केंद्रीय सहकारी बैंक में प्रशासक लगाने के आदेश पर स्टे, लक्ष्मण सिंह खोर चित्तौडग़ढ़ सीसीबी के अध्यक्ष बने रहेंगे
चित्तौडग़ढ़, 7 जनवरी (मुखपत्र)। राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर खंडपीठ ने, चित्तौडग़ढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड में प्रशासक लगाये जाने के आदेश को स्टे करते हुए लक्ष्मण सिंह खोर को बैंक अध्यक्ष के रूप में बरकरार रखा है। सहकारिता विभाग ने 26 दिसम्बर 2022 को एक आदेश जारी कर, खोर के नेतृत्व वाले संचालक मंडल को भंग कर, जिला कलेक्टर को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।
अदालत से राहत मिलने के बाद, खोर ने शनिवार को पुन: बैंक अध्यक्ष का पदभार सम्भाल लिया। इस अवसर पर विधायक एवं पूर्व बैंक अध्यक्ष चंद्रभान सिंह आकया, चित्तौडग़ढ़ पीएलडीबी अध्यक्ष कमलेश पुरोहित, नगर परिषद सभापति सुशील शर्मा सहित अन्य भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे। विधायक चंद्रभान सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार की सहकारिता के चुनाव कराने की मंशा नहीं थी, लेकिन अदालत के आदेश पर चुनाव की शुरूआत की गयी। अब जबकि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के चुनाव हो गये हैं, तो इसमें आगे बढऩे की बजाय, सरकार पहले से निर्वाचित संचालक मंडलों को भंग करके, सहकारिता मेंं लोकतंत्र की आवाज को दबाना चाहती है। बैंक अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह खोर ने बोर्ड भंग करके प्रशासक लगाने की कार्यवाही को गलत बताया।
जोधपुर हाईकोर्ट के आदेश की प्रति
26 दिसम्बर को भंग किये गये थे आठ बैंकों के बोर्ड
उल्लेखनीय है कि सहकारिता विभाग द्वारा 26 दिसम्बर 2022 को अलग-अलग आदेश जारी कर, राज्य के आठ केंद्रीय सहकारी बैंकों – चित्तौडग़ढ़, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जोधपुर, पाली, डूंगरपुर, अजमेर और पाली में कार्यरत संचालक मंडलों को भंग करके, सम्बंधित जिला कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त किया गया था। यह कार्यवाही राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 30ग(1) केे तहत की गयी। सहकारिता विभाग द्वारा इन बैंकों में वर्तमान संचालक मंडलों का निर्धारित पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो जाने के आधार पर यह कार्यवाही की गयी थी। खोर ऐसे पहले अध्यक्ष हैं, जिन्हें प्रशासक के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट से स्थगन मिला है।