सहकारी सोसाइटी का संचालक मंडल भंग, प्रशासक नियुक्त, करोड़ों रुपये का घोटाला, न विभाग का सहयोग कर रहे, न जमाकर्ताओं को भुगतान
बीकानेर, 21 फरवरी (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग ने श्रीगंगानगर जिले के जैतसर क्षेत्र की 2 जीबीए ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड (मुख्यालय 3 जीबी) का संचालक मंडल भंग कर दिया है। दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की जैतसर शाखा क्षेत्र से सम्बद्ध 2 जीबीए ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा संचालित मिनी बैंक में हाल ही में लगभग 9 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया था।
खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, बीकानेर राजेश टाक ने आज 21 फरवरी को राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 30(1)(क)(??) के निर्धारित प्रावधानों के अनुसार, 2 जीबीए ग्राम सेवा सहकारी समिति लि., 3 जीबीए के संचालक मंडल को भंग कर दिया और नई समिति (संचालक मंडल) का गठन होने तक, सहकारी निरीक्षक विकास चौधरी को प्रशासक नियुक्त कर दिया, जो कि कार्यालय उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां अनूपगढ़ में पदस्थ हैं।
2 जीबीए सोसाइटी के मिनी बैंक में गबन का प्रकरण सामने आने के पश्चात, गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा संचालक मंडल को, अधिनियम अंतर्गत जांच में दोषी पाये गये व्यवस्थापक बिश्नपाल सिंह को निलम्बित करने और मिनी बैंक में जमा लगभग एक करोड़ रुपये की राशि का, खाताधारकों को भुगतान करने के लिए कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन संचालक मंडल ने व्यवस्थापक को निलम्बित करने में अनावश्यक विलम्ब किया।
गबन के आरोपियों/वारिसों की अधिकाधिक सम्पत्ति की सूचना इकाई कार्यालय, अनूपगढ़ को उपलब्ध करवाकर अटेचमेंट बिफॉर अवॉर्ड की कार्यवाही करवाने के साथ-साथ अपेक्षित विधानसभा प्रश्नों के प्रत्युत्तर भिजवाए जाने हेतु निर्देशित किया गया था, जो कि सोसायटी की समिति द्वारा नहीं किए गए। साथ ही, इसी प्रकरण में राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001 की धारा 55(5)(6) के प्रावधानों के अनुसार जारी जांच परिणाम एवं निर्देश क्रमांक 76130 दिनांक 18.11.2024 के जांच बिंदु संख्या 1 के जांच परिणाम एवं निर्देशों में सोसायटी के व्यवस्थापक के ेविरूद्ध प्रचलित सेवानियमों के अन्तर्गत कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। परन्तु सोसायटी की समिति द्वारा उपविधियों में निर्धारित अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया।
यहां गौरतलब है कि वित्तदाता बैंक के बार-बार अनुरोध एवं प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद समिति ने मिनी बैंक में जमा लगभग एक करोड़ रुपये की राशि के खाताधारकों को भुगतान करने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया। बैंक ने समिति के समक्ष समय-समय पर तीन प्रस्ताव भेजे ताकि कम राशि वाले खाताधारकों को पूरा भुगतान मिल जाये एवं बड़ी राशि वालों को, शेष बची राशि से औसत आधार पर भुगतान किया जा सके। बैंक ने अंतिम बार, छोटे खाताधारकों को 15 हजार रुपये प्रति खाताधारक का भुगतान किये जाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन समिति से इसे भी स्वीकार नहीं किया। हालांकि, इससे सोसाइटी के 150 से अधिक खाताधारकों को पूरा भुगतान मिल जाता। दूसरी ओर, खाताधारक लगातार 70 दिन से बैंक की जैतसर शाखा के समक्ष धरना लगाये बैठे हैं। कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
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