मुख्य सचिव की मौजूदगी में राजफेड की वार्षिक आम सभा में हंगामा, नाराज सुधांश पंत एजीएम बीच में छोड़ कर चले गये
जयपुर, 26 सितम्बर (मुखपत्र) । दो दशक से अधिक समय से निर्वाचित अध्यक्ष से विहीन राजफैड (राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड) की वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) में गुरुवार को मुख्य सचिव सुधांश पंत की मौजूदगी में हंगामा हो गया। राजफैड की पिछली वार्षिक आमसभा में, सदस्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा उठाये गये मुद्दों एवं समस्याओं का राजफेड प्रबंधन द्वारा साल भर में समाधान नहीं करने से खफा क्रय विक्रय सहकारी समितियों के अध्यक्षों ने पहले ही एजेंडे पर ऐसे तीखे तेवर दिखाये कि सीएम के समक्ष राजफेड के अधिकारियों के अकुशल प्रबंधन की पोल खुल गयी। अप्रत्याशित घटनाक्रम से रुष्ट हुए मुख्य सचिव और राजफैड के प्रशासक सुधांश पंत एजीएम बीच में छोडक़र चले गये, जबकि वे स्वयं ही वार्षिक आसमभा की अध्यक्षता कर रहे थे। उस समय बैठक में सहकारिता विभाग की शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल, राजफैड के प्रबंध निदेशक नारायण सिंह राठौड़ और नेफेड के अधिकारी मंच पर मौजूद थे। सीएस के बिना किसी से बात किये, एजीएम के बीच में से अचानक उठ कर चले जाने से राजफैड अधिकारियों के हाथपांव फूल गये।
मुख्य सचिव के रवाना होते हुए, क्रय विक्रय सहकारी समितियों के अध्यक्षों ने एजीएम का बहिष्कार कर दिया और राजफैड के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नेहरू सहकार भवन से बाहर निकलने लगे। राजफैड के अधिकारियों ने किसी तरह अध्यक्षों को मनाया और उनकी बात सुनकर समाधान का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर अध्यक्ष लौटकर आये और उसके पश्चात, रजिस्ट्रार, श्रीमती मंजू राजपाल की अध्यक्षता में मीटिंग पुन: शुरू हुई। हालांकि, एकबारगी अध्यक्षों ने संस्था के बायलॉज का हवाला देते हुए रजिस्ट्रार द्वारा अध्यक्षता नहीं कर सकने का मुद्दा उठाया। सदस्यों का कहना था कि प्रशासक/अध्यक्ष की गैर मौजूदगी में उपाध्यक्ष अथवा एजीएम में उपस्थित सदस्यों में से कोई एक, आमसभा की अध्यक्षता कर सकता है।
ऐसे मेंं रायसिंहनगर क्रय विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष और भूमि विकास बैंक के निवर्तमान अध्यक्ष राकेश ठोलिया ने रजिस्ट्रार मंजू राजपाल की अध्यक्षता के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए उन्हें अध्यक्षता के लिये आमंत्रित किया। इसके उपरांत बैठक पुन: शुरू होने पर रजिस्ट्रार मंजू राजपाल ने सदस्यों को विश्वास दिलाया कि यहां पर न केवल उनकी बात को अच्छे से सुना जायेगा, बल्कि तत्परता से समाधान भी कराया जायेगा। अपने सम्बोधन में श्रीमती राजपाल ने कहा कि अध्यक्षगण अपनी एक कमेटी बनायें और अपनी समस्याओं से अगवत करायें। यथासंभव दो से तीन माह में समस्याओं का समाधान करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। रजिस्ट्रार के आश्वासन से संतुष्ट होने के पश्चात केवीएसएस अध्यक्षों ने वार्षिक आमसभा की कार्यवाही का शांतिपूर्वक संचालन में सहयोग दिया।
सीएस ने राजफेड एवं केवीएसएस के कार्यों को सराहा
इससे पूर्व, नेहरू सहकार भवन के सभागार में राजफैड की 68वीं वार्षिक आमसभा को सम्बोधित करते हुए प्रशासक एवं मुख्य सचिव सुधांश पंत ने प्रशासकीय उद्धबोधन में राजफेड की विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों, समर्थन मूल्य पर खरीद, ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था, संस्था की उपलब्धियों की चर्चा की। रायसिंहनगर केवीएसएस अध्यक्ष राकेश ठोलिया ने राजफैड की एजीएम में सीएस की लम्बे समय तक उपस्थिति और सदस्यों की बात सुनने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
अध्यक्षों ने रखी अपनी बात
इसके उपरांत, राजस्थान क्रय विक्रय सहकारी संघ के अध्यक्ष चेतन चौधरी (अध्यक्ष, किशनगढ़), सवाईमाधोपुर केवीएसएस अध्यक्ष हंसराज शर्मा, मूंडवा के प्रेमसुख कड़वासरा, सूरतगढ़ के भानू गोदारा आदि ने क्रय व्रिय सहकारी समितियों के समक्ष चुनौतियों, फसल खरीद का बकाया कमीशन और मार्केटिंग सोसाइटियों को पीडीएस का काम देने की मांग रखी। रायसिंहनगर के राकेश ठोलिया ने रावला केवीएसएस में समर्थन मूल्य पर सरकार को सरसों बेचने वाले पात्र किसानों को भुगतान नहीं करने और मूंग की खरीद देरी से शुरू होने के कारण, किसानों व मार्केटिंग सोसाइटियों को होने वाले नुकसान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि रावला मामले में सहकारी अधिकारियों पर तो एक्शन ले लिया गया, लेकिन किसानों का भुगतान आज नहीं हो पाया है, यह कब होगा, इस पर स्पष्ट उत्तर चाहिये।
गत बैठक की कार्यवाही की पुष्टि से किया इंकार
अध्यक्ष द्वारा अपने बात रखे जाने के बीच ही, राजफैड के प्रबंध निदेशक नारायण सिंह राठौड़ ने बैठक की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए बिन्दूवार एजेंडा प्रस्तुत करना शुरू किया। पहला एजेंडा, साल 2023 में सम्पन्न गत वार्षिक आमसभा की कार्यवाही की पुष्टि का था, लेकिन अध्यक्षों ने एक स्वर में पुष्टि करने से इंकार कर दिया। अध्यक्षों ने कहा कि जिन मुद्दों एवं समस्याओं पर पिछले एजीएम में चर्चा हुई और प्रस्ताव पारित किये गये, राजफैड ने साल भर में उनका कोई समाधान नहीं किया। इसलिए वे गत एजीएम की कार्यवाही की पुष्टि नहीं करते। एक बाद एक, कई अध्यक्षों ने राजफैड के अधिकारियों पर हठधर्मिता, तानाशाही और क्रय विक्रय सहकारी समितियों को बर्बाद करने जैसे गंभीर आरोप लगाये।
…. और नाराज सीएस एजीएम से उठकर चले गये
केवीएसएस अध्यक्षों के आरोपों और राजफैड अधिकारियों के अनप्रोफेशनल बिहेवियर एवं मिस मैनेजमेंट से नाराज सीएम सुधांश पंत बिना किसी को बताये, अचानक बैठक छोडक़र चले गये। इससे अध्यक्ष भडक़ गये और उन्होंने एजीएम का बहिष्कार कर दिया। अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष धरना देने की घोषणा की और नारेबाजी करते हुए मीटिंग छोडक़र सभागार से बाहन निकलने शुरू हो गये। फिर, राजफैड अधिकारियों द्वारा मान-मुनव्वल किये जाने पर बैठक में लौटकर आये।