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एकमुश्त समझौता योजना में कमजोर प्रदर्शन वाले सहकारी बैंकों पर विशेष फोकस करें : मंजू राजपाल

सीएम-ओटीएस की समीक्षा : कमजोर प्रदर्शन वाले पीएलडीबी में पर्याप्त संख्या में अनुभवी एवं कुशल अधिकारी-कर्मचारी नियुक्त करने के निर्देश

जयपुर, 6 अगस्त (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना (CM-OTS) सहकारी भूमि विकास बैंकों के साथ ही ऋणी सदस्यों के लिए भी मुख्यधारा में आने का एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि योजना का लाभ अधिक से अधिक पात्र ऋणी सदस्यों को मिलना चाहिये।

वे बुधवार को वीसी के माध्यम से सहकारी भूमि विकास बैंकों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनान्तर्गत वसूली में अब तक कमजोर प्रदर्शन करने वाले प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों पर विशेष रूप से फोकस करते हुए अधिकाधिक वसूली के प्रयास किए जाएं। इसके लिए ऐसे बैंकों का दौरा किया जाए, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए तथा कार्य में आ रही समस्याओं का शीघ्र निस्तारण किया जाए। उन्होंने अच्छी प्रगति हासिल करने वाले बैंकों की सराहना करते हुए उन्हें शेष रहे प्रकरणों में भी पूरी ऊर्जा के साथ वसूली के प्रयास करने के निर्देश दिए।

खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार भी नियमित मोनेटरिंग करें

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि ऋणी सदस्यों की मांग के दृष्टिगत राज्य सरकार ने योजना की अवधि 30 सितम्बर तक बढ़ाई है। ऋणी सदस्यों को योजना के दायरे में लाने के लिए अब दो माह से भी कम का समय शेष है। ऐसे में अधिकारी फील्ड में अधिक क्षमता से प्रयास करते हुए योजना की व्यापक क्रियान्विति सुनिश्चित करें। मुख्यालय स्तर के साथ ही खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार स्तर पर इसकी नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जाए। जिन बैंकों में बड़ी राशि के अधिक प्रकरण लम्बित हैं एवं जिन बैंकों का प्रदर्शन राज्य औसत से कम है, वहां अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि इन जिलों में पर्याप्त संख्या में अनुभवी और कुशल अधिकारी-कर्मचारी लगाये जाएं।

अकृषि ऋणों की वसूली के लिये नीलामी करें

रजिस्ट्रार ने निर्देश दिए कि अकृषि ऋणों की वसूली हेतु अधिनियमानुसार नीलामी की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सहकारी बैंकों एवं भूमि विकास बैंकों को आपसी समन्वय व सहयोग से कार्य करते हुए दीर्घकालीन सहकारी साख ढांचे के पुनरूद्धार के लिए वसूली प्रतिशत बढ़ाने की आवश्यकता है। वसूली में अच्छी प्रगति हासिल करने वाले प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना संचालित करने हेतु अभिशंषा करने पर विचार किया जा सकता है।

पैक्स व्यवस्थापकों को प्रोत्साहन राशि पर विचार

राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के प्रबंध निदेशक जितेन्द्र प्रसाद ने अब तक हुई प्रगति की जानकारी देते हुए इस संबंध में किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि आवश्यकतानुसार बैंकों में अतिरिक्त स्टाफलगाने की कार्यवाही की जा रही है। वसूली के लिए पैक्स व्यवस्थापकों को प्रोत्साहन राशि देने पर बैंकों द्वारा अपने स्तर पर निर्णय लिया जा सकता है।

बैठक में अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक संजय पाठक एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार (मॉनिटरिंग) ज्योति गुप्ता सहित एसएलडीबी के वरिष्ठ अधिकारी नेहरू सहकार भवन से वीसी के माध्यम से जुड़े। जबकि, सभी खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, जिला उप रजिस्ट्रार, केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक एवं प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सचिव भी वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। (File Photo)

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