सहकारिता

सहकारी सोसाइटियों के गोदामों का होगा भौतिक सत्यापन, रजिस्ट्रार मंजू राजपाल ने निरीक्षकों को सौंपी ज़िम्मेदारी

जयपुर, 12 फरवरी (मुखपत्र)। गोदाम निर्माण में कथित अनियमितताओं और प्रथम किश्त मिलने के बावजूद गोदाम निर्माण आरंभ नहीं किये जाने की शिकायतों को देखते हुए, सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में राज्य सरकार के आर्थिक सहयोग से बनाये जा रहे गोदामों की जांच करवाने का निर्णय लिया गया है। राजधानी जयपुर में पदस्थापित 18 सहकारी निरीक्षकों को 18 जिलों में गोदाम निर्माण की जांच का दायित्व सौंपा गया है।

रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, श्रीमती मंजू राजपाल ने इन निरीक्षकों को सहकार से समृद्धि अभियान के तहत ‘सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना’ के तहत 500 मीट्रिक टन के स्वीकृत ऐसे निर्माणाधीन गोदामों के भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी है, जिन्हें पहली किश्त जारी कर दी गयी है। बजट घोषणा के तहत ऐसे प्रत्येक गोदामों के निर्माण के लिए राज्य सरकार की ओर से 25 लाख रुपये अनुदान के रूप में उपलब्ध कराये जाने हैं, जिनकी पहली किश्त 12 दिसम्बर 2024 को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा जारी की जा चुकी है। बजट घोषणा वर्ष 2024-25 के बिन्दू संख्या 129 के अनुसार, प्रदेश में सहकारी संस्थाओं में भंडारण क्षमता बढ़ाये जाने के लिए 100 सहकारी सोसाइटियों में 500 मीट्रिक क्षमता के गोदामों का निर्माण करवाया जा रहा है।

निरीक्षण के दिन की स्थिति की रिपोर्ट करनी होगी

निरीक्षकों को गोदाम निर्माण कार्य प्रारम्भ करने एवं निरीक्षण के दिन निर्माण की स्थिति की वास्तविक रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। इन्हें रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से एक प्रपत्र दिया गया है, जिसमें विस्तार से गोदाम निर्माण की निरीक्षण रिपोर्ट मय फोटो प्रस्तुत करनी होगी। यदि निरीक्षण के दौरान प्रपत्र में वर्णित बिन्दूओं के इतर भी कोई कमी पायी जाती है, तो उसका भी उल्लेख करने के लिये कहा गया है। निरीक्षकों को निरीक्षण के दौरान, गोदाम निर्माण के लिए जारी गाइडलाइन के अनुरूप रिकार्ड का संधारण किया जा रहा है अथवा नहीं, यह रिपोर्ट भी करनी होगी। प्रत्येक निरीक्षक को, आवंटित जिले में अधिकतम 2 दिन, विशेष परिस्थिति में 3 दिन में अपना निरीक्षण पूर्ण करने के लिये निर्देशित किया गया है। निरीक्षण करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी निर्धारित की गयी है।

इन बिन्दुओं पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी

– डीपीआर के अनुसार परियोजना लागत
– प्रथम किश्त जारी होने की दिनांक
– डीपीआर का डीसीडीसी से अनुमोदन, हां या नहीं
– मोनेटरिंग कमेटी की बैठक कब हुई
– निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति

इन निरीक्षकों को मिली जिम्मेदारी

कार्यालय विषेश लेखा परीक्षक, जयपुर (ग्रामीण) में पदस्थ निरीक्षक करतार सिंह को श्रीगंगानगर, दिलीप कुमार शर्मा को कोटा, श्रवण मीणा को बाड़मेर व रामावतार सैनी को नागौर जिले के गोदामों के भौतिक सत्यापन का जिम्मा सौंपा गया है।

कार्यालय विशेष लेखा परीक्षक, जयपुर (शहर) में पदस्थ निरीक्षक अचल सिंह चौहान को जोधपुर, मनीष धाभाई को उदयपुर, विवेक काविया को पाली व श्रीमती सपना मीणा को सवाईमाधोपुर, कार्यालय उप रजिस्ट्रार, कार्यालय जयपुर (ग्रामीण) में पदस्थ सुरेश कुमार शर्मा को चित्तौडग़ढ़ व सुरेंद्र कुमार यादव को झालावाड़, कार्यालय उप रजिस्ट्रार, जयपुर (शहर) में पदस्थ निरीक्षक नारायणलाल वर्मा को अलवर व नवनीत सैनी को बारां जिले में निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।

इनके अतिरिक्त, सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण, जयपुर में पदस्थ निरीक्षक विश्राम मीणा को हनुमानगढ़, मीतू यादव को सीकर, श्रीमती अनिता यादव को जयपुर व श्रीमती दर्शना को झुंझुनू, संयुक्त रजिस्ट्रार (विधि) प्रधान कार्यालय में पदस्थ निरीक्षक शैलेश सोनी को भीलवाड़ा और सहायक निदेशक, (सांख्यिकी) प्रधान कार्यालय में पदस्थ मनीष कुमार अग्रवाल को टोंक जिले में निरीक्षण करेंगे।

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