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सहकारी अफसर के निलम्बन आदेश पर हाईकोर्ट का स्टे

जोधपुर, 15 जनवरी (मुखपत्र)। राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सहकारिता सेवा के अधिकारी सुरेश कुमार मीणा के निलम्बन आदेश को स्टे कर दिया है। न्यायाधीश अरुण मोंगा की एकल पीठ ने मीणा की रिट पटीशन पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया 12 जनवरी 2025 का निलम्बन आदेश, राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव के दिनांक 19.09.2013 के परिपत्र, विशेषकर, अंतिम पैराग्राफ का उल्लंघन है। अदालत ने कहा कि आगामी सुनवाई तक उपर्युक्त आदेश का प्रभाव और संचालन स्थगित रहेगा। हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि इस न्यायालय के समक्ष कार्यवाही लम्बित रहने से, प्रतिवादियों को उक्त परिपत्र के अनुपालन में कोई आदेश पारित करने से रोका नहीं जायेगा।

इससे पहले, मीणा की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट अंकुर माथुर ने अदालत को बताया कि इस प्रकार के विवाद से जुड़ी एक अन्य याचिका (2532/2024) पहले से न्यायालय के समक्ष लम्बित है। याचिका में राजस्थान सरकार मार्फत सचिव, कार्मिक विभाग, संयुक्त शासन सचिव, सहकारिता विभाग और जिला कलेक्टर एवं प्रशासक बैंक हनुमानगढ़ को पार्टी बनाया गया है। अदालत की ओर से इस मामले में प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया, जिसे सरकारी वकील मुकेश दवे द्वारा प्रतिवादियों की ओर से स्वीकार किया गया।

याचिका पर आगामी सुनवाई 3 मार्च 2025 को निर्धारित की गयी है, जब इसी प्रकार की लम्बित एक अन्य याचिका (2532/2024) पर सुनवाई प्रस्तावित है। अदालत ने मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार के परिपत्र दिनांक 10.09.2013 के उल्लंघन की शिकायत के अन्य मामले भी एक साथ सूचीबद्ध करने के निर्देश हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को दिये।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार की ओर से सहकारिता विभाग के संयुक्त शासन सचिव द्वारा 12 जनवरी 2025 को एक आदेश जारी कर राज्य सहकारिता सेवा के संयुक्त रजिस्ट्रार कैडर के अधिकारी सुरेश कुमार मीणा को निलम्बित कर दिया गया था, तब वे हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड में प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत थे।

आदेश में कहा गया कि राज्य सरकार ने सुरेश कुमार मीणा के विरूद्ध राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 16 के तहत विभागीय कार्यवाही का निर्णय लिया है। इसलिए नियम 13 के अंतर्गत सुरेश कुमार मीणा को तुरंत प्रभाव से निलम्बित किया जाता है। निलम्बन काल में मीणा का मुख्यालय, कार्यालय रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, जयपुर रहेगा। आदेश में रूल्स 16 सीसीए के तहत किस मामले में कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया गया है, इसका उल्लेख नहीं है।

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