सहकारिता

दलहन-तिलहन की समर्थन मूल्य पर खरीद की टेंडर प्रक्रिया राजफैड ने की निरस्त, क्रय केंद्रों की सूची भी फाइनल नहीं

जयपुर, 4 मार्च (मुखपत्र)। राजस्थान में किसान हित में काम करने के लिए स्थापित की गयी शीर्ष सहकारी विपणन संस्था – राजस्थान सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (राजफैड) में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा। मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद के दौरान ही राजफैड में महाप्रबंधक (वाणिज्य) पद पर सरकार अल्पअवधि में ही बारी-बारी से चार अफसर बदल चुकी है। इस बीच, राजफैड ने आज तिलहन-दलहन की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए हैंडलिंग और ट्रांसपोटेशन की समूची टेंडर प्रक्रिया निरस्त कर दी। इससे पूरे राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर जारी तैयारी को झटका लगा है।

तिलहन एवं दलहन (रबी एवं खरीफ) की समर्थन मूल्य पर खरीद हेतु 1 अप्रेल 2025 से 31 मार्च 2026 तक की अवधि के लिए हैंडलिंग एवं ट्रांसपोटेशन के लिए प्रदेशभर में सहकारिता विभाग के इकाई कार्यालय स्तर पर निविदा प्रक्रिया चल रही थी। निविदा का कार्य, राजफैड के क्षेत्रीय कार्यालयों के सहयोग से सहकारिता विभाग के यूनिट ऑफिसर (उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितयां) के स्तर पर होता है। राजफैड की ओर से जारी 10 फरवरी 2025 को निविदा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश एवं प्रपत्र भेजकर, प्रदेश के समस्त इकाई अधिकारियों को टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया था। राजफैड के निर्देशानुसार, राज्य के अधिकांश भागों में टेंडर प्रक्रिया 20 मार्च तक सम्पन्न कर ली जानी थी। इसी के आधार पर टैंडर नोटिस समाचार पत्रों में प्रकाशित कर, निविदा खोलने की तैयारी थी कि आज 4 मार्च को अचानक राजफैड ने पूरी टैंडर प्रक्रिया निरस्त कर दी।

राजफैड के प्रबंध निदेशक टीकमचंद बोहरा द्वारा 4 मार्च 2024 को एक आदेश जारी कर समूची टैंडर प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया। निविदा प्रक्रिया निरस्त करने का कोई कारण नहीं बताया गया। राज्य के समस्त उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां के नाम जारी पत्र में केवल इतना ही अंकित किया गया है कि निविदा प्रक्रिया अपरिहार्य कारणों से निरस्त की जा रही है और नवीन दिशा-निर्देश एवं प्रपत्र तथा कुछ शर्तें अलग से उपलब्ध करायी जायेंगी।
उल्लेखनीय है कि कोटा संभाग में 15 मार्च से तथा राज्य के शेष भागों में 1 अप्रेल से समर्थन मूल्य पर दलहन एवं तिलहन की खरीद आरम्भ हो जायेगी। एक बार टेंडर प्रक्रिया निरस्त होने का अर्थ है कि आरटीपीपी एक्ट की पालना करते हुए यदि पुन: टेंडर प्रक्रिया सम्पन्न करवायी जायेगी, जो निविदा के लिए कम से कम 10 दिन का समय देना होगा। इसके बाद, पहले तकनीकी बिड, फिर वित्तीय बिड खोली जायेगी। बिड फाइनल होने के पश्चात, सफल फर्म के नाम कार्यादेश जारी किया जायेगा। यानी ट्रांसपोर्ट और हैंडलिंग के काम में दो से तीन सप्ताह का समय लग जायेगा। इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कोटा संभाग में 15 मार्च से खरीद कार्य आरंभ हो जायेगा।

यह भी उल्लेखनीय है कि अभी तक राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए क्रय केंद्रों को ही अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। राजफैड के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा जिला कलेक्टरों की अनुशंसा के साथ, क्रय केंद्रों की सूची जयपुर स्थित राजफैड के प्रधान कार्यालय को भिजवायी जा चुकी है, परन्तु राजफैड द्वारा आदिनांक तक सूची जारी नहीं की गयी है। राजफैड द्वारा क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से कृषि जिंसों की समर्थन मूल्य पर खरीद की जाती है।

 

 

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