राष्ट्रीय पैक्स महासंगोष्ठी सोमवार को, अमित शाह अध्यक्षता करेंगे
नई दिल्ली, 7 जनवरी। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह 8 जनवरी को यहां विज्ञान भवन में ‘प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) द्वारा प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र के संचालन’ की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के उपलक्ष्य में आयोजित ‘राष्ट्रीय पैक्स महासंगोष्ठी’ की अध्यक्षता करेंगे। सहकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) की सहभागिता से इस संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।
हाल ही में पैक्स को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्रों के संचालन के लिए पात्र संस्था बनाया गया है। गत कुछ महीनों में ही, 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की 4400 से भी अधिक पैक्स/ सहकारी समितियों द्वारा भारत सरकार के औषध विभाग के पोर्टल पर इस पहल के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा चुका है। इसमें से 2300 से अधिक समितियों को प्राथमिक अनुमोदन प्राप्त हो चुका है और 146 पैक्स/सहकारी समितियां जन औषधि केन्द्रों के रूप में कार्य करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार भी हो चुकी हैं।
इस महासंगोष्ठी में, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस/ प्रमुख सचिव/ सचिव और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के साथ-साथ उन पैक्स के अध्यक्ष, सचिव, और फार्मासिस्ट, जिन्हें जन औषधि केंद्र के लिए ड्रग लाइसेंस प्राप्त हुआ है, भाग लेंगे। ‘राष्ट्रीय पैक्स महासंगोष्ठी’ की लाइव स्ट्रीमिंग प्रमुख सोशल मीडिया प्लैटफ़ार्म जैसे कि यूट्यूब, आदि पर भी की जाएगी।
जनऔषधि केंद्र पर मिलती हैं 2 हजार से अधिक दवाइयां
प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां आम नागरिकों तक पहुंचाई जाती हैं, जो खुले बाज़ार की ब्रांडेड दवाइयों के मुकाबले 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं। इन केन्द्रों पर 2000 से अधिक प्रकार की जेनेरिक दवाइयां तथा लगभग 300 सर्जिकल उपकरण उचित मूल्य पर आम जनता के लिए उपलब्ध हैं।
यह पहल पैक्स को अपने आर्थिक कार्यों के विविधिकरण व विस्तार के नए अवसर प्रदान करेगी, जिससे पैक्स से जुड़े करोड़ों छोटे व सीमान्त किसान वर्ग की आय में वृद्धि होगी और यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में आय के नए अवसर पैदा करने में भी अत्यंत सहायक सिद्ध होगी।
पैक्स को नाबार्ड से जोड़ने का कार्य प्रगति पर
पैक्स सहकारिता आन्दोलन की नींव के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों छोटे व सीमान्त किसानों की सेवा के लिए कार्यरत हैं। देश भर में पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का कार्य चल रहा है, जिसके तहत पैक्स को एक राष्ट्रव्यापी ईआरपी आधारित सॉफ्टवेयर के ज़रिये नाबार्ड से जोड़ा जा रहा है। साथ ही, पैक्स के आर्थिक कार्यकलापों में विविधता व कार्यप्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से मॉडल उपनियम बनाये गए हैं।
सहकारिता क्षेत्र को नई दिशा प्रदान करने के लिए नया राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस तथा नई सहकारिता नीति तैयार की जा रही है। बीज, जैविक तथा कृषि उत्पादों के उत्पादन तथा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई बहुराज्य सहकारी समितियां स्थापित की गई हैं। देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से व्यापक भंडारण व्यवस्था के लिए सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना भी लायी गई है, जिसके तहत पैक्स स्तर पर गोदामों का निर्माण किया जा रहा है।