Friday, October 11, 2024
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राज्यसहकारिता

मुख्यमंत्री के सम्मान की बहाली के लिये सहकारी बैंक कार्मिक सद्बुद्धि यज्ञ करेंगे

जयपुर, 11 जुलाई (मुखपत्र)। एक ओर राजस्थान सरकार, हर साल एक लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने की घोषणा कर रही है, वहीं दूसरी ओर राजस्थान के सबसे पुराने जिला सहकारी बैंक – अजमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (AJMER DCCB) के कार्मिकों को, मुख्यमंत्री की मंजूरी और सहकारिता रजिस्ट्रार के आदेश के बावजूद, कई महीनों से नया वेतन समझौता मिलने का इंतजार है। हैरानी है कि अजमेर डीसीसीबी द्वारा अभी तक द्विपक्षीय वेतन समझौता प्रलेख हस्ताक्षर ही नहीं किया गया है, जबकि रजिस्ट्रार द्वारा अक्टूबर-2023 में ही वेतन समझौते का अनुमोदन करते हुए, एक माह के भीतर इसे लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया था। वेतन समझौता लागू करने, 6 साल से लम्बित डीपीसी की बैठक आयोजित कर पदोन्नति का लाभ देने और अन्य मांगों के समर्थन में बैंक कार्मिक आंंदोलनरत हैं और 15 जुलाई 2024 से हड़ताल पर जाने वाले हैं। कार्मिकों ने बैंक प्रबंधन को हड़ताल का नोटिस सौंप दिया है और इसकी सूचना बैंक शाखाओं के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दी है। अब कार्मिकों ने मुख्यमंत्री के सम्मान की खातिर बैंक प्रबंधन सद्बुद्धि यज्ञ करने की घोषणा की है।

आंदोलन की अगुवाई कर रहे ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्प्लाइज यूनियन और ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री, शासन सचिव (सहकारिता) एवं सहकारिता रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर बताया गया कि मुख्यमंत्री की स्वीकृति से जारी सहकारी बैंक कार्मिकों का 16वां वेतन समझौता 54 माह से लम्बित हैं और आजदिन तक उसका लाभ अजमेर डीसीसीबी को नहीं मिला है जबकि राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के अलावा अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बून्दी, हनुमानगढ़, जयपुर, जोधपुर, सीकर, सवाईमाधोपुर, सिरोही एवं श्रीगंगानगर डीसीसीबी की स्वीकृति सहकारिता विभाग द्वारा जारी की जा चुकी है। अजमेर बैक प्रबन्धन द्वारा मुख्यमंत्री की 16वें वेतनमान की स्वीकृति का सम्मान नहीं किया जा रहा है। बैंक प्रबन्धन द्वारा राज्य सरकार के आदेश को ताक पर रखकर निर्धारित मापदण्डों की पालना होने बावजूद, हठधर्मिता का प्रदर्शन करते हुए बैंक कर्मचरियों का अर्थिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है।

पत्र में बताया गया कि बैंक प्रबन्धन द्वारा गत दो वर्षों के सन्तुलन चित्र में 16वें वेतन समझौते के परिपेक्ष्य मे क्रमश: 120 लाख रुपये एवं 65 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। यदि इस राशि का समय पर कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया जाता है तो, टैक्स ऑडिट के समय बैंक को लगभग 28 प्रतिशत की दर से आयकर राशि का भुगतान करना होगा, तब बैंक को होने वाली वित्तीय हानि की जिम्मेदारी कौन लेगा, यह भी विचारणीय विषय है।

पत्रानुसार, बैंक प्रबन्धक द्वारा मुख्यमंत्री एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां राजस्थान के निर्णय/स्वीकृति का सम्मान नहीं किया जा रहा है। इस सम्मान की वापसी के लिये बैंक प्रबन्धन को सद्बुद्धि देने हेतु 16 जुलाई को प्रात: 9.35 से बैंक कार्मिकों द्वारा निर्मित शिव मंदिर में विधि विधानपूर्वक ‘मुख्मंत्री सम्मान वापसी सद्बुद्धि यज्ञ’ का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है। इससे एक दिन पहले, 15 जुलाई से बैंक कार्मिक बेमियादी हड़ताल पर चले जायेंगे।

कर्मचारियों का कहना है कि संचालक मंडल की दो बैठकों में वेतन समझौते का बिन्दू रखा गया, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय नहीं लेकर, आगामी बैठक के लिए टाल दिया गया। बोर्ड की 19 दिसम्बर 2023 एवं 21 जून 2024 को आयोजित बैठक में, वेतन समझौते किये गये प्रावधान की पुष्टि तो की गयी, लेकिन लागू करने की मंजूरी नहीं दी गयी, जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।

आगामी बैठक में मंजूरी दे दी जायेगी – चेयरमैन

इस सम्बंध में ‘मुखपत्र’ द्वारा अजमेर डीसीसीबी के संचालक मंडल अध्यक्ष मदन गोपाल चौधरी से सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि किसी कारणवश बोर्ड की पिछली बैठकों में वेतन समझौते को लागू करने सम्बंधी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दे पाये। बोर्ड की आगामी बैठक के एजेंडे में वेतन समझौता लागू करने की मंजूरी प्रदान कर दी जायेगी। बैंक के प्रबंध निदेशक भंवर सुरेंद्र सिंह ने, 16वें वेतन समझौते के प्रलेख पर अब तक हस्ताक्षर नहीं होने को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

बोर्ड की दो बैठकों में वेतन समझौते पर चर्चा न होना चिंताजनक

उधर, सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने अजमेर केंद्रीय सहकारी बैंक में, वित्तीय प्रावधान किया होने के बावजूद, वेतन समझौता प्रलेख पर बैंक प्रबंधन द्वारा हस्ताक्षर नहीं किये जाने को लेकर बेहद गंभीर प्रकरण बताया है। उन्होंने कहा कि बैंक का संचालन, संचालक मंडल के हाथ में है, जिससे सर्वप्रथम वेतन समझौता लागू किये जाने की अपेक्षा रहती है। जबकि रजिस्ट्रार द्वारा 16वें वेतन समझौते के प्रारूप का अनुमोदन किये जाने के बाद, अजमेर में संचालक मंडल की दो बैठक हो चुकी हैं और दोनों बैठकों में वेतन समझौता लागू करने की मंजूरी नहीं दिया जाना चिंताजनक है। रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां को इस पर प्रसंज्ञान लेकर, कर्मचारियों को वेतन समझौते का लाभ दिलाना चाहिये।

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