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तुलाई दरों पर विवाद, नैफेड के नकारात्मक रुख से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चना की खरीद बाधित

बीकानेर में ट्रांसपोर्ट एंड हैंडलिंग के टेंडर नहीं होने से खरीद शुरू नहीं हो पायी

श्रीगंगानगर, 17 अप्रेल (मुखपत्र)। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (IYC) 2025 की निरंतरता और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद का शुभारम्भ करने जैसे बड़े अवसरों पर नैफेड (नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फैडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) की हठधर्मिता भारी पड़ रही है। किसानों की आय दोगुनी करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता और राजफैड (राजस्थान स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फैडरेशन) के सतत प्रयास भी नैफेड (NAFED) से सरकारी नियमों के अनुरूप तुलाई दर का भुगतान कराने में नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं, जिसके चलते श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में सरसों एवं चना की एमएसपी पर खरीद बाधित हो रही है। इससे क्रय केंद्रों (क्रय विक्रय सहकारी समितियांं/ग्राम सेवा सहकारी समितियांं) और किसानों के साथ-साथ कृषि उपज मंडियों में कार्यरत श्रमिक वर्ग का आर्थिक शोषण हो रहा है।

हालत ये है कि 9 अप्रेल 2025 को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा श्रीगंगानगर में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों, चना की खरीद का शुभारम्भ किये जाने के सप्ताह भर बाद तक, दोनों जिलों में समर्थन मूल्य पर खरीद आरम्भ नहीं हो पायी है। जिन केंद्रों पर खरीद शुरू हुई है, वहां सहकारिता विभाग के निरीक्षक (मुख्य कार्यकारी का अतिरिक्त प्रभार), क्रय विक्रय सहकारी समितियों के अध्यक्षों ने आश्वासन के बाद ही श्रमिकों ने तुलाई का कार्य आरम्भ किया है।

दरअसल, मूल विवाद तुलाई को लेकर सामने आया है। पूरे गंगानगर जिले और हनुमानगढ़ जिले के कुछ हिस्सों में, मंडी समिति बायलॉज में तुलाई दर 25 पैसे प्रति सैकड़ा दिये जाने का प्रावधान है। जबकि राज्य के शेष हिस्सों में सरसों एवं चना की तुलाई की दर 4 से 5 रुपये प्रति नग (50 किग्रा.) यानी 8 से 10 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। नैफेड द्वारा देशभर में जहां भी, एमएसपी पर खरीद की जाती है, वहां मंडी समिति की दरों के अनुरूप ही तुलाई का भुगतान किया जाता है।

एक साल पहले तक गंगानगर-हनुमानगढ़ में यही स्थिति थी और प्रति सैकड़ा की दर से ही तुलाई का भुगतान किया जाता था, लेकिन पिछले सीजन में नैफेड (NAFED) से, प्रति सैकड़ा की दर से तुलाई का भुगतान देना बंद कर दिया। इस साल सरसों का एमएसपी (MSP) 5950 रुपये और चना का एमएसपी 5650 रुपये निर्धारित है। यदि श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में मंडी समिति बायलॉज के अनुरूप भुगतान किया जाता है तो तुलाई के रूप में सरसों के लिए 14 रुपये 87 पैसे और चना के लिए 14 रुपये 12 पैसे प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करना पड़ता है।

पिछले साल भी हुआ था विवाद

पिछले सीजन में मूंग भी तुलाई की दरों को लेकर यही विवाद हुआ था, तब राजफैड और सहकारिता विभाग की ओर से श्रमिकों को आश्वासन दिया गया था कि वे मंडी समिति बायलॉज के प्रावधान के अनुरूप तुलाई के लिए भुगतान के लिए नैफैड के साथ निरंतर पत्र व्यवहार कर रहे हैं। नैफैड से प्रति सैकड़ा की दर से तुलाई की राशि मिलते ही श्रमिकों को भुगतान कर दिया जायेगा, लेकिन इस मामले में नैफेड का रुख नकारात्मक रहा। प्रति सैकड़ा की दर से तुलाई का भुगतान नहीं किया गया।

अब रबी सीजन 2025 में तिलहन-दहलन की खरीद को लेकर फिर से तुलाई दर को लेकर विवाद के चलते खरीद बाधित हो रही है, जो सहकारिता विभाग, राजफेड और क्रय विक्रय सहकारी समितियों के लिए सिरदर्द बन गयी है, दूसरी ओर किसान सरसों और चना की फसल को नहीं बेच पा रहे हैं। फिलहाल, राजफेड के क्षेत्रीय अधिकारी, सहकारिता विभाग के अधिकारियों और सोसाइटी अध्यक्षों के व्यक्तिगत प्रभाव के चलते दोनों जिलों के आधे केंद्रों पर ही खरीद शुरू हो पायी है, लेकिन आश्वासन के आधार पर खरीद कार्य कब तक चलेगा, यह कहना मुश्किल है।

18.68 लाख एमटी खरीद का लक्ष्य

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में इस सीजन के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5950 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है तथा इस साल 13.22 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद का लक्ष्य रखा है। जबकि चना का एमएसपी 5650 रुपये प्रति क्विंटल है और खरीद का लक्ष्य 5.46 लाख मीट्रिक टन है। सरकार के किसानों के हित में इस सीजन में एमएसपी पर बिक्री योग्य कृषि जिंस की ऊपरी सीमा 40 क्विंटल निर्धारित की है, जो कि पहले 25 क्विंटल हुआ करती थी, लेकिन नैफेड की हठधर्मिता, राज्य सरकार के प्रयासों पर पानी फेर रही है।

राजफैड एमडी ने फिर लिखा नैफैड को पत्र

गंगानगर-हनुमानगढ़ में तुलाई की दरों को लेकर पिछले साल हुए विवाद और पुन: विवाद की आशंका के दृष्टिगत, राजफेड (RAJFED) के प्रबंध निदेशक टीकमचंद बोहरा ने पूरी संवेदनशीलता दिखाते हुए, इस साल 24 फरवरी और 12 अप्रेल को नैफेड के राज्य प्रमुख को पत्र लिखकर, वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में समर्थन मूल्य पर तिलहन-दलहन खरीद हेतु हैंडलिंग दरों में तुलाई चार्ज 25 पैसे प्रति सैकड़ा स्वीकृत किये जाने का आग्रह किया गया। इसमें 25 पैसे प्रति सैकड़ा की तुलाई दर सम्बंधी मंडी समिति के बायलॉज और कृषि विपणन निदेशाालय के स्वीकृति आदेश की प्रति भी नैफेड को भिजवाई गयी, लेकिन इस राष्ट्रीय सहकारी खरीद एजेंसी के उच्चाधिकारियों ने अभी तक इस पर कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया।

बीकानेर जिले में खरीद शुरू नहीं हो पायी

उधर, बीकानेर जिले में ट्रांसपोर्ट और हैंडलिंग के टेंडर नहीं हो पाने के कारण तिलहन और दलहन की न्यनूतम समर्थन मूल्य पर खरीद 16 अप्रेल तक आरंभ नहीं हो पायी। यहां ट्रांसपोर्ट और हैंडलिंग के टैंडर के लिए आवेदन करने वाली एक फर्म (एसके ट्रांसपोर्ट) द्वारा उच्च न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त कर लिये जाने के कारण, ट्रांसपोर्ट और हैंडलिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया स्थगित है।

इस मामले को लेकर राजफैड के बीकानेर क्षेत्रीय अधिकारी शिशुपाल सिंह, उप रजिस्ट्रार से उनके मोबाइल फोन पर कई बार कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। उप रजिस्ट्रार कैलाशचंद्र सैनी ने बताया कि राजफैड के निर्देशानुसार, क्रय विक्रय सहकारी समितियां स्तर पर ट्रांसपोर्ट और हैंडलिंग की व्यवस्था प्रक्रियाधीन है। जल्द ही खरीद शुरू होने की संभावना है।

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