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आरबीआई ने राजस्थान के एक सहकारी बैंक का लाइसेंस निरस्त किया

जयपुर, 29 फरवरी (मुखपत्र)। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने राजस्थान के एक सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की सम्भावना नहीं हैं। यह बैंक, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के प्रावधानों का अनुपालन करने में सक्षम नहीं है, इसलिए बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

आरबीआई द्वारा राजस्थान के पाली जिले में स्थित सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुमेरपुर (पाली) का लाइसेंस रद्द किया गया है। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी आदेश की पालना में बैंक ने 28 फरवरी से अपना कारोबार बंद कर दिया है। रिजर्व बैंक ने रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, राजस्थान जयपुर से बैंक में समापक की नियुक्ति के लिए अनुरोध किया है।

आरबीआई के अनुसार, सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुमेरपुर के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की सम्भावनाएं नहीं हैं। यह बैंक, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56, सहपठित धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है। साथ ही बैंक धारा 22(3)(ए), 22(3)(बी), 22(3)(सी), 22(3)(डी) और 22(3)(ई) की जरूरतों का पालन करने में विफल रहा है। बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है।

बैंक का कारोबार जारी रखना सार्वजनिक हित में नहीं

आरबीआई का कहना है कि बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा और यदि बैंक को अपना बैंकिंग व्यवसाय आगे भी जारी रखने की अनुमति दी गई तो सार्वजनिक हित पर विपरीत असर पड़ेगा। लाइसेंस रद्द कर दिये जाने के पश्चात, बैंक ग्राहकों से जमाएं स्वीकार करने और जमा राशि का पुनर्भुगतान करने के लिए प्रतिबंधित रहेगा।

99 प्रतिशत से अधिक ग्राहकों को पूरा धन सुरक्षित

बैंक के ग्राहक, डिपोजिट इन्श्योरेंस और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये रुपये की मोनेटरी लिमिट तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा क्लेम राशि हासिल करने का हकदार होगा। बैंक की ओर से बताया गया कि 99.13 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 30 नवंबर, 2023 तक, डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से हासिल इच्छा के आधार पर प्रावधानों के तहत कुल बीमाकृत जमा का 45.22 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।

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