राज्यसहकारिता

रायसिहंनगर क्रय विक्रय सहकारी समिति में अपात्र सदस्यों को पात्र बनाने के लिए फर्जी बिल काटे, हंगामा

रायसिंहनगर, 14 फरवरी (मुखपत्र)। श्रीगंगानगर जिले की रायसिंहनगर क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड में एक पक्ष विशेष द्वारा व्यक्तिगत सदस्यों के लिए फर्जी बिल काटे जाने को लेकर मंगलवार को हंगामा हो गया। बताया जा रहा है कि इस मामले में समिति में दो कर्मचारियों पर एक पक्ष विशेष को चुनावों में फायदा पहुंचाने के लिए, सांठगांठ कर लगभग 250 फर्जी बिल काटे गये हैं। इस मामले में समिति के स्थायी कर्मचारी राजू सिंह को नोटिस जारी कर, तीन दिन में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है जबकि संविदा कर्मचारी सोहनलाल सहारण को तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया है। समिति के मुख्य कार्यकारी गिरधारीलाल सहारण, सहकारी निरीक्षक ने घटनाक्रम की पुष्टि की है।

सूत्रों ने बताया कि यह सारा षडयंत्र समिति के चुनावों के दृष्टिगत रचा गया है। समिति में नये संचालक मंडल के लिए निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी है। समिति के 12 सदस्यीय संचालक मंडल के लिए व्यक्तिगत सदस्यों की श्रेणी से पांच सदस्य चुनकर आते हैं। जबकि छह सदस्य ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्षों में से तथा एक सदस्य अन्य सहकारी समितियों की श्रेणी से आता है। आमतौर पर छोटे कस्बों में अन्य सहकारी समितियों की संख्या कम होती है, जिससे इस वर्ग से निदेशक का पद रिक्त रह जाता है। अब यदि कोई ग्राम सेवा सहकारी समिति का अध्यक्ष, व्यक्तिगत निकाय में अपने पांच सदस्य निर्वाचित करवाने में सफल रहता है, तो अध्यक्ष का स्वयं का वोट मिलाकर, उसकाक्रय विक्रय सहकारी समिति अध्यक्ष बन पाना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है।

मतदाता सूची से खुली पोल

रायसिंहनगर केवीएसएस के चुनाव की तैयारी में तल्लीन एक अन्य पक्ष के पास समिति की 31 मार्च 2022 तक की व्यक्गिगत सदस्यों की सूची उपलब्ध होने के कारण, फर्जी बिल काटकर नये सदस्य जोडऩे की पोल खुल गयी। सहकारिता अधिनियम, उपनियम के अनुसार, केवीएसएस के चुनाव में वही व्यक्तिगत सदस्य भाग ले सकते हैं, जिनके द्वारा चुनाव वाले वित्त वर्ष से एक वित्त वर्ष पूर्व में समिति से पांच हजार रुपये के सामान की खरीद की हुई होती है। चूंकि रायसिंहनगर केवीएसएस में चुनाव वित्त वर्ष 2022-23 में होने जा रहे हैं, इसलिए इसके चुनाव में वही व्यक्तिगत सदस्य भाग ले सकते हैं, जिनके द्वारा 1 अप्रेल 2021 से 31 मार्च 2022 के मध्य, 5 हजार रुपये के सामान की खरीद की हुई है।

फर्जीवाड़े का गवाह रजिस्टर, जिसमें पहले से खाली जगह छोड़ी गयी थी, ताकि फर्जी बिल काटकर वोटर लिस्ट में नाम जोड़े जा सकें

कैश बिक्री के अपनों के नाम बिल काटे

सूत्रों की मानें तो समिति में 31 मार्च 2022 को ऐसे सदस्यों की संख्या लगभग 150 थी, जो अब बढक़र 400 के करीब पहुंच चुकी है। जिन लोगों के पास, 31 मार्च 2022 तक खरीद के लगभग 150 पात्र सदस्यों की सूची थी, उन्हें 250 नाम और जोड़े जाने की सूचना मिलते ही आज समिति कार्यालय में हंगामा हो गया। कई किसानों ने नई मंडी पहुंच कर, समिति कार्यालय के समक्ष धरना लगा दिया। समिति के मुख्य कार्यकारी गिरधारी लाल सहारण ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली तो पता चला कि 31 मार्च 2022 से पहले की अवधि में कई ऐसे बिल काटे गये हैं, जिनकी कैश की बिक्री पहले हो चुकी थी। किसी सदस्य के पास, 31 मार्च 2022 की स्थिति के बिलों की फोटोकॉपी मौजूद थी, जिसके आधार पर यह सामने आया कि बिल बाद में काटे गये हैं।

इस मामले में प्रभावित पक्ष का कहना है कि कैश बिक्री की राशि में से 250 बिल और काटकर सदस्यों को अपात्र से पात्र की श्रेणी में लाया गया है। समिति द्वारा कृषि आदान का कार्य भी किया जाता है, इसलिए रूटीन में ही हजारों, लाखों रुपये के कृषि आदान की नगद बिक्री होती है, लेकिन किसानों को बिल काटकर नहीं दिया जाता। समिति कर्मचारियों ने, इस स्थिति का लाभ उठाते हुए, एक पक्ष विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए बैकडेट में लगभग 250 बिल काटे जाने की चर्चा है। इसकी जवाबदेही दो कर्मचारियों पर है, जिसमें से सोहनलाल सहारण, संविदा कार्मिक को तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया है, जबकि राजू सिंह ने स्पष्टीकरण मांगा गया है। चुनाव लडऩे के इच्छुक लोगों से इस घटनाक्रम से सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण, जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार को भी अवगत करवा दिया है।

अस्थायी कार्मिक को हटाया, दूसरे से मांगा स्पष्टीकरण

हालांकि, मुख्य कार्यकारी गिरधारी लाल सहारण का कहना कि सोहनलाल सहारण के परिवार का सदस्य, क्रय विक्रय सहकारी समिति का चुनाव लड़ रहा है, इसलिए चुनाव में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए उसे हटाया गया है। जबकि बिल काटने के मामले में राजूसिंह से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। सोहनलाल, समिति का ही पुराना कर्मचारी है, जिसे सेवानिवृत्ति के उपरांत डेलीवेज पर रखा गया था।

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