आगामी दो साल में कोऑपरेटिव क्लीयरिंग हाउस अस्तित्व में आ जायेगा – अमित शाह
पुणे, 22 फरवरी। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में कोऑपरेटिव क्लीयरिंग हाउस का जो सपना देखा गया था, वो अगले दो साल में साकार हो जायेगा। वे शनिवार को महाराष्ट्र के पुणे में जनता सहकारी बैंक लिमिटेड की हीरक जयंती के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अमित शाह ने कहा कि सहकारिता को आगे बढ़ाने के लिए हमें तकनीक को भी स्वीकारना होगा। उन्होंने कहा कि देश में कुल 1465 अर्बन कोऑपरेटिव बैंक हैं, जिनमें से 460 केवल महाराष्ट्र में हैं। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के लिए एक अंब्रैला संगठन पर विचार चल रहा था और अब इस संगठन के लिए 300 करोड़ रूपए की राशि एकत्रित करने का काम पूरा कर लिया गया है। ये अंब्रैला संगठन कोऑपरेटिव बैंकों को हर प्रकार की सहायता देने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार देश में क्लीयरिंग हाउस बनाने की कल्पना की गई है जिसे अगले 2 साल में पूरा कर लिया जाएगा।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने बहुत सारे काम अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के व्यापार को बढ़ाने के लिए किए हैं। हमने आधार-इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम को कोऑपरेटिव बैंकों के लिए खोला है, गोल्ड लोन और हाउसिंग लोन की सीमा को भी बढ़ाया है और एकमुश्त ऋण निपटान का प्रावधान भी कोऑपरेटिव बैंकों के लिए लागू होगा। उन्होंने कहा कि अंब्रैला संगठन बनने के बाद देश के किसी भी हिस्से में स्थित कोऑपरेटिव बैंक की क्लीयरिंग कोऑपरेटिव बैंकों के माध्यम से ही होगी। इसके साथ राष्ट्रीयकृत बैंक, छोटे वित्तीय बैंकों और एनबीएफसी (NBFC/नोन बैंकिंग फायनेंस कम्पनी) से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के लिए भी हम गवर्नेंस को सुदृढ़ करने और तकनीकी इनोवेशन्स को समाहित करने के लिए निगरानी की एक समिति भी बना रहे हैं।
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