सहकारी बैंक में गिरवी कृषि भूमि को कर्ज चुकाये बिना, कॉलोनाइजर मुकेश शाह को बेचने पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
श्रीगंगानगर, 5 अक्टूबर (मुखपत्र)। लम्बे इंतजार के पश्चात, अंतत: गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की ओर से, बैंक की सुखाडिय़ा सर्किल ब्रांच के डिफाल्टर ऋणी जगमन सिंह और उसकी मां सर्वजीत कौर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है। आरोप है कि जगमन सिंह और सर्वजीत कौर ने बैंक का कर्ज चुकाये बिना, बैंक में गिरवी रखी हुई कृषि भूमि को कॉलोनाइजर मुकेश शाह (रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटैड) को बेच दी। बैंक की ओर से अधिशासी अधिकारी भैरूसिंह पालावत द्वारा प्रस्तुत लिखित सूचना के आधार पर कोतवाली पुलिस थाना में जगमन सिंह व सर्वजीत कौर के विरुद्ध धारा 420 एवं 120बी आईपीसी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। बैंक का जगमन सिंह व सर्वजीत कौर निवासी 6 जैड की ओर 35 लाख रुपये से अधिक कर्ज बकाया है, जबकि कर्जदार मां-पुत्र ने साल 2020 में ही यह जमीन कॉलोनाइजर मुकेश शाह को बेच दी थी। यह भी उल्लेखनीय है कि जगमन सिंह व सर्वजीत कौर ने जिस जमीन को गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक में गिरवी रखकर, 2017 में 20 लाख रुपये का कर्ज लिया था, उसी जमीन पर एक और बैंक (श्रीगंगानगर प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक) से भी कर्ज उठा लिया।
बैंक की ओर दी गयी सूचना के अनुसार, आरोपीगण द्वारा षडयंत्र रचकर एवं धोखाधड़ी कर बैंक में रहन कृषि भूमि पर दूसरे बैंक से ऋण प्राप्त किया और तथ्यों को छिपाते हुए कूटरचित दस्तावेज तैयार कर रहन रखी भूमि खुर्द-बुर्द कर बैंक को 35 लाख 61 हजार 445 रुपये की हानि पहुंचायी।
दी गंगानगर केन्द्रीय सहकारी बैंक लि. की एक शाखा सुखाडिय़ा सर्किल से जगमन सिंह पुत्र सतनाम सिंह एवं उसकी माता सर्वजीत कौर द्वारा सहकार किसान कल्याण योजना अन्तर्गत साख सीमा के रूप में 20 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत करवाया, जिसकी एवज में 10 जुलाई 2017 को अपनी कृषि भूमि चक 6 जैड खाता संख्या 9 मुरब्बा नम्बर 81 में 2.579 हैक्टैयर नहरी कृषि भूमि को बैंक के पक्ष में रहन उप पंजीयक, श्रीगंगानगर के पुस्तक साजिल्द संख्या 1349 में पृष्ठ संख्या-113 क्रम संख्या-201703103103195 पर पंजीबद्ध किया व अतिरिक्त पुस्तक संख्या-1 जिल्द संख्या-2886 के पृष्ठ संख्या 89 से 92 पर चस्पा किया जाकर पटवारी हल्का राजस्व रिकार्ड से 12 जुलाई 2017 के नामान्तरण रहन संख्या-352 दिनांक 17.07.2017 को दर्ज कर जमाबंदी में अंकन हुआ है। बैंक के समक्ष ऋण स्वीकृति के पश्चात सभी पूर्ण भरे हुए दस्तावेज, जिनका उल्लेख ऋण स्वीकृति आदेश क्रमांक 8990-8991 दिनांक 07.07.2017 में उल्लेख है, पर पढक़र-समझकर दोनों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के पश्चात कृषि भूमि बैंक के पक्ष में रहन दर्ज की गई है। उक्त ऋण अदा नहीं करने पर अवधिपार होने पर निम्नानुसार व ऋण की शर्तों के अनुसार दण्डात्मक ब्याज लगने पर इस वित्त वर्ष में 35 लाख रुपये से अधिक का बकाया वसूली योग्य ऋण है।
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों आरोपीगण द्वारा बैंक ऋण बकाया होते हुए और इसका ज्ञान भलीभांति होने के बावजूद, षडयंत्र के तहत बैंक के साथ धोखाधड़ी करते हुए दि गंगानगर सहकारी भूमि विकास बैंक से भी ऋण प्राप्त कर लिया बाद में, भूमि विकास बैंक का ऋण चुकता कर, वहां से एनओसी ले ली और उसी के आधार पर, जो कृषि भूमि पहले से गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक में रहन रखी हुई थी, को 4 अगस्त 2020 को रिद्धि सिद्धि होम डवलपर प्रा.लि. जरिए डॉयरेक्टर मुकेश शाह के हक में बैयनामा लिख दिया तथा उक्त बैयनामा का पंजीकरण करवाने हेतु उप-पंजीयक कार्यालय, श्रीगंगानगर में 10 अगस्त 2020 को प्रस्तुत किया गया, जिसे 11 अगस्त को 2020 को पंजीबद्ध किया गया। यह पुस्तक संख्या-1, जिल्द संख्या-1476 में पृष्ठ संख्या-192, क्रम संख्या-202003103103477 पर पंजीबद्ध किया गया, जिसे अतिरिक्त पुस्तक संख्या-1, जिल्द संख्या-3395 के पृष्ठ संख्या 440 से 450 पर चस्पा किया गया।
रिपोर्ट में यह आरोप भी लगाया गया कि जगमन सिंह और उसकी मां सर्वजीत कौर ने 19 अगस्त 2020 को भूमि विक्रय करने एवं बैयनामा का छिपाव करते हुए बैंक में पुन: साख सीमा ऋण का नवीनीकरण करवाने हेतु आवेदन किया गया, जिस पर बैंक द्वारा 21 अगस्त 2020 को ऋण नवीनीकरण करवाया गया।
अधिशासी अधिकारी की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर, लिया है। मामले की जांच कोतवाल पृथ्वीपाल सिंह स्वयं कर रहे हैं।