सहकारिता

क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के पीडि़तों को राहत के लिए अब 313 डीजे-एडीजे कोर्ट में होगी सुनवाई

सहकारिता विभाग को अब तक 2084 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की एक लाख से अधिक शिकायतें मिली

जयपुर, 27 फरवरी (मुखपत्र)। राजस्थान में क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटीज द्वारा धोखाधड़ी से पीडि़त निवेशकों की शिकायतों की अधिकता को देखते हुए राज्य के 33 जिलों एवं सत्र न्यायालयों के अतिरिक्त 280 अपर जिला एवं सेशन न्यायालयों को सुनवाई एवं निस्तारण के लिए अधिकृत किया गया है। पूर्व में भी पीडि़त निवेशकों के लिए 33 जिला एवं सेशन न्यायालयों को सुनवाई एवं निस्तारण का अधिकार दिया गया था। इस प्रकार प्रदेश में 313 न्यायालयों में पीडि़तों के इस्तागासे दायर हो रहे हैं।

यह जानकारी सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने दी। उन्होंने बताया कि पोर्टल पर मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के विरूद्ध 1 लाख से अधिक शिकायत दर्ज हो चुकी है, जिसकी राशि 2 हजार 84 करोड़ रूपये है और शिकायतें निरन्तर प्राप्त हो रही है।

सोमवार को क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों में घोटालों एवं अनियमितता की पुनरावृत्ति की रोकथाम के लिए गठित विजिलेंस समिति की समीक्षा बैठक में श्रीमती गुहा ने कहा कि जिन पीडि़त निवेशकों की शिकायत राज सहकार पोर्टल पर प्राप्त हुई है, इनके सम्बंध में इस्तागासे प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक सभी शिकायतों के दस्तावेजों की पूर्ति का कार्य शीघ्रता से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि करीब 20 हजार पीडि़तों को दस्तावेज जांच के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है।

पीडि़त लोग थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराएं

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि पोर्टल पर एक तथ्य यह भी ध्यान में आया है कि एक पीडि़त द्वारा कई बार शिकायत दर्ज की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग पोर्टल पर फिल्टर के माध्यम से वास्तविक शिकायतकर्ता की पहचान सुनिश्चित करें और दस्तावेज जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जा जाए। उन्होंने कहा कि क्रेडिट सोसायटी द्वारा धोखाधड़ी से पीडि़त लोग सोसायटी के विरुद्ध संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराएं एवं राज सहकार पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराएं।

अब तक 10 हजार इस्तगासे दायर

श्रीमती गुहा ने कहा कि उप रजिस्ट्रार कार्यालयों द्वारा अभी तक 10,336 इस्तगासे दायर किए जा चुके हैं। पिछले दो वर्ष से विभिन्न सहकारी समितियों में चुनाव प्रक्रिया होने से इस्तगासे दायर करने में विलम्ब हुआ है, अब अधिकांशत: प्राथमिक समितियों में चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। ऐसे में सभी उप रजिस्ट्रार इस्तगासे दायर करने की प्रक्रिया में शीघ्रता लाए। उन्होंने लोक अभियोजकों को भी इस्तगासा दायर करने में शीघ्रता के लिए निर्देशित करने के लिए कहा। पीडि़त निवेशक भी उप रजिस्ट्रार कार्यालयों द्वारा नोटिस या सूचना मिलने पर तुरन्त ही संबंधित कार्यालय जाकर दस्तावेज प्रस्तुत करें।

सभी जिलों को एसओपी जारी – सांगवान

सहकारिता रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रतनू ने क्रेडिट सोसायटियों के खिलाफ की गई अब तक की कार्यवाही से अवगत कराया। एसओजी एसपी विकास सांगवान ने कहा कि प्रकरण दर्ज करने के संबंध में सभी जिलों को एसओपी जारी कर दी गई है। बैठक में विशिष्ट शासन सचिव, विधि श्रीमती अल्का गुप्ता, संयुक्त शासन सचिव सहकारिता नारायण सिंह, विशेषाधिकारी सहकारिता महेन्द्र सिंह राघव, अतिरिक्त रजिस्ट्रार बैंकिंग, श्रीमती गुंजन चौबे सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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