राज्यसहकारिता

16वां वेतन समझौता : अब मूल विभाग में सहकारी बैंक कर्मचारियों के सब्र का इम्तेहान

जयपुर, 5 सितम्बर (मुखपत्र)। राजस्थान (RAJASTHAN) के सहकारी बैंक कर्मचारियों के 16वें वेतन समझौते (salary settlement) की फाइल बीरबल की खिचड़ी बन गयी है, जो पहले पकने में नहीं आ रही थी और जब जब पक गयी हैं, तो घरवालों को ही परोसने में जोर आ रहा है। प्रदेश के सहकारी बैंकों (राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड जयपुर (RSCB), 29 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCB), राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड (RSLDB) और 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक (PLDB)) के कर्मचारियों का 16वां वेतन समझौता 1 जनवरी 2019 से ड्यू है। पांच साल के अंतराल पर नये वेतन समझौते को लेकर सरकारी वेतन समझौता कमेटी और बैंकिंग कर्मचारी संगठनों के बीच, समझौता सम्पन्न करने के लिए वार्ता या वार्ताओं के दौर होते हैं। कभी एक दौर, कभी दो दौर, कभी तीन दौर। वार्ताओं के दौर समाप्त हो चुके हैं।

कर्मचारियों की भावना के अनुरूप एक अच्छा वेतन समझौता ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। बताया जा रहा है कि प्रिंसीपल सैक्रेट्री और वेतन समझौता कमेटी की चेयरपर्सन श्रीमती श्रेया गुहा (Sreha Guha) ने कर्मचारियों की भावना के अनुरूप, नये समझौते में कुछ नया डाला है और कुछेक में बढ़ोतरी भी की है। लब्बोलुआब यही है कि कर्मचारियों को कुछ अतिरिक्त सुविधाओं के साथ 20 प्रतिशत से अधिक वेतन बढोतरी का लाभ मिल सकता है।

सीएम और वित्त विभाग ने छुट्टी वाले दिन दी मंजूरी

वेतन समझौते का ड्राफ्ट तैयार करने से लेकर इसे मंजूरी दिलाने के लिए प्रत्येक औपचारिकता पूर्ण हो चुकी है। एक अक्टूबर को रविवारीय अवकाश के बावजूद सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) द्वारा वेतन समझौते की फाइल पर स्वीकृति प्रदान की गयी और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की सार्वजनिक छुट्टी के दिन, राज्य सरकार के ‘पत्थरदिल’ वित्त विभाग (Finance Department) ने पत्रावली को मंजूरी देते हुए फाइल सहकारिता विभाग (Cooperative Department) को प्रेषित कर दी।

सीएमओ से उड़ी, मूल विभाग के पिंजरे में कैद हो गयी समझौते की ‘बुलबुल’

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है। इसे देखते हुए सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं समझौता कमेटी की चेयरपर्सन श्रेया गुहा द्वारा 3 अक्टूबर की सुबह ही स्वीकृति प्रदान कर, वेतन समझौते का आदेश जारी करने के लिए रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, कार्यालय (RCS Office) भिजवा दी गयी। अब तीन दिन से फाइल यहीं आकर जाम हो गयी है। वैसे तो स्वभावत: बड़े दफ्तरों में जाकर फाइलें जमा होती हैं, लेकिन दो शीर्ष बैंकों सहित 67 सहकारी बैंकों के हजारों कर्मचारियों के वेतन समझौते की जायज फाइल अपने घर में आकर जाम हो गयी है। सीएमओ और फाइनेंस डिपार्टमेंट के पिंजरे से जो फाइल सार्वजनिक अवकाश के दिन में उड़ कर आ गयी, जो आरसीएस ऑफिस की मुट्ठी में आकर छटपटा रही है।

57 माह की देरी से सम्पन्न हुआ है वेतन समझौता

चूंकि, विधानसभा चुनाव की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है, जिसे देखते हुए, हर दिन बीतने के साथ सहकारी बैंक कर्मचारियों के दिल की धड़कन और बेचैनी पल-प्रतिपल बढ़ रही है। चिंता स्वाभाविक है। क्योंकि पहले ही वेतन समझौता 57 माह की देरी से सम्पन्न हुआ है, और अब जब सबकुछ पक कर तैयार हो गया है, तो उसे परोसने वाले, बैंक कर्मचारियों के सब्र की परीक्षा लेने पर उतर आये हैं। बड़े लोगों का ये रवैया, आसन्न विधानसभा चुनाव में बैंक कर्मचारियों की नाराजगी का बड़ा कारण बन सकता है।

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