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गौण मंडी की आधी कमाई प्रोत्साहन के रूप में बांट दी, अब व्यवस्थापक एवं अध्यक्षों से होगी 22 लाख रुपये की वसूली

सहायक व्यवस्थापक की नियुक्ति को गलत माना, सेवा से पृथक करने का आदेश

श्रीगंगानगर, 23 दिसम्बर (मुखपत्र)। दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक की जैतसर शाखा की एक और ग्राम सेवा सहकारी समिति में कर्मचारियों और संचालक मंडल द्वारा गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। यह मामला बुगिया ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड का है। इस प्रकरण में, बैंक के अधिशासी अधिकारी भैंरूसिंह पालावत की जांच रिपोर्ट को अक्षरश: स्वीकार करते हुए मुख्य व्यवस्थापक झमर लाल शर्मा (अब सेवानिवृत्त) और सोसाइटी के दो अध्यक्षों – जगदीश चंद्र (निवर्तमान) और नरेंद्र कुमार शर्मा (वर्तमान) से 22 लाख रुपये से अधिक राशि वसूल करने का निर्देश दिया गया है, साथ ही, सोसाइटी में सहायक व्यवस्थापक पद पर कार्यरत शक्ति सिंह, जो मुख्य व्यवस्थापक झमर लाल का पुत्र है, की नियुक्ति को गलत मानते हुए, उसे समिति की सेवा से पृथक करने का आदेश दिया गया है।
कुछ माह पूर्व बुगिया ग्राम सेवा सहकारी समिति के वर्तमान अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा एवं संचालक मंडल के सदस्यों द्वारा सोसाइटी में गंभीर अनियमितताओं की आशंका व्यक्त की गयी थी, जिस पर बैंक के प्रबंध निदेशक संजय गर्ग द्वारा अधिनियम अंतर्गत जांच करवाये जाने का निर्णय लेते हुए 16 जनवरी 2024 को एक आदेश जारी कर, बैंक के अधिशासी अधिकारी भैरूसिंह पालावत को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। पालावत को अधिनियम अंतर्गत जांच का विशेषज्ञ माना जाता है। इससे पहले भी वे कुछ समितियों में अधिनियम अंतर्गत जांच कर, दूध का दूध, पानी का पानी कर चुके हैं।

करीब दस माह तक लगातार अथक मेहनत एवं सोसाइटी के रिकार्ड का अवलोकन करने के पश्चात, पालावत ने 21 नवम्बर 2024 को जांच रिपोर्ट, प्रबंध निदेशक के समक्ष प्रस्तुत की, जिसके अध्ययन के पश्चात एमडी संजय गर्ग ने 21 दिसम्बर 2024 को जांच परिणाम जारी किये।

इन बिन्दुओं की हुई जांच

(1). समिति में सहायक व्यवस्थापक एवं अन्य कार्मिकों की नियुक्ति की जांच

सहायक व्यवस्थापक शक्ति शर्मा का अभिकथन था कि उसकी नियुक्ति संचालक मंडल द्वारा 1 जून 2010 को इस पद पर की गयी, जिसकी 14 अगस्त 2017 को आमसभा में पुष्टि की गयी। दिनांक 20 अगस्त 2020 को आमसभा में उसे वेतन दिये जाने की पुष्टि किये जाने पर, उसे सितम्बर, 2020 में पहली बार वेतन दिया गया। जांच अधिकारी द्वारा अवेनतिक नियुक्ति के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए, अगस्त 2020 में सहायक व्यवस्थापक के पद पर शक्ति शर्मा की नियुक्ति होना पाया, जबकि सहकारिता विभाग द्वारा 10 जुलाई 2017 को समितियों में स्थायी नियुक्ति पर रोक लगा दी गयी थी, इसलिए शक्ति शर्मा की सहायक पद पर नियुक्ति को अनियमित मानते हुए, उसे समिति की सेवाओं से पृथक किये जाने की अनुशंसा की गयी, जिसे धारा 55 (5) एवं (6) के अंतर्गत जारी जांच परिणाम में अक्षरश: स्वीकार करते हुए, शक्ति शर्मा को सोसाइटी की सेवा से पृथक करने का निर्देश दिया गया।

(2). समिति की रोकड़ बही एवं कार्यवाही रजिस्टर की वर्ष 2020-21 से तातारीख तक जांच

रोकड़ बही/दैनिक बही जांच में सही पाये गये, लेकिन कार्यवाही रजिस्टर में शक्ति शर्मा की सहायक पद पर नियुक्ति सम्बंधी प्रस्ताव एवं पुष्टि आदि की कार्यवाही को गलत माना गया। जांच परिणाम इस समिति के संचालक मंडल की बैठक में पारित प्रस्ताव और आमसभा में पारित प्रस्ताव को समिति हितों एवं विभागीय नियमों/निर्देशों/आदेशों के विपरीत मानते हुए अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही करते हुए अपखंडन का निर्देश दिया गया।

(3). गौण मंडी व्यवसाय की जांच

: सोसाइटी द्वारा साल 2020-21 से गौण मंडी का व्यवसाय किया जा रहा है। सोसाइटी द्वारा साल 2020-21 एवं 2022-23 में समिति परिसर में तथा साल 2021-22 एवं 2023-24 में कृषि उपज मंडी परिसर में गौण मंडी का कार्य किया गया। इसके लिए सोसाइटी को साल 2002-21 में 27 लाख 81 हजार 844 रुपये, 2021-22 में 24 लाख 49 हजार रुपये, 2022-23 में 10 लाख 21 हजार 818 रुपये और साल 2023-24 में 18 लाख 23 हजार 131 रुपये की कमीशन की आय हुई। सोसाइटी द्वारा दिनांक 26 जुलाई 2022 को तत्कालिन अध्यक्ष जगदीश चंद्र की अध्यक्षता में आयोजित वार्षिक आमसभा में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि गौण मंडी में खरीद के लिए, गौण मंडी कमीशन के रूप में प्राप्त होने वाली राशि में से 50 प्रतिशत राशि व्यापारियों/आढ़त फर्मों को दी जाये। इस प्रस्ताव के आधार पर, सोसाइटी द्वारा साल 2002-21 में 7 लाख 44 हजार 662 रुपये, 2021-22 में 9 लाख 27 हजार 142 रुपये, 2022-23 में 5 लाख 54 हजार 934 रुपये का प्रोत्साहन राशि के रूप में व्यापारियों/आढ़त फर्मों को भुगतान कर दिया गया, जबकि साल 2023-24 के लिए व्यापारियों को 6 लाख 66 हजार 500 रुपये का भुगतान किया जाना शेष है। जांच अधिकारी ने दिनांक 26.07.2022 को लिये गये प्रस्ताव को समिति हितों के विरुद्ध एवं प्रचलित नियमों और इस सम्बंध में जारी आदेशों के विरूद्ध माना। जांच अधिकारी के अनुसार, राजस्थान की चुनिंदा ग्राम सेवा सहकारी समितियों/क्रय विक्रय सहकारी समितियों का चयन, संस्था स्तर पर निर्धारित स्थान पर अनुज्ञापत्रधारी आढ़त फर्मों को बुलाकर एवं कृषि उपज मंडी समिति से विक्रय पर्ची प्राप्त कर किया जाना था। साथ ही, गौण मंडी व्यवसाय समिति को अपने द्वारा निर्धारित एवं सरकार द्वारा स्वीकृत स्थान पर ही किया जाना था, न कि कृषि उपज मंडी समिति परिसर में आढ़त फर्मों के माध्यम से किया जाना था।

जांच अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर जांच परिणाम में, कमीशन की राशि में से आधी राशि के रूप में को प्रोत्साहन के रूप में व्यापारियों/आढ़त फर्मो को दिये जाने के लिए व्यवस्थापक झमर लाल शर्मा, निवर्तमान अध्यक्ष जगदीश चंद्र और वर्तमान अध्यक्ष नरेंद्र कुमार शर्मा को दोषी माना गया। जांच परिणाम में झमरलाल शर्मा एवं जगदीश चंद्र को 16 लाख 71 हजार 804 रुपये तथा झमरलाल व नरेंद्र कुमार शर्मा को 5 लाख 54 हजार 934 रुपये की हानि पहुंचाने का दोषी माना गया। जांच परिणाम में झमरलाल शर्मा से 11 लाख 1 हजार 392 रुपये, जगदीश चंद्र से 8 लाख 35 हजार 902 रुपये और नरेंद्र कुमार शर्मा से 2 लाख 65 हजार 490 रुपये वसूली योग्य मानते हुए, इस राशि की मय ब्याज वसूली के लिए राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 57 के तहत प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिये गये, साथ ही, व्यापारियों को वर्ष 2023-24 की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किये जाने पर रोक लगा दी गयी।

जांच के अन्य बिन्दुओं, यथा, समिति द्वारा वितरित अल्पकालीन ऋण के बैंक से अंतर की जांच समिति की जमाओं में अंतर की जांच, गोदाम निर्माण, बीमा क्लेम आदि में किसी प्रकार की अनियमितता सामने नहीं आयी, जिसके आधार पर जांच परिणाम में इन बिन्दुओं को संचित करने का निर्देश दिया गया।

समन्वय का अभाव

जांच रिपोर्ट में संचालक मंडल एवं व्यवस्थापक झमरलाल शर्मा व सहायक व्यवस्थापक शक्ति शर्मा के बीच विवाद पर भी टिप्पणी करते हुए इस विवाद को समिति की प्रगति में बाधक बताया गया। विवाद के सम्बंध में एक प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है तो एक प्रकरण पुलिस थाना में दर्ज है।

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