राज्यसहकारिता

सहकारिता विभाग का बाबू, दूसरी बार रिश्वत लेते काबू

रिश्वत मामले में ही नौकरी गंवा चुका है गोदारा, हाईकोर्ट से राहत पा कर बहाल हुआ था

चित्तौडग़ढ़, 19 अप्रेल। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने प्रतापगढ़ में सहकारिता विभाग के बाबू भागीरथ गोदारा को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। वह उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां प्रतापगढ़ कार्यालय में एलडीसी के पद पर कार्यरत है। उसके द्वारा एक संस्था की कार्यकारिणी को प्रमाणित/पंजीकृत करने की एवज में 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग गयी थी। परिवादी की ओर से एसीबी को शिकायत किये जाने के उपरांत सत्यापन करवाया गया। सत्यापन में गोदारा द्वारा स्वयं एवं एक अधिकारी के लिए रिश्वत की मांग किये जाने की पुष्टि होने पर चित्तौडग़ढ़-प्रतापगढ़ एसीबी की टीम ने मंगलवार को भागीरथ गोदारा पुत्र धन्नाराम निवासी धनकोली, जिला नागौर को कृषि मंडी रोड पर 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।

चित्तौडग़ढ़-प्रतापगढ़ एसीबी के एडिशनल एसपी कैलाश सिंह सिंधू ने बताया कि परिवादी ब्रह सभा संस्था के प्रतिनिधि ने बाबू द्वारा स्वयं एवं एक अधिकारी के लिए रिश्वत की मांग किये जाने की शिकायत की थी, परन्तु पकड़े जाने के बाद, उसने केवल स्वयं के लिए ही रिश्वत लिया जाना कुबूल किया। एसीबी की टीम ने गोदारा को रिश्वत की राशि सम्बंधित अधिकारी को देने के लिए कहा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया और कहा कि वह स्वयं ही रिश्वत की मांग कर रहा था।

तीन जगह यूनिट ऑफिसर हैं देवल

उल्लेखनीय है कि उप रजिस्ट्रार जयदेव देवल के पास तीन उप रजिस्ट्रार कार्यालयों का चार्ज है। वे फरवरी-2019 से उप रजिस्ट्रार, उदयपुर के पद पर कार्यरत हैं। जबकि उप रजिस्ट्रार प्रतापगढ़ के पद का और उप रजिस्ट्रार, चित्तौडग़ढ़ के पद का उनके पास अतिरिक्त चार्ज है। सूत्र बताते हैं कि एसीबी के ही एक प्रकरण में अनुशासनात्मक कार्यवाही के विचाराधीन रहते जयदेव देवल का 2018-19 में ज्वाइंट रजिस्ट्रार पद के लिए लिफाफा बंद है और पद रिक्त है। उदयपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में अधिशासी अधिकारी के पद पर रहते हुए एक महिला कार्मिक की शिकायत पर देवल एसीबी की चपेट में आये थे। सम्भवत: वह प्रकरण अभी तक एसीबी कोर्ट में विचाराधीन है।

झारोटिया नहीं हुआ निलम्बित

उदयपुर सीसीबी में ही 2008 में प्रबंध निदेशक पद पर कार्यरत रहते हुए एसीबी ने बजरंगलाल झारोटिया को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। इस मामले में हाल ही में उदयपुर एसीबी स्पेशल कोर्ट ने बजरंग लाल को चार साल जेल की सजा सुनाई थी और वह एक सप्ताह जेल की सलाखों में बीता चुका है। इस प्रकरण की अजमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के चेयरमैन एवं एमडी और जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार अजमेर की लिखित रिपोर्ट के बावजूद, राज्य सरकार ने अब तक झारोटिया को निलम्बित नहीं किया है। वह रोज अजमेर सीसीबी के प्रधान कार्यालय जाता है, जहां गार्ड उसे अंदर नहीं घुसने देता और वह बाहर से ही सेल्फी लेकर लौट जाता है, ताकि नियमित रूप से अपनी उपस्थित दर्शा सके।

एसीबी ने दूसरी बार रिश्वत लेते हुए दबोचा

एडिशनल एसपी ने बताया कि भागीरथ गोदारा को एसीबी ने 2002 में भी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था, तब वह नागौर में पदस्थापित था। इस मामले में एसीबी की विशेष अदालत ने गोदारा को 2 साल की सजा सुनाई थी। इस आधार पर सरकार ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया था, लेकिन 2018 में वह सजा के विरूद्ध हाईकोर्ट से कुछ रियायत प्राप्त करने में सफल रहा, जिसके चलते नौकरी में बहाल हो गया।

आज निलम्बन सम्भव

सूत्रों ने बताया कि उदयपुर जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार कार्यालय से इस मामले की लिखित रिपोर्ट रजिस्ट्रार कार्यालय को प्रेषित की जा चुकी है। इस प्रकरण में, भागीरथ गोदारा को आज निलम्बित किया जा सकता है।

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