राजस्थान राज्य सहकारी बैंक को 1 अरब 15 करोड़ रुपये का रिकार्ड सकल लाभ
जयपुर, 18 अप्रेल (मुखपत्र)। राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, (आरएससीबी/अपेक्स बैंक) जयपुर ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 1 अरब 15 करोड़ 69 लाख रुपये का रिकार्ड सकल वार्षिक लाभ अर्जित किया है। देश के बड़े-बड़े और आधुनिक तकनीकी सेवाओं वाले वाणिज्यिक/ निजी बैंकों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद अपैक्स बैंक का यह प्रदर्शन सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए आदर्श उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है।
अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक भोमाराम ने बताया कि 31 मार्च 2023 को समाप्त हुए वित्त वर्ष की वार्षिक खातेबंदी के वित्तीय परिणाम के अनुसार राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 की अवधि में 115 करोड़ 69 लाख रुपये का सकल लाभ अर्जित किया है। यह गत वित्तीय वर्ष की अपेक्षा 3 करोड़ 52 लाख रुपये अधिक है। उन्होंने बताया कि सभी प्रकार के जरूरी प्रावधानों करने के उपरांत, बैंक का शुद्ध लाभ 73 करोड़ 07 लाख रुपये रहा है, जो कि अब तक का सर्वाधिक लाभ है।
एमडी भोमाराम के अनुसार, आलोच्य अवधि में शीर्ष सहकारी बैंक की अमानतों का स्तर 3284.67 करोड़ रुपये रहा तथा ऋण बकाया का स्तर 8901.75 करोड़ रुपये रहा। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष के दौरान, अपैक्स बैंक का शुद्ध एनपीए का स्तर जीरो प्रतिशत रहा।
कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद रिकार्ड लाभ
सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में नाबार्ड की साख उपलब्धता, वित्तीय विनिवेश, बाजार की स्थिति, भारतीय रिजर्व बैंक के आर्थिक अनुशासन मानदंड, व्यवसाय विविधिकरण, कमर्शियल व प्राइवेट बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा के बावजूद, शीर्ष सहकारी बैंक की सराहनीय प्रगति के बारे में प्रबंध निदेशक भोमाराम ने बताया कि नियमित मोनेटरिंग और मासिक समीक्षा बैठकों में दिये गये निर्देशों की पालना में, बैंक स्टाफ की मेहनत और सहयोग के फलस्वरूप, बैंक ने रिकार्ड लाभ अर्जित करने के साथ-साथ, प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य सरकार और सहकारिता विभाग की ओर से भी समय-समय पर बैंक को पूर्ण सहयोग मिलता रहा।
प्रत्येक क्षेत्र में सम्मानजनक प्रदर्शन
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड की शाखाओं द्वारा कुल अमानतों, व्यक्तिगत अमानतों, संस्थागत अमानतों, ऋण वितरण, गैर कोषीय आय, नये बैंक खाते खोलने, अवधिपार/एनपीए ऋणों की वसूली एवं खातों की केवाईसी, आदि में सम्मानजनक वृद्धि दर्ज की गयी।