प्रमुख शासन सचिव का प्रबंध निदेशकों से सवाल, भारी-भरकम ब्याज अनुदान वाली योजनाओं में ऋण वितरण शून्य क्यों?
जयपुर, 3 दिसम्बर (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (अपेक्स बैंक) की प्रशासक श्रीमती मंजू राजपाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य के जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। राजपाल ने राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप ऋण वितरण के शत-प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करने के निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान बजट घोषणा के बिन्दू संख्या 127 एवं 128 में ऋण वितरण की प्रगति के निराशाजनक आंकड़ें देखकर, प्रमुख शासन सचिव ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कृषि ऋण पर 7 प्रतिशत और अकृषि ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जा रहा है, इसके बावजूद दो तिहाई बैंकों का इस मद पर ऋण वितरण शून्य है, जो कि बहुत निराशाजनक है। श्रीमती राजपाल ने कहा कि कायदे से बैंकों द्वारा 11.50 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन बांटा जाता है, बांटा भी जाना चाहिये, लेकिन राज्य सरकार की बजट घोषणा की बिन्दू संख्या 127 में कृषि ऋणों पर 7 प्रतिशत और बिन्दू संख्या 128 में अकृषि ऋणों पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिये जाने का प्रावधान है, जिसके बाद भी बैंकों की प्रगति शून्य है।
उन्होंने सवाल किया कि वाणिज्यिक बैंकों को सरकार किसी प्रकार का ब्याज अनुदान नहीं देती, फिर भी वे ऋण वितरण के बड़े लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर लेते हैं और आप लोग भारी-भरकम अनुदान के बावजूद ऋण वितरण में असफल क्यों हो? प्रमुख शासन सचिव ने शून्य प्रगति वाले बैंकों के प्रबंध्या निदेशकों को नोटिस जारी कर, जवाब तलब करने का निर्देश दिया, साथ ही, कड़े लहजे में कहा कि कहा कि चालू वित्त वर्ष में केवल एक तिमाही बकाया है, इसलिए वार्षिक लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाये। इसमें किसी प्रकार की बहानेबाजी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
प्रबंध निदेशकों केसाथ बैंक के ऋण वितरण, वसूली, राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना, बजट घोषणा के बिन्दु संख्या 127 व 128 की क्रियान्विति, पैक्स कम्प्यूटराइजेशन की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 2023-24 में वितरित अल्पकालीन ऋणों के विरूद्ध वसूली कार्यवाही, अवधिपार व वर्ष 2024-25 हेतु फसली ऋण वितरण की समीक्षा की गई। साथ ही, शत प्रतिशत वसूली करने के सख्त निर्देश दिये गये।
ऑनलाइन लोन डिस्बर्समेंट पोर्टल एवं किसान पोर्टल पर तातारीख तक तक वितरित ऋणों की सूचना अपलोड करने एवं उक्त कार्य में आ रही समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की व्यवस्था करने बाबत निर्देशित किया गया। राजस्थान सरकार की राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना एवं बजट घोषणा के बिन्दू संख्या 127 एवं 128 पर घोषित दीर्घकालीन कृषि एवं अकृषि ऋण योजना में क्रमश: 7 प्रतिशत एवं 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के दृष्टिगत अधिकाधिक ग्रामीणों को लाभान्वित करने के निर्देश प्रदान किये गये।
पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना में, प्रथम फेज में चयनित समस्त पैक्स को 31 मार्च 2025 से पूर्व गो-लाइव किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। कम लागत की कासा (सीएएसए) अमानतो हेतु 40 प्रतिशत का मानक स्तर अर्जित करने व सहकारिता में सहकार के तहत डेयरी यूनियन एवं डेयरी सहकारी समितियों द्वारा सहकारी बैंकों में खाता खोलने के लिए म्हारो खातो, म्हारो बैंक अभियान 1 जनवरी से 28 फरवरी तक चला कर अमानतों में वृद्धि करने के लिए निर्देशित किया गया।
नाबार्ड के उप महाप्रबंधक देशराज मौर्य ने शेष रही पैक्स की ऑडिट पूर्ण कर पैक्स कम्प्यटूराइजेशन कार्य में गति लाने एवं पैक्स मैनेजर को प्रशिक्षित किये जाने पर जोर दिया। अंत में अपेक्स बैंक के महाप्रबन्धक (आ.वि.) पी.के. नाम ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।