
भोमाराम ने 57 पहलों की महत्ता बतायी
अध्यक्षीय उद्बोधन में भोमाराम अतिरिक्तरजिस्ट्रार (सीनियर स्केल) ने भारत सरकार के ‘सहकार से समृद्धि’ अभियान की 57 पहलों में से राजस्थान राज्य में की गई पहलों की क्रियान्विति की महत्ता पर प्रकाश डाला। गुजरात के साबरकांठा एवं बनासकांठा में ‘सहकारिता में सहकार’ के सफल प्रयोगों को देश भर में प्रतिपादित करने की आवश्यकता जताते हुए भोमाराम ने केन्द्रीय सहकारी बैंकों से अपेक्षा की कि वे प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के अधिकाधिक खाते खुलवा कर, अपनी जमाओं में वृद्धि का प्रयास करेंगे ताकि नाबार्ड से उच्च ब्याज दर की उधारी प्राप्त नहीं करनी पड़े। कार्यक्रम का संचालन, अपेक्स बैंक में ‘सहकार से समृद्धि’ के नोडल अधिकारी राकेश शर्मा, उप रजिस्ट्रार ने किया।
सहकार भाव को मजबूत करने का आग्रह
सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने धन्यवाद सम्बोधन में सहकारी बैंकिंग सेक्टर में, समय के साथ नवाचार और तकनीकी विकास के साथ, सहकारिता में सहकार की भावना को सुदृढ़ करते हुए, ‘सहकार से समृद्धि’ को साकार करने की जरूरत बतायी। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थिति विभागीय अधिकारियों, सीसीबी प्रबंध निदेशकों, सीसीबी कार्मिकों एवं डेयरी पदाधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए, सहकारिता में सहकार भाव को मजबूत करने का आग्रह किया।
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