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सहकारी संस्थाओं की ऑडिट व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए सहकारिता रजिस्ट्रार मंजू राजपाल ने उठाया साहसिक कदम

– हानि वाली और असंतुलन वाली समितियों की ऑडिट अब विभागीय ऑडिटर ही करेंगे

– सीए/सीएम फर्म के लिए ऑडिट की समय सीमा एवं अधिकतम संख्या निर्धारित

– हर दो साल के अंतराल पर विभागीय ऑडिटर से ऑडिट कराये जाने की अनिवार्यता लागू

 

जयपुर, 01 नवम्बर (मुखपत्र)। सहकारी संस्थाओं में गबन, घोटालों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए संस्थाओं की ऑडिट व्यवस्था में सुधार के लिए रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल द्वारा साहसिक कदम उठाया गया है। इस कदम की लम्बे समय से अपेक्षा की जा रही थी। इस बाबत रजिस्ट्रार की ओर से 24 अक्टूबर 2024 को एक विस्तृत परिपत्र जारी किया गया है। सहकार गौरव के 16 अक्टूबर 2024 के अंक में प्रकाशित सम्पादकीय में भी सहकारी संस्थाओं की ऑडिट एवं निरीक्षण की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए इसमें व्यापक सुधार की अपेक्षा की गयी थी।

मंजू राजपाल IAS, रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, राजस्थान

परिपत्र के अनुसार, अब ऋण असंतुलन वाली और लगातार हानि वाली सहकारी समितियों की ऑडिट, विभागीय ऑडिटर से करवायी जानी अनिवार्य होगी, साथ ही, लगातार दो साल तक चार्टर्ड अकाउंटेंट (C.A./C.A. Firms) से ऑडिट कराने के उपरांत, संस्था को विभागीय ऑडिटर से ही ऑडिट करवानी होगी। सीए/सीए फर्म के लिए संस्था अनुसार, ऑडिट करने की अधिकतम समय सीमा और अधिकतम संख्या भी तय कर दी गयी है।

ये प्रावधान भी किया गया है कि सहकारी संस्था द्वारा ऑडिट करवाने में विभागीय पैनल में शामिल, अपने जिले के सीए/सीएम फर्म को प्राथमिकता देनी होगी। यदि विभागीय पैनल में सहकारी सोसाइटी से सम्बंधित जिले के सीए/सीए फर्म की संख्या कम है, तो नजदीकी जिलों के सीए/सीए फर्म को ऑडिट के लिए अनुबंधित किया जायेगा।

वित्तीय असन्तुलन एवं निरन्तर हानि में रहने वाली पैक्स/लैम्प्स एवं सहकारी समितियों में विभागीय ऑडिटर की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गयी है। यानि ऐसी समितियां, जिनमें वित्तीय असंतुलन है या लगातार हानि में चल रही हैं, अब उनकी ऑडिट विभागीय ऑडिटर ही करेंगे और इन समितियों में ऑडिटर की नियुक्ति सम्बंधित विशेष लेखा परीक्षक कार्यालय द्वारा की जायेगी।

इसके साथ ही, लेखा परीक्षा के लिए रिकार्ड नहीं देने वाली सहकारी संस्थाओं के विरुद्ध और निर्धारित समय में ऑडिट पूर्ण नहीं करने वाले सीए/सीए फर्म के विरुद्ध अधिनियम अंतर्गत प्रभावी कार्यवाही के लिए भी सम्बंधित जिले के रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया है। (विस्तृत परिपत्र सहकार गौरव के 1 नवम्बर 2024 के अंक मेंं प्रकाशित है)

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