राज्यसहकारिता

राज्यपाल की समीक्षा बैठक में पैक्स, ऋण असंतुलन, व्यवस्थापकों के नियोक्ता और अरबन को-ऑपरेटिव बैंकों पर हुई चर्चा

जयपुर, 8 अगस्त (मुखपत्र)। राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने गुरुवार को राजभवन में सहकारिता विभाग, राजस्थान सहकारी डेयरी फैडरेशन (RCDF), कृषि विभाग और पशुपालन विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक ली। दो घंटे से अधिक समय तक चली समीक्षा बैठक में राज्यपाल ने डेयरी सैक्टर के साथ-साथ शहरी/नागरिक सहकारी बैंक (UCB), ग्राम सेवा सहकारी समितियों (PACS), पैक्स के कार्यों एवं आय, पैक्स और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) के मध्य ऋण असंतुलन पर विस्तार से फीड बैक लिया।

उन्होंने सहकारी संस्थाओं के कारोबार, वित्तीय स्थिति, सदस्य संख्या आदि के बारे में भी फीडबैक लिया। राज्यपाल ने सहकारी क्षेत्र पर चर्चा के दौरान प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के व्यवस्थापकों (महाराष्ट्र में सचिव पदनाम) के नियोक्ता की भी जानकारी ली। राज्यपाल ने प्रदेश में अरबन को-ऑपरेटिव बैंकों की बहुत कम संख्या की जानकारी मिलने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इतने अरबन को-ऑपरेटिव बैंक तो महाराष्ट्र के एक शहर में मिल जायेंगे।

सहकारिता विभाग की ओर से संयुक्त शासन सचिव दिनेश कुमार जांगिड़, अतिरिक्त रजिस्ट्रार-प्रथम एवं राजस्थान सहकारी भर्ती बोर्ड के पदेन अध्यक्ष राजीव लोचन शर्मा और राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (अपेक्स बैंक) के प्रबंध निदेशक संजय पाठक ने राज्यपाल को फसली ऋण वितरण से लेकर विभिन्न विभागीय और राज्य सरकार की योजनाओं/कार्यक्रमों की जानकारी दी। राज्यपाल ने नागरिक सहकारी बैंक की सम्भावना और सहकारी क्षेत्र से सम्बद्ध कार्यों से अधिकाधिक लोगों को जोडक़र कार्य करने की आवश्यकता जताई।

राज्यपाल श्री वागड़े को सहकारी डेयरी सैक्टर का लम्बा अनुभव है। वे केंद्र सरकार द्वारा राज्यपाल नियुक्त से पहले तक महाराष्ट्र में सहकारी डेयरी संघ के अध्यक्ष थे। राज्यपाल ने राजस्थान सहकारी डेयरी फैडरेशन (आरसीडीएफ) की सीएमडी सुषमा अरोड़ा एवं बैठक में उपस्थित एक अन्य अधिकारी ने राजस्थान की डेयरी सहकारिता की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने औसत दुग्ध संकलन, औसत तरल दुग्ध विपणन, पशु आहार उत्पादन, घी की आपूर्ति आदि के बारे में जानकारी ली। राज्यपाल ने ग्रामीण क्षेत्रों में इन गतिविधियों से पशुपालकों को अधिकाधिक लाभान्वित किए जाने का निर्देश दिया।

राज्यपाल ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती से जुड़े नए आयामों को अपनाने की आवश्यकता जताई और जैविक खेती एवं उद्यानिकी क्षेत्र में राज्य में हो रहे कार्यों की जानकारी लेते हुए किसानों को नई फसलों और फलों की खेती के लिए प्रेरित किये जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में अपनाई जा रही कृषि की अच्छी, महत्वपूर्ण और किसानों के लिए लाभकारी तकनीक को राजस्थान में भी उपयोग में लाया जाए।

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