सहकारी समितियों में व्यवसाय विविधिकरण पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
उदयपुर, 28 फरवरी (मुखपत्र)। अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अन्तर्गत शुक्रवार को उदयपुर सेन्ट्रल कॉ-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रधान कार्यालय में बैंक कार्यक्षेत्र के सहकारी समिति व्यवस्थापको के लिए “सहकारी समितियों में व्यवसाय विविधिकरण” पर एके दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान सहकारी शिक्षा एवं प्रबंध संस्थान (राइसेम) जयपुर के सहयोग से किया गया।
बैंक के प्रबंध निदेशक अनिमेष पुरोहित ने स्वागत उद्बोधन में व्यवस्थापकों को प्रेरित किया कि वे इस कार्यक्रम में बताये जाने वाले नवाचारों को अपनी समितियों में लागू करें। उप रजिस्ट्रार लोकेश जोशी ने अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता श्रीमती पूजा चतुर्वेदी ने ’सहकार से समृद्धि’ आंदोलन के तहत शामिल व्यवसाय विविधिकरण योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। व्याख्यान दिया तत्पश्चात् उन्होने किसी भी व्यवसाय को आरंभ करने के लिए आवश्यक स्ङ्खह्रञ्ज ्रठ्ठड्डद्य4ह्यद्बह्य के महत्व को उजागर किया। श्रीमती चतुर्वेदी ने उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि कैसे समितियाँ अल्पकालीन फसली ऋण के साथ-साथ खाद-बीज विक्रय, जन औषधि केन्द्र, पीडीएस, जल जीवन मिशन, ई-मित्र, कॉमन सर्विस सेन्टर एवं कृषक विकास केन्द्र का कार्य कर सकती है।
अधिशाषी अधिकारी डॉ. मेहजबीन बानो ने व्यवसाय विविधिकरण हेतु सहकारी बैंक की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि समिति बैंक की विभिन्न ऋण योजनाओं का लाभ उठाकर नया व्यवसाय आरंभ कर सकती हैं। विशेष लेखा परीक्षक कौटिल्य भट्ट ने व्यवसाय विविधिकरण को समिति के भविष्य के लिए अति आवश्यक बताया।
कार्यशाला में उदयपुर, राजसमन्द, सलुम्बर एवं प्रतापगढ़ जिले के ग्रामसेवा सहकारी समितियों के 90 से अधिक व्यवस्थापकों ने भाग लिया। मंच संचालन डॉ. धर्मेश मोटवानी ने किया। कार्यक्रम में बैंक के अधिकारी के.एल. शर्मा, हितेश पांचाल, प्रिन्स गहलोत एवं श्रीमती मीना नेभनानी आदि उपस्थित रहे।
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