राज्यसहकारिता

रतनपुरा को-ऑपरेटिव सोसाइटी में 20 करोड़ रुपये के घोटाले की पुष्टि

जांच अधिकारी ने अधिनियम अंतर्गत जांच रिपोर्ट सहकारिता विभाग को सौंपी

जयपुर, 11 मार्च (मुखपत्र)। हनुमानगढ़ जिले के हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड से सम्बद्ध रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड में हुए करोड़ों रुपये के गबन की अधिनियम अंतर्गत जांच रिपोर्ट सहकारिता विभाग को सौंप दी गयी है। ज्वाइंट रजिस्ट्रार संजय गर्ग की ओर से सोमवार को विभाग को सौंपी गयी जांच रिपोर्ट में रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड में लगभग 20 करोड़ रुपये के गबन व वित्तीय अनिमितता होना पाया है।

हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (एचकेएसबी) की संगरिया शाखा अंतर्गत रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लि. में नवम्बर 2022 में गबन का मामला प्रकाश में आया था, जब समिति में 29 लाख रुपये की सावधि जमाओं को कैश करवाने के लिए खातेदार ने बैंक की संगरिया शाखा में सम्पर्क किया। इसके बाद, बैंक द्वारा करवायी गयी प्रारम्भिक जांच में प्रारम्भिक रूप से 8 करोड़ रुपये कार गबन आंका गया था। प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट में इस प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए अधिनियम अंतर्गत जांच की अनुशंसा की गयी थी।

बैंक की अनुशंसा पर, सहकारिता विभाग द्वारा राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 55 के तहत जांच का आदेश जारी कर, हनुमानगढ़ सहकारी भूमि विकास बैंक के सचिव पीथदान चारण को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। बाद में, विभाग ने अधिनियम अंतर्गत जांच का जिम्मा संयुक्त रजिस्ट्रार संजय गर्ग (सचिव, रायसिंहनगर सहकारी भूमि विकास बैंक लि. एवं एमडी, गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लि.) को सौंप दिया।

सेवानिवृत्त व्यवस्थापक रमेश कुमार सहारण ही मुख्य दोषी

गर्ग ने तीन माह की गहन जांच और करीब 20 हजार दस्तावेजों का निरीक्षण करने के पश्चात, 10 हजार पन्नों की जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपी है, जिसमें रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति के सेवानिवृत्त व्यवस्थापक रमेश कुमार सहारण को लगभग 19 करोड़ 50 लाख रुपये और निलम्बित व्यवस्थापक भूपसिंह छिम्पा को करीब 50 लाख रुपये के गबन, वित्तीय अनियमितता का दोषी माना है। रतनपुरा समिति द्वारा संचालित मिनी बैंक में एफडीआर, बचत खातों एवं किसानों के ऋण खाते में हेरफेर कर घोटाले का अंजाम दिया गया। आरोपियों द्वारा मिनी बैंक में गांव के मंदिर, गौशाला और गुरुद्वारे के खातों की रकम के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जाना भी सामने आया है। सेवानिवृत्त व्यवस्थापक अभी भी फरार बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस इस मामले में खाली हाथ है।

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