राज्यसहकारिता

पैक्स कार्मिक नया संगठन बनायेंगे, पंजीकरण की प्रक्रिया आरंभ

सहकारी कर्मचारी संघ के दो गुटों और टीएसपी संघर्ष समिति का हुआ विलय

जयपुर, 16 अगस्त (मुखपत्र)। राजस्थान के ग्राम सेवा सहकारी समिति (पैक्स, लैम्पस) कर्मचारियों को एकजुट करने के प्रयास में 11 अगस्त को जयपुर के एक होटल में राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 22 जिलों के जिलाध्यक्ष एवं जिला कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित हुए एवं 4 जिलों का टेलिफोनिक समर्थन रहा। सबने एक मत से राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ को त्यागकर, ग्राम सेवा सहकारी समिति कर्मचारियों के हित में नया संगठन बनाने का निर्णय लिया। बैठक में राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के दोनों गुटों – नंदलाल वैष्णव गुट और सत्यानारायण तिवारी गुट के साथ-साथ उदयपुर संभाग में सक्रिय संगठन टीएसपी संघर्ष समिति द्वारा नये संगठन में विलय की घोषणा की गयी।

बैठक में यह बात सामने आयी कि राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के नाम पर तीन प्रदेश कार्यकारिणी चल रही हैं। असली-नकली के चक्कर के कर्मचारी संगठनों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। तीनों कार्यकारिणी में कोई तारतम्य नहीं होने तथा कुछ पदाधिकारियों द्वारा पद लोलुप्ता के चलते पद नहीं छोड़े जाने के कारण, नया संगठन बनाने का निर्णय लिया गया।

संगठन की 1 अगस्त को जयपुर में हुई बैठक में पांच पदाधिकारियों को राज्य के समस्त जिलाध्यक्षों और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों से वार्ता के लिए अधिकृत कर, सभी संगठनों की प्रदेश स्तरीय बैठक के आयोजन की जिम्मेदारी दी गयी थी। इनमें जालौर के हनुमान सिंह राजावत, श्रीगंगानगर के जसवंत पचार, दौसा के रमेश भारद्वाज, नागौर के बलदेवा राम गेट और बारां के संदीप बामला शामिल रहे। इनके द्वारा 9 अगस्त तक सभी जिलाध्यक्षों एवं प्रदेश पदाधिकारियों से वार्ता के उपरांत 11 अगस्त को जयपुर में बैठक आयोजित की गयी, जो अपने उद्देश्य में सफल रही। जिलाध्यक्षों ने सहकारी कर्मचारी संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की सेवा के प्रति असंतोष एवं रोष व्यक्त किया, जिसके बाद, बैठक में मौजूद पदाधिकारियों से स्वेच्छा से त्यागपत्र दे दिया। सत्यनारायण तिवारी ने भी एकजुटता और नये संगठन के गठन की आवश्यकता के दृष्टिगत पद छोडऩे की घोषणा की। तदोपरांत, कुछ तकनीकी कारणों से राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के बैनर को त्यागकर, प्रदेशभर में एक नये संगठन के साथ, अपनी मांगों के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में उपस्थित जिलाध्यक्षों एवं अन्य पदाधिकारियों ने नये संगठन के प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसके पश्चात नये संगठन के पंजीकरण की कार्यवाही आरंभ कर दी गयी है। पंजीकरण के उपरांत प्रदेश स्तर की बड़ी बैठक का आयोजन कर, कार्यकारिणी गठित की जायेगी।

दौसा के रमेश भारद्वाज के प्रस्ताव पर बैठक में तय हुआ कि प्रदेश अथवा जिला कार्यकारिणी में किसी सेवानिवृत्त व्यवस्थापक को शामिल नहीं किया जायेगा। जो ऊर्जावान साथी हैं, उन्हें मौका दिया जाए ताकि संगठन मजबूत हो सके। कार्यकारिणी का समय दो वर्ष हो, उसके बाद संगठन की मीटिंग बुलाकर कार्यकारिणी पर विचार हो। सेवानिवृत्ति साथी मार्गदर्शक की भूमिका में रह सकते हैं।

बैठक में श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ से जसवंत पचार, गिरधारी लाल शर्मा, हेतराम भूकर, नागौर से भंवराराम चौधरी एवं बलदेवाराम गेट, जालौर से हनुमान सिंह राजावत एवं खेतपाल सिंह बालोत, दौसा से रमेश भारद्वाज एवं विजेंद्र शर्मा, डूंगरपुर से के.पी. सिंह एवं हेमंत व्यास, उदयपुर से मदन मेनारिया, सलूम्बर से नरपत सिंह चूंडावत, टोंक से शिवचरण शर्मा, सिरोही से जसवंत सिंह राणावत, चित्तौडग़ढ़ से देवेंद्र सिंह शक्तावत, अलवर से देवेंद्र सैदावत, भीलवाड़ा के सत्यनारायण तिवारी, शाहपुरा से प्रभूलाल जाट, बांसवाड़ा से प्रवीण सिंह एवं महिपाल सिंह, नीमकाथाना से अमर सिंह, सीकर से रामरतन बिजारणियां, भरतपुर से टीकेंद्र कटारा, बीकानेर से रामनिवास नैण, बारां से प्रकाश नागर एवं संदीप बामला, झालावाड़ से बंसतीलाल पाटीदार, धीरज नागर, करण सिंह, चूरू से पवन कुमार, प्रतापगढ़ से सोमेश्वर त्रिवेदी, हनुमानगढ़ से मेनपाल सहित अन्य जिला पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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