सहकारी सोसाइटी का रिकार्ड प्राप्त करने के लिए अब न्यायिक मजिस्ट्रेट के वारंट की जरूरत नहीं
राजस्थान सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक-2023 ध्वनिमत से पारित
जयपुर, 19 जुलाई (मुखपत्र)। सहकारी समितियों के रिकार्ड को कब्जे में लेने के लिए अब सहकारिता विभाग को न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से वारंट प्राप्त करने की जरूरत नहीं रहेगी। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को राजस्थान सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक – 2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया, जिसमें किसी सोसाइटी के पदाधिकारी या कर्मचारी से कब्जाशुदा रिकार्ड को प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां राजस्थान जयपुर को शक्तियां प्रदान की गयी हैं।
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि संशोधन विधेयक – 2023 के पारित होने से प्रदेश में सहकारिता आन्दोलन को और मजबूती मिलेगी। इससे आमजन को राहत मिलेगी और विशेषकर, गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा भूखण्ड आवंटन में की जाने वाली धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। विधानसभा में राजस्थान सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक-2023 पर चर्चा का जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री ने बताया कि कुछ गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा आमजन को अनाधिकृत पट्टे जारी किये जाते हैं। इससे क्षेत्र के सुनियोजित विकास में बाधा उत्पन्न होती है। ऐसी परिस्थितियों में राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम-2001 में संशोधन अपेक्षित था।
रजिस्ट्रार को मिलेगा सोसाइटी के अभिलेखों एवं सम्पत्ति की तलाशी का अधिकार
सहकारिता मंत्री ने कहा कि नये प्रावधानों के अंतर्गत अब रजिस्ट्रार बिना न्यायालय की अनुमति के सोसायटी के अभिलेखों एवं सम्पत्ति की तलाशी ले सकेंगे तथा इनका अधिग्रहण कर सकेंगे। इससे न्यायालय में लगने वाले अतिरिक्त समय की बचत होगी और आमजन को जल्दी न्याय सुलभ हो सकेगा। विधेयक के माध्यम से अधिनियम की धारा-63 की उप धारा 3 को भी हटाया जाएगा। इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।