राज्यसहकारिता

पीएम किसान सम्मान निधि का डबल भुगतान : सहकारिता मंत्री ने कहा, जिम्मेदारी तय की जायेगी

जयपुर, 26 जून (मुखपत्र)। सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त के डबल भुगतान के मामले में राजस्थान राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के स्तर पर हुई लापरवाही के लिए, और रकम की वसूली के लिए जिम्मेदारी तय की जायेगी। मंत्री ने प्रकरण को पूरी गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के लिए रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां अर्चना सिंह को निर्देशित किया है।

बुधवार को अपने सरकारी निवास पर ‘मुखपत्र’ के साथ बातचीत में श्री दक ने कहा कि मंगलवार को ‘मुखपत्र’ के समाचार से यह मामला मेरे संज्ञान में आया, जिसके तुरंत पश्चात, अधिकारियों से फीडबैक लेकर, सहकारिता रजिस्ट्रार को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देशित कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘बैंक प्रबंधन द्वारा मीडिया को गलत जानकार नहीं दी जानी चाहिये थी। यह तकनीकी या मानवीय भूल से, जिस प्रकार से भी हुआ, उसे स्वीकार करते हुए, इस समस्या से निपटने का प्रयास किया जाना चाहिये था।’ मंत्री ने विश्वास दिलाया कि अपेक्स बैंक की रकम की एक-एक पाई वसूल की जायेगी और इसके लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसकी जवाबदेही तय की जायेगी।

जानकारी मिली है कि मंत्री ने मंगलवार को ही शासन सचिव शुचि त्यागी (जो अपेक्स बैंक की प्रशासक भी हैं) और पीएम किसान सम्मान निधि के राज्य नोडल अधिकार संजय पाठक ने भी इस मामले का फीडबैक लिया। त्यागी ने अपेक्स बैंक के एक महाप्रबंधक से जानकारी लेकर मंत्री को पूरे मामले से अवगत कराया।

उधर, मंत्री के निर्देश पर रजिस्ट्रार अर्चना सिंह ने बुधवार को अपेक्स बैंक की आईटी सैल की पूरी टीम को तलब कर मामले की विस्तार से जानकारी ली। रजिस्ट्रार ने डीओआईटी और एनपीसीआई के अधिकारियों से भी तकनीकी अपडेट लिया। अपेक्स बैंक को तनकीकी सेवाएं प्रदान कर रही टीसीएस कम्पनी से भी सम्पर्क साधा गया। रजिस्ट्रार के संज्ञान में लाया गया कि अपेक्स बैंक के स्तर पर ही भारी चूक के कारण हजारों किसानों के खातों में पीएम किसान सम्मान निधि की किश्त दो बार ट्रांसफर हो गयी क्योंकि ऑटोमैटिक सिस्टम के साथ मैनुअली छेड़छाड़ की गयी। इसी कारण, बाड़मेर व जोधपुर के किसानों को दो हजार रुपये की किश्त दो बार, कुल चार हजार रुपये ट्रांसफर हो गये। फिलहाल इन खातों को ‘होल्ड’ कर दिया गया है, ताकि किसान अतिरिक्त रकम की निकासी नहीं कर सकें।

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में अब यह देखा जा रहा है कि ऑटोमैटिक सिस्टम के साथ मेनुअली छेड़छाड़ क्यों की गयी और यह किसके आदेश पर हुआ, जिससे अपेक्स बैंक की 14 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि, लगभग 71 हजार किसानों के बचत खातों में चली गयी। अर्चना सिंह ने इस चूक का पता लगाने के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय के एक ज्वाइंट रजिस्ट्रार की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनायी है, जिसमें दो अधिकारी अपेक्स बैंक के हैं, लेकिन बताते हैं कि ज्वाइंट रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्रार से आग्रह किया है कि यह तकनीकी प्रकरण है, जिसकी जांच डिपार्टमेंट ऑफ इंफोरमेशन एंड टेक्नोलॉजी (डीओआईटी) से ही कराया जाना उचित होगा।

 

 

error: Content is protected !!