राज्यसहकारिता

ग्रामीण परिवारों को नॉन फार्मिंग सैक्टर के लिए मिलेगा दो लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण

राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका योजना के तहत सहकारी बैंक भी देंगे लोन

जयपुर, 31 जनवरी (मुखपत्र)। राजस्थान सरकार ने ग्रामीण परिवारों के लिए राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका योजना आरम्भ की है, जिसे ऐसे परिवारों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी, जो नॉन-फार्मिंग सैक्टर से जुड़े हैं। सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 में बजट भाषण में इस योजना की घोषणा की गयी थी। ग्रामीण क्षेत्र मे कई कृषक परिवार, कृषि एवं पशुपालन के साथ-साथ नॉन-फार्मिंग सैक्टर, जैसे- हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई-छपाई आदि पर भी आजीविका के लिए निर्भर है। ऐसे एक लाख परिवारों को आजीविका ऋण योजना के तहत 2 हजार करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त ऋण वितरित किया जायेगा। इसके लिए सरकार लगभग 100 करोड़ रुपये का ब्याज अनुदान देगी।

ऋण के लिए कौन-कौन पात्र होगा

जो परिवार कम से कम पांच साल से ग्रामीण क्षेत्र में निवास कर रहे हों, पात्रता मापदण्ड की पूर्ति करने वाले लघु एवं सीमान्त कृषक तथा भूमिहीन श्रमिक जो कि किरायेदार, मौखिक पट्टेदार, बटाईदार आदि के रूप में काश्त कर रहे हैं, तथा ग्रामीण दस्तकार व अकृषि कार्यों में जीवन यापन करने वाले ग्रामीण परिवार के सदस्य योजना में पात्र माने गये हैं। परिवार का कोई भी वयस्क सदस्य योजनान्तर्गत अकृषि गतिविधियों हेतु ऋण प्राप्त कर सकेगा। परिवार से अभिप्राय जनआधार कार्ड में वर्णित सदस्यों से होगा।

परिवार के सदस्य के पास किसी भी लाइसेंसधारी बैंक से जारी किया हुआ किसान क्रेडिट कार्ड होना चाहिये। जिन परिवारों के पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हो, उनको बैंक द्वारा नये सदस्य के रूप में अकृषि कार्यों हेतु क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किया जाकर योजना का लाभ दिया जायेगा।

पात्रों के चयन के लिए 7 सदस्यीय कमेटी

जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली 7 सदस्यीय कमेटी पात्रता मानदंड के तहत परीक्षण करके, पात्र उम्मीदवारों का चयन करेगी, जिसे बैंक में प्रेषित किया जायेगा। बैंक की सम्बंधित शाखा को 15 दिवस में ऋण स्वीकृति पर यथोचित निर्णय लेना होगा। जिला परिषद का एसीईओ कमेटी का सदस्य सचिव होगा।

25 हजार रुपये से 2 लाख रुपये तक का ऋण

भोमाराम, प्रबंध निदेशक
राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लि. जयपुर

राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (आरएससीबी) के प्रबंध निदेशक भोमाराम ने बताया कि ग्रामीण परिवार आजीविक ऋण योजना के अंतर्गत न्यूनतम 25 हजार रुपये से लेकर अधिकतम 2 लाख रुपये के ऋण स्वीकृत किये जा सकेंगे। इसके लिए तीन कैटेगिरी बनायी गयी हैं। पहले कैटेगिरी में 50 हजार रुपये तक, दूसरी में 50,001 से 1 लाख रुपये तक और तीसरी कैटेगिरी में 1 लाख 1 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का ऋण दिया जायेगा। इस योजना के तहतह स्वीकृत साख सीमा का प्रतिवर्ष नवीनीकरण करवाना होगा।

समय पर चुकारा करने वालों को नहीं देना होगा ब्याज

इस योजना में वितरित ऋण पर सम्बंधित बैंक अधिकतम 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज ले सकेंगे, लेकिन निर्धारित समय पर साख सीमा का समय पर नवीनीकरण करवाने वाले सदस्यों से कोई ब्याज वसूल नहीं किया जावेगा। बैंकों द्वारा लगाया जाने वाले ब्याज राज्य सरकार वहन करेगी। यदि ऋणी मैम्बर द्वारा साख सीमा का एक वर्ष पूर्ण होने पर नवीनीकरण नहीं करवाया जाता है, तो ऐसे ऋणी से चूक की अवधि का साधारण ब्याज एवं अधिकतम 2 प्रतिशत की दर से दण्डनीय ब्याज भी वसूल किया जा सकेगा। खास बात यह कि इस योजना में आवेदक से कोई प्रोसेसिंग फीस चार्ज नहीं की जा सकेगी।

सहकारिता विभाग को बनाया नोडल एजेन्सी

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने आजीविका योजना की क्रियान्विति के लिए सहकारिता विभाग को नोडल एजेंसी बनाया है। राज्य के कॉमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों व प्राइवेट बैंकों हेतु राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उप नोडल एजेंसी होगी। जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के लिए राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड तथा प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों (पीएलडीबी) के लिए राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड को उप नोडल एजेन्सी बनाया गया है।

एसएचजी/उत्पादक समूह भी लोन ले सकेंगे

एमडी भोमाराम ने बताया कि आजीविका ऋण योजना के तहत राजीविका के स्वयं सहायता समूह/उत्पादक समूह/व्यावसायिक समूह के सदस्यों को सामूहिक गतिविधि के लिए व्यक्तिगत रूप से ऋण उपलब्ध करवाया जा सकेगा। प्रत्येक समूह में अधिकतम 10 सदस्य को व्यक्तिगत रूप से ऋण दिया जा सकेगा। समूह की अधिकतम ऋण सीमा 2 लाख रुपये होगी।

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