सहकारिता

राज्य में अभी 2600 ग्राम पंचायत पैक्स विहीन, सभी पंचायतों में समयबद्ध ढंग से ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया जाये – रजिस्ट्रार

स्वीकृति के उपरांत रजिस्ट्रेशन और सीसीबी से लिंक के बीच का अंतर दूर करने के निर्देश

जयपुर, 22 अगस्त (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पैक्स विहीन ग्राम पंचायतों में समयबद्ध रूप से नवीन ग्राम सेवा सहकारी समितियां का गठन किया जाए। इस कार्य के लिए जिलावार एवं माहवार निर्धारित किये गए लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जाए।

वे शुक्रवार को नेहरू सहकार भवन में संयुक्त रजिस्ट्रार (आयोजना) अनिलकुमार के साथ वीसी के माध्यम से बजट घोषणा वर्ष 2025-26 की अनुपालना में नवीन ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि बजट घोषणा के अनुरूप शेष रही लगभग 2600 ग्राम पंचायतों में दो वर्ष में ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया जाना है। अधिकारी सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए इस दिशा में निरन्तर प्रयास कर शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करें। जिन जिलों में प्रगति लक्ष्यों के अनुरूप नहीं है, उन पर विशेष रूप से फोकस किया जाए। खंडीय अतिरिक्तरजिस्ट्रार के स्तर पर इसकी नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि नवीन पैक्स के गठन की गति अभी से तेज रखी जाए, जिससे कार्य सुगमता से सम्पन्न हो और भविष्य में अधिक भार नहीं आए।

नयी पंचायतों का गठन होने पर लक्ष्यों में होगी बढोतरी

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि आगामी दिनों में राज्य में बड़ी संख्या में नवीन ग्राम पंचायतों का गठन किया जाना भी प्रस्तावित है, ऐसे में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन के लक्ष्यों में भी वृद्धि होगी। अधिकारी इन बढ़े हुए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अभी से अपने आप को तैयार रखें। उन्होंने कम प्रगति वाले जिलों को आगामी दिनों में गठित की जाने वाली पैक्स की संख्या एवं अवधि का उल्लेख करते हुए कार्ययोजना तैयार कर प्रधान कार्यालय भिजवाने के निर्देश दिए।

निर्देशों की पालना नहीं करने पर होगी कार्यवाही

राजपाल ने कहा कि बार-बार निर्देशों के बाद भी जिन जिलों में नवीन पैक्स गठन के कार्य में लापरवाही बरती जा रही है, उनके विरूद्ध कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जो ग्राम पंचायतें अब शहरी क्षेत्र में आ चुकी हैं, उनकी पहचान कर उन्हें पृथक किया जाए।

रजिस्ट्रार ने नवीन ग्राम सेवा सहकारी समिति की स्वीकृति के बाद उसके रजिस्ट्रेशन एवं केन्द्रीय सहकारी बैंक से लिंक करने के बीच के अंतर को दूर करने और एनसीडी पोर्टल पर डेटा निरन्तर अपडेट करने के निर्देश दिए।

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