भारत में अमूल जैसा कोई ब्रांड नहीं : मोदी
अहमदाबाद, 22 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को अहमदाबाद के मोटेरा स्थित नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (DCMMF) के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और गोल्डन जुबली कॉफी टेबल बुक का भी अनावरण किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ के स्वर्ण जयंती समारोह के लिए सभी को बधाई दी और कहा कि 50 साल पहले गुजरात के किसानों का लगाया गया एक पौधा आज एक विशाल वृक्ष बन गया है, जिसकी शाखाएं पूरी दुनिया में फैली हैं। उन्होंने कहा कि जीसीएमएमएफ सहकारी समितियों की आत्मनिर्भरता, उनकी उद्यमशीलता की भावना और किसानों के दृढ़ संकल्प का प्रमाण है, जिसने अमूल (AMUL) को दुनिया के सबसे मजबूत डेयरी ब्रांडों में से एक बना दिया है।
अमूल भारत के पशुपालकों की ताकत का प्रतीक
पीएम ने कहा कि भले ही आजादी के बाद भारत में कई ब्रांड उभरे, लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमूल भारत के पशुपालकों की ताकत का प्रतीक बन गया है। अमूल का मतलब है विश्वास, विकास, जन भागीदारी, किसानों का सशक्तिकरण और समय के साथ तकनीकी प्रगति। उन्होंने कहा कि अमूल आत्मनिर्भर भारत की प्रेरणा है। प्रधानमंत्री ने अमूल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अमूल उत्पाद दुनिया भर के 50 से अधिक देशों में निर्यात किए जाते हैं। उन्होंने 18,000 से अधिक दुग्ध सहकारी समितियों, 36,000 किसानों के नेटवर्क, प्रतिदिन 3.5 करोड़ लीटर से अधिक दूध के प्रसंस्करण और पशुपालकों को 200 करोड़ रुपये से अधिक का ऑनलाइन भुगतान का उल्लेेख किया। पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि छोटे पशुपालकों के इस संगठन द्वारा किया जा रहा महत्वपूर्ण कार्य अमूल और उसकी सहकारी समितियों को मजबूत बनाता है।
8 करोड़ लोगों को रोजगार
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमूल उस बदलाव का उदाहरण है, जो दूरदर्शिता से लिए गए फैसलों से आता है। उन्होंने याद दिलाया कि अमूल की उत्पत्ति सरदार पटेल के मार्गदर्शन में खेड़ा दुग्ध संघ से हुई थी। गुजरात में सहकारी समितियों के विस्तार के साथ ही जीसीएमएमएफ अस्तित्व में आया। यह सहकारी समितियों और सरकार के बीच तालमेल का एक बड़ा उदाहरण है। ऐसे प्रयास ने हमें 8 करोड़ लोगों को रोजगार देकर विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना दिया है। पिछले 10 वर्ष में दूध उत्पादन में लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में लगभग 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। भारतीय डेयरी क्षेत्र वैश्विक औसत 2 प्रतिशत की तुलना में प्रति वर्ष 6 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
डेयरी सैक्टर में महिलाओं की केंद्रीय भूमिका
पीएम ने 10 लाख करोड़ रुपये के डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि 70 प्रतिशत तक महिलाओं से संचालित डेयरी क्षेत्र का कारोबार गेहूं, चावल और गन्ने के कुल कारोबार से भी अधिक है। यह नारी शक्ति डेयरी क्षेत्र की असली ताकत है। आज, जब भारत महिला नेतृत्व वाले विकास के साथ आगे बढ़ रहा है, तो उसके डेयरी क्षेत्र की सफलता एक बड़ी प्रेरणा है।
पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड
पीएम मोदी ने गुजरात की डेयरी सहकारी समितियों में महिलाओं की बढ़ती संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त की और डेयरी से होने वाली आय को सीधे उनके बैंक खातों में वितरित करने का उल्लेेख किया। प्रधानमंत्री ने अमूल के प्रयासों की भी सराहना की और क्षेत्र में पशुपालकों को नकदी निकालने में मदद करने के लिए गांवों में माइक्रो एटीएम स्थापित करने का उल्लेेख किया। उन्होंने पशुपालकों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने की योजनाओं पर भी चर्चा की और पंचपिपला और बनासकांठा में चल रहे प्रायोगिक परियोजना के बारे में जानकारी दी।
अमूल को जल्द ही दुनिया की सबसे बड़ी डेयरी संस्था बनना होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत अपनी आजादी के 100वें वर्ष में पहुंचेगा, तो अमूल 75 वर्ष पूरे कर लेगा। प्रधानमंत्री ने तेजी से बढ़ती आबादी की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में अमूल की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि अमूल ने अगले 5 वर्ष में अपने संयंत्रों की प्रसंस्करण क्षमता को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अमूल दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी डेयरी संस्था है। आपको इसे जल्द से जल्द दुनिया की सबसे बड़ी डेयरी संस्था बनाना होगा। सरकार हर तरह की मदद करने के लिए आपके साथ खड़ी है। प्रधानमंत्री ने अमूल के 50 साल पूरे होने पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए अपने संबोधन का समापन किया।
इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला और गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ के अध्यक्ष शामल. बी पटेल उपस्थित थे। इस समारोह में 1.25 लाख से अधिक किसान शामिल हुए।