नाबार्ड द्वारा पुनर्वित्त को बढ़ाकर 60 से 70 प्रतिशत किये जाने की आवश्यकता – कटारिया
नैफस्कॉब की कॉन्फ्रेंस आरम्भ, एजीएम और बीओडी मीटिंग में लिये जायेंगे महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय
जयपुर, 26 सितम्बर (मुखपत्र)। कृषि एवं पशुपालन मंत्री लाचंचद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण एवं सहकारी संस्थाओं को मजबूत बनाकर, कृषि तथा ग्रामीण विकास के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों और ग्राम सेवा सहकारी समितियों के आर्थिक सुदृढीकरण के लिए अल्पकालीन फसली ऋण वितरण की एवज में नाबार्ड द्वारा पुनर्नित्त को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 से 70 प्रतिशत किये जाने की महत्ती आवश्यकता है। श्री कटारिया मंगलवार को जयपुर मैरियट होटल में देश के राज्य सहकारी बैंकों के शीर्ष संगठन नैफस्कॉब (नेशनल फैडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक्स लिमिटेड) की कांफ्रेंस में उपस्थित देशभर के राज्य सहकारी बैंकों के डेलिगेट्स (चेयरमैन एवं एमडी) के स्वागत में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में नैफ्सकॉब के अध्यक्ष कोंडुरू रविंद्र और प्रबंध निदेशक भीमा सुब्रामण्यम, सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं नैफ्सकॉब की डायरेक्टर श्रीमती श्रेया गुहा, सहकारिता रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रतनू और पूर्व विधायक मांगीलाल डागा भी उपस्थित थे।
श्री कटारिया ने सुझाव दिया कि सहकारी बैंकों और पैक्स में सदस्यों एवं आमग्राहकों द्वारा रखी जाने वाले समस्त जमा राशि का बीमा होना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार की कृषि एवं सहकारिता को आगे बढाने वाली नीतियों का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को 1 लाख 50 हजार रुपये का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों एवं सहकारी संस्थाओं के लिए कई नवाचार आरम्भ किये हैं। पैक्स की आय बढाने के लिए बड़ी संख्या में कस्टम हायरिंग सेंटर स्वीकृत किये जा रहे हैं। सोसाइटियों में गोदाम निर्माण के लिए शत-प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। महिला सहकारिता को बढावा देने के लिए राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में महिला बहुउद्देश्यीय ग्राम सेवा सहकारी समिति का गठन किया गया है। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले डेलिगेट्स को, राज्य की पलसाना, निमोद जैसी सोसाइटियों का विजिट करने का आग्रह किया।
आजीविका में 3 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरण जारी
सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने डेलिगेट्स का स्वागत करते हुए बताया कि राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड जयपुर (आरएससीबी/अपेक्स बैंक) अपनी स्थापना के बाद से निरंतर लाभ में संचालित है। आरएससीबी द्वारा नाबार्ड एवं आरबीआई के मापदंडों की पूर्णत: पालना की जा रही है। उन्होंने कहा कि कृषि कार्यों के साथ-साथ अकृषि कार्यों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार के निर्देश पर, राजस्थान सहकारी ग्रामीण परिवार आजीविका ऋण योजना के तहत, केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) द्वारा 3000 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त लोन उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसमें 25 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का ऋण दिया जा रहा है, जिससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के 1 लाख 50 हजार परिवार लाभान्वित होंगे एवं अपनी आजीविका से सामाजिक एवं आर्थिक जीवन स्तर में सुधार कर सकेंगे। इस अनूठी योजना के अंतर्गत राज्य के केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा अब तक 32 हजार से अधिक पात्र ऋणियों को लाभान्वित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी को बढाने के उद्देश्य से सरकार ने राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक महिला बहुउद्देश्यीय ग्राम सेवा सहकारी समिति की स्थापना की है।
एमडी भोमाराम ने अपेक्स बैंक की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की
बैंक के प्रबंध निदेशक भोमाराम से अपने स्वागत उद्बोधन में संस्कृति और सौहार्द से परिपूर्ण राजस्थान की धरा पर राज्य सहकारी बैंकों के अध्यक्षों एवं प्रबंध निदेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि 18 वर्ष के अंतराल पर ऐतिहासिक गुलाबी नगर (जयपुर) में नैफ्सकॉब की एजीएम, बीओडी मीटिंग का होना गर्व की बात है। इस कार्यक्रम में देश के सहकारी बैंकों के डेलिगेट्स, सहकारी बैंकों के माध्यम से सहकारिता आंदोलन, बैंकिंग सहकारिता को आगे बढाने वाली नीतियों और सहकारी बैकों के समक्ष आने वाले चुनौतियों का सामना करने के लिए नीतिगत निर्णय लेंगे। एमडी भोमाराम ने अपेक्स बैंक की प्रगति का संक्षिप्त ब्यौरा प्रस्तुत किया।
नैफ्सकॉब की एजीएम आरम्भ
स्वागत कार्यक्रम के उपरांत नैफ्सकॉब की साधारण सभा की बैठक का आयोजन किया गया, जो अभी जारी है। इसके पश्चात संचालक मंडल की बैठक होगी। एजीएम एवं संचालक मण्डल की बैठक में सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स के लिए मॉडल उपनियम, प्रत्येक पंचायत पर पैक्स की स्थापना, अनाज भंडारण योजना, कॉमन सर्विस सेन्टर, पेट्रोल पंप आवंटन, एलपीजी ड्रिस्टीब्यूटरशिप, एसपीओ का गठन, खाद वितरण केन्द्रों, जन औषधि केन्द्र खोलने सहित अन्य पर विचार-विमर्श होगा।
भारत सरकार द्वारा कुछ सहकारी समितियों को करों में दी गई राहत, नगद जमा व ऋण दिये जाने की सीमा में वृद्धि एवं अन्य सहकारिता द्वारा जिन समस्याओं का सामना किया जा रहा है, उसके समाधान के लिए प्रयासों पर विचार-विमर्श होगा। साथ ही भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग को नेफस्कॉब के द्वारा सहकारी संस्थाओं के पुनर्पूंजीकरण एवं विधिक परिवर्तनों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
बैठक में आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी, ओटीएस, डिजिटल लैंडिंग के संबंध में विचार-विमर्श, केन्द्रीय रजिस्ट्रार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों एवं मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव एक्ट की धाराओं में किए गए संशोधनों पर विचार, सहकारी बैंकों में सुधार हेतु किए जा रहे विभिन्न उपायों पर विचार-विमर्श, नाबार्ड की परोक्ष निगरानी प्रणाली में डेटा पाइंटस में की गई वृद्धि एवं पैक्स एज मल्टी सर्विस सेन्टर योजना पर विचार-विमर्श, फसली ऋण वितरण पर आ रही समस्याओं सहित अन्य विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।