क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क उड़ानों से पर्यटन और रोजगार के नये द्वार खुल रहे
जयपुर, 7 जुलाई (मुखपत्र)। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक ने कहा कि राज्य सरकार ने नागरिक उड्डयन के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क (RCS) उड़ानों के लिए विमान ईंधन पर वैट को 26 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। भारतीय विमानापत्तन प्राधिकरण को कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण तथा किशनगढ़ हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार के लिए नि:शुल्क एवं बाधामुक्त भूमि उपलब्ध करवाई गई है। उदयपुर हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार तथा उत्तरलाई (बाड़मेर) में सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए भी नि:शुल्क एवं बाधामुक्त भूमि आवंटन प्रक्रियाधीन है। श्री दक ने शुक्रवार को देहरादून में आयोजित उत्तरी क्षेत्र नागरिक उड्डयन मंत्री सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, औद्योगिक क्षेत्र और शैक्षिक संस्थान बड़ी संख्या में हैं, जिसके दृष्टिगत क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क योजना राज्य के लिए अत्यंत महत्पूर्ण है। वर्तमान में राज्य में तीन हवाई अड्डों से आरसीएस उड़ाने संचालित हैं। राज्य सरकार ने माउंट आबू, सीकर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और श्रीगंगानगर जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को भी योजना में शामिल करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। इससे प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के नये द्वार खुलेंगे। बीकानेर, जोधपुर और किशनगढ़ से मुम्बई, कोलकाता, सूरत और बेंगलुरू जैसे महानगरों के लिए नियमित उड़ानें शुरु किए जाने का भी केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है।
प्रदेश में 19 हवाई पट्टी
दक ने बताया कि राज्य सरकार की 19 हवाई पट्टियां हैं, जिनकी लम्बाई 3,300 फीट से लेकर 9,800 फीट तक है। इन हवाई पट्टियों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे- फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन, एयरस्पोट्र्स एवं एमआरओ संचालन आदि के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का सफल आयोजन किया गया है। राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (आरआईपीएस) में भी विशेष प्रावधान किये गए हैं। किशनगढ़ में एक एफटीओ कार्यरत है, जबकि भीलवाड़ा में अगस्त, 2025 से नया एफटीओ शुरू होगा। निवेशकों से अब तक 10 से अधिक एमओयू किए जा चुके हैं, जिनसे लगभग 1500 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है।
हेलीकॉप्टर पर्यटन, धार्मिक यात्रा, जॉय राइड सेवा योजना प्रस्तावित
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवाओं के क्षेत्र में भी राजस्थान में अपार संभावना हैं। राज्य में लगभग 118 हैलीपेड निर्मित हैं। राज्य सरकार द्वारा सभी जिला मुख्यालयों सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों तथा चिकित्सा सहायता एवं इमरजेंसी रेस्पॉंस के लिए भी अतिरिक्त हैलीपेड्स का निर्माण प्रक्रियाधीन है। राज्य में हेलीकॉप्टर पर्यटन, धार्मिक यात्रा, जॉय राइड जैसी सेवाओं की योजना प्रस्तावित है। हेलीकॉप्टर आपात चिकित्सा सेवा की व्यवस्था पर भी कार्य किया जा रहा है। इसके लिए व्यावहारिक ऑपरेशनल मॉडल के विकास एवं मानक प्रक्रियाओं के निर्धारण में केन्द्र सरकार से सहयोग अपेक्षित है।
सी-प्लेन सेवा की संभावना
श्री दक ने कहा कि राज्य के कुछ जिले, जैसे उदयपुर, कोटा (चम्बल), बांसवाड़ा, टोंक (बीसलपुर) आदि सी-प्लेन सेवाओं के लिए संभावनाशील हैं। भारत सरकार से इन स्थलों की व्यवहार्यता का अध्ययन करवाये जाने तथा सी-प्लेन संचालन के लिए इन स्थलों को आरसीएस योजना के अंतर्गत शामिल किए जाने का अनुरोध किया गया है। उड्डयन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024 में नागरिक उड्डयन नीति लागू की है, जिसके अंतर्गत हम पूरे क्षेत्र का सुनियोजित और सतत विकास करना चाहते हैं। उन्होंने इस कार्य में केन्द्र सरकार से वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और नीतिगत सहयोग की अपेक्षा की।