सहकारिता

सहकारिता के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग को सुविधाएं और सेवाएं प्राप्त हो रही – गिल

कोटा सीसीबी के स्थापना दिवस पर अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष सम्बंधी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

कोटा, 3 फरवरी (मुखपत्र)। वर्ष 2025 को अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किये जाने पर कोटा सेण्ट्रल को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड द्वारा बैंक के 99वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। फरवरी 1927 को महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय ने बैंक की स्थापना की थी। इस मौके पर बैंक के इतिहास से जुड़े बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक, चेयरमैन के भावी पीढ़ी के सदस्यों और सेवानिवृत स्टाफ को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से बैंक के पूर्व चेयरमैन राधकृष्ण साबू के भतीजे सी.ए. बजरंगलाल साबू, बैंक के संस्थापक सदस्य एवं स्टेट के प्रथम रजिस्ट्रार खजानसिंह सेठी के प्रपौत्र तेजेंदरसिंह सेठी, पूर्व एम.डी. पुरुषोत्तम दास सोरल के पुत्र नलिन सोरल, पूर्व बैंक अधिकारी के पुत्र सी.ए. प्रदीप गर्ग और बैंक के वरिष्ठ सेवानिवृत अधिकारी, कर्मचारी सम्मिलित हुए। राजकीय महाविद्यालय के हिंदी साहित्य के प्रो. विवेक मिश्रा और अर्थशास्त्री एवं वरिष्ठ बैंकिंग विशेषज्ञ डॉ. गोपालसिंह की मुख्य वक्ता के रूप में भागीदारी रही।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए, कोटा सीसीबी के प्रबंध निदेशक बलविंदर सिंह गिल ने अपने सम्बोधन में कहा कि पूरा विश्व वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मना रहा है। इसी क्रम में बैंक के स्थापना दिवस पर ‘सहकारिता से बेहतर विश्व के निर्माण’ पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया है। विश्व में आज सहकारिता के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग को सुविधाएं और सेवाएं प्राप्त हो रही हैं। ‘एक सबके लिए, सब एक के लिए’ की अवधारणा से विश्व समुदाय उन्नति के नये आयाम तलाश रहा है।

सहकारिता की विरासत संस्थाओं का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसी क्रम में कोटा सीसीबी, जो आज अपनी स्थापना के 98 वर्ष पूर्ण कर चुका है, द्वारा स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के रूप में और कालांतर में कोटा सेन्ट्रल कोऑपरेटिव बैंक के रूप में निरंतर कृषकों और व्यापारियों से लेकर समाज के वंचित वर्ग तक सेवाएं देकर समाज और राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान किया गया है।

बैंक की आर्थिक प्रगति की प्रशंसा

अर्थशास्त्री गोपाल सिंह ने बैंक के वित्तीय मापदंडों का अवलोकन कर बैंक की आर्थिक प्रगति पर बैंक के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए सदन को वित्तीय प्रबंधन और उसमें सहकारी तथा अन्य बैंकों की भूमिका पर व्याख्यान दिया।

प्रोफेसर विवेक मिश्रा ने कहा कि बैंक ने स्थापना समय से बैंकिंग के माध्यम से हिंदी के विकास के लिए पुरजोर प्रयास किये। व्यवसायी तेजेंदर सेठी, सीए बजरंगलाल साबू, बैंक के अधिशासी अधिकारी राजेश मीणा, एडवोकेट विमल जैन ने भी सम्बोधित किया।

मुख्य प्रबंधक हेमन्त सामरिया ने बैंक के गत 5 वर्ष के वित्तीय आंकड़े और शताब्दी वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य का प्रारूप प्रस्तुत किया। मंच संचालन वरिष्ठ प्रबंधक राजेन्द्र सिंह यादव ने किया। अंत में वरिष्ठ प्रबंधक शशि शेखर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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