AIBEA ने सीमावर्ती क्षेत्रों में 24 घंटे बैंक सेवा, रक्तदान शिविर और सेवा समर्थन का संकल्प लिया – आमेरा
भारत-पाक तनावपूर्ण परिस्थितियों के बीच बैंक कर्मचारी संघ का अनुकरणीय प्रयास
जयपुर, 11 मई (मुखपत्र)। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते युद्ध की तनावपूर्ण परिस्थिति के बीच, ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) ने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और सुरक्षा बलों का समर्थन करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है।
एआईबीईए के नेशनल कौंसिल मेम्बर बैंक कर्मचारी नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने बताया कि यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर को लिखे एक पत्र में, एआईबीईए के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने जम्मू, कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की, जहाँ युद्ध और सीमा पार से हमलों के डर ने सामान्य जीवन को बाधित कर दिया है।
1946 से देश भर के बैंक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एआईबीईए ने इन युद्ध प्रभावित सीमा क्षेत्रों/जिलों में स्थित बैंक शाखाओं में अपने वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक व ग्रामीण बैंक कार्मिक सदस्यों को कोविड आपदा की भांति फ्रंट वॉरियर बनकर परिचालन संबंधी चुनौती या विस्तारित घंटों के बावजूद निर्बाध बैंकिंग सेवाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है व देश सेवा के लिए आह्वान किया है।
यह पत्र, भारत सरकार को 10 मई 2025 को लिखा गया, जब पहलगाम में पर्यटकों पर हुए घातक हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर युद्ध का तनाव बढ़ा दिया है। सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों को रेड अलर्ट प्रतिबंधों, ब्लैक आउट, शैक्षिण संस्थान बंद होने और आर्थिक तनाव की खबरों के साथ व्यवधानों का सामना करना पड़ा है। एआईबीईए की पहल का उद्देश्य आवश्यक वित्तीय सेवाओं, जैसे निकासी और लेनदेन तक पहुंच सुनिश्चित करके व ऋण वितरण कर एक जीवन रेखा प्रदान करना है, जो दैनिक जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण है।
रक्तदान के लिए तत्पर
आमेरा ने बताया कि नागरिकों का समर्थन करने के अलावा, एआईबीईए ने भारत के सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता का संकल्प लिया है। संभावित आपात स्थितियों के लिए तैयारी करने के लिए बैंक कर्मचारी संघ सीमावर्ती क्षेत्रों में कम समय में रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए तत्पर है। इन शिविरों का उद्देश्य किसी भी संघर्ष में घायल हुए सैनिकों के लिए तत्काल चिकित्सा आवश्यकता को पूरा करना है। वेंकटचलम ने कहा कि हम किसी भी ऐसी आकस्मिकता से निपटने के लिए रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए अपनी मशीनरी तैयार कर रहे हैं, जहां हमारे प्रभावित सैनिकों को रक्तकी आवश्यकता हो सकती है।
देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध
एआईबीईए के पत्र में आतंकवाद के प्रति अपने दृढ़ विरोध और भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि भी की गई। वेंकटचलम ने लिखा, “देश भर के बैंक कर्मचारी सरकार के साथ मिलकर किसी भी तरह के आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए साथ हैं,” इस घोषणा का सीमावर्ती क्षेत्रों के स्थानीय नेताओं ने स्वागत किया है, जिन्होंने चल रहे तनावों के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों को दूर करने के लिए अतिरिक्त समर्थन का आह्वान किया है।
साथी कार्मिकों का निरंतर साहस बढ़ा रहे हैं सहकार नेता
इधर, राजस्थान में पैक्स से अपेक्स के सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा अपने उन सैकड़ों साथियों एवं उनके परिवारों से निरंतर बनाये हुए हैं, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्बाध बैंकिंग सेवाएं देने के लिये समर्पित हैं। ऑल राजस्थान कोऑपरेटिव बैंक एम्प्लॉइज यूनियन और ऑल राजस्थान कोऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव सूरजभान सिंह दिन में कम से कम तीन से चार बार मोबाइल फोन से प्रत्येक सीमावर्ती जिलों में युद्ध के तनावपूर्ण हालात में नियमित रूप से बैंकिंग सेवाओं को बहाल रखे हुए बैंक कार्मिकों से पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। साथ ही, उनका मनोबल बनाये रखने के लिए उनको प्रेरित कर रहे हैं।
आमेरा ने कहा कि भारत सरकार, आरबीआई और राजस्थान सरकार के अनुरोध पर बैंक कार्मिक उच्च मनोबल के साथ हर स्थिति में बैंकिंग सेवाओं को बहाल रखने के लिये तत्पर हैं। सहकार नेता ने कार्मिकों को विश्वास दिलाया कि संगठन हर पल अपने सदस्य कार्मिकों की सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
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