राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला का मंगलवार को होगा समापन, मेगा लक्की ड्रा में 2 लाख रुपये के पुरस्कार जीतने का मौका
सहकार मसाला मेला में अब तक 1 करोड़ 90 लाख रुपये का कारोबार
जयपुर, 27 मई (मुखपत्र)। जवाहर कला केंद्र में जारी राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2024 अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। जयपुरवासिसों को शुद्ध एवं गुणवत्तायुक्त मसाले उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयोजित यह दिवसीय मेला 19 मई को आरम्भ हुआ था, जो 28 मई मंगलवार की शाम को सम्पन्न हो जायेगा। मेले में अब तक 1 करोड़ 90 लाख रुपये के मसाले व अन्य खाद्य पदार्थों की बिक्री हो चुकी है।
राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (CONFED) की प्रबंध निदेशक श्रीमती शिल्पी पाण्डे ने बताया कि राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला- 2024 का आयोजन सहकारिता विभाग एवं उपभोक्ता संघ का एक अनूठा प्रयास है, जिसके माध्यम से हम शुद्ध मसालों एवं खाद्य पदार्थों को आमजन की रसोई तक पहुंचा कर वर्तमान एवं आगे की पीढ़ी के स्वास्थ्य को समृद्ध बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मेले के माध्यम से हम एक ही छत के नीचे प्रदेश के सभी क्षेत्रों के साथ-साथ केरल, तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात तथा बिहार जैसे राज्यों के विशिष्ट मसालों एवं उत्पादों को पूर्ण शुद्धता के साथ उचित मूल्य पर उपलब्ध करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकार मसाला मेले के आयोजन का मूल उद्देश्य आमजन को गुणवत्तापूर्ण एवं विश्वसनीय सेवाओं के माध्यम से सहकारिता की भावना को साकार करना है। जयपुरवासियों को गुणवत्ता वाले मसाले उपलब्ध हो सकें, इसके लिए सहकारिता विभाग, देश एवं प्रदेश की सहकारी समितियों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है। इस मेले के माध्यम से हजारों जयपुरवासी अपनी जरूरत के अनुसार वर्षभर के मसाले खरीदते हैं।
200 से अधिक उत्पाद उपलब्ध
उपभोक्ता संघ के महाप्रबंधक (व्यवसाय) अनिल कुमार ने बताया कि प्रदेश में अभी नौतपा का असर चल रहा है लेकिन राष्ट्रीय सहकार मसाला मेले के उत्पादों की महक उनके कदम मेले में आने से रोक नहीं पा रहा है और जयपुरवासी जमकर मसालों की खरीद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मेले के माध्यम से अब तक रिकार्ड 1 करोड़ 90 लाख रूपये से अधिक मसालों एवं अन्य उत्पादों की बिक्री हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि मेले में 10 प्रकार के साबुत गरम मसाले, 13 परम्परागत मसाले, 27 प्रकार के इंस्टेंट मसाले, 5 प्रकार के परम्परागत साबुत मसाले, 16 प्रकार के अचार, 26 प्रकार के शर्बत, 5 प्रकार की ठण्डाई, 5 प्रकार के मुरब्बे, 7 प्रकार की सूखी सब्जियां, अंजीर, पिस्ता, अखरोट सहित एक दर्जन प्रकार के सूखे मेवे, डेयरी उत्पादए खाद्यान्न एवं अनाज, तेल एवं अन्य उत्पाद सहित 200 से अधिक प्रकार के उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध कराए गए है। कॉनफैड द्वारा मेले में बूंदी, हरियाणा एवं पंजाब के बासमती चावल उपलब्ध कराये गये हैं।
प्रदेशभर के प्रसिद्ध मसाले एक ही छत के नीचे
उपभोक्ता संघ के महाप्रबंधक राजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश के जिला सहकारी उपभोक्ता भंडारों जैसे जयपुर, कोटा, उदयपुर, राजसमंद, जोधपुर, भरतपुर, अजमेर, बीकानेर, बूंदी, श्रीगंगानगर द्वारा क्षेत्र विशेष में उत्पादित हो रहे खाद्यान्न, मसाले एवं शीतल पेय पदार्थ उचित मूल्य पर उपलब्ध कराए गए हैं। आबूरोड की सौंफ, उदयपुर के मसालों के अर्क, बीकानेर के पापड़, कोटा भंडार का लहसुन, सीकर का प्याज, जोधपुर की सूखी सब्जियां सहित अन्य सहकारी समितियों द्वारा लाई गई मसाला सामग्री एवं उत्पाद आकर्षण के केन्द्र बने हुये हैं।
मेगा लक्की ड्रा में पांच पुरस्कार
उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन लक्की ड्रा द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमश: 5100 रुपये, 3100 रुपये और 2100 रुपये मूल्य के गिफ्ट हैम्पर दिये जा रहे हैं। मेले के अंतिम दिन 28 मई को पांच बम्पर ड्रॉ निकाले जायेंगे। प्रथम बम्पर ड्रॉ में आईएफबी की फ्र्रंट लोडेड फुल ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन, द्वितीय बम्पर ड्रॉ में सैमसंग का स्मार्ट टीवी, तृतीय ड्रॉ में टेबलेट पीसी, चतुर्थ ड्रॉ में स्पोट्र्स साइकिल एवं पंचम ड्रॉ में जेब्रोनिक्स का म्यूजिक कराओके सिस्टम दिया जायेगा। मेगा लक्की ड्रा में शामिल होने के लिए केवल पांच हजार रुपये के मसालों की खरीद करनी होगी। जबकि दो हजार रुपये की खरीद पर डेली लक्की ड्रा में शामिल हुआ जा सकता है। मेले में इस बार मेगा लक्की ड्रा में पांच पुरस्कार निकाले जाएंगे, जबकि इससे पहले के मेलों में तीन लक्की ड्रा ही निकाले गये थे।