सहकारिता

महिला बैंक कर्मियों के विधिक अधिकार, पाँच दिन का कार्य सप्ताह व सुरक्षित कार्य वातावरण की मांग

राजस्थान बैंककर्मी महिला परिषद का जयपुर जिला सम्मेलन सम्पन्न

जयपुर, 22 दिसम्बर (मुखपत्र)। राजस्थान प्रदेश बैंक एम्प्लाइज यूनियन की महिला परिषद द्वारा रविवार को तारक भवन, जयपुर में परिषद की महिला पदाधिकारी और जयपुर जिले की विभिन्न बैंकों की महिला सदस्यों का परिषद अध्यक्ष शिखा बंसल की अध्यक्षता में सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन की मुख्य अतिथि सुनीता चतुर्वेदी संरक्षक (एनएफआईडब्ल्यू) और मुख्य वक्ता उच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता डा. दीपमाला एवं राजस्थान प्रदेश बैंक एम्पलाइज यूनियन के चेयरमैन आरजी शर्मा रहे।

महिला परिषद की संयोजिका दिव्या तंवर ने बताया कि सम्मेलन में व्यावसायिक, ग्रामीण व सहकारी बैंकों से बड़ी संख्या में महिला बैंक कर्मियों ने भाग लिया। सम्मेलन में सभी बैंक शाखाओं से आई महिला कार्मिकों ने विचार व्यक्त करते हुए महिला सेवा सुरक्षा व महिला अधिकारों के लिए एकजुटता का आह्वान किया और हाल ही में विभिन्न बैंक शाखाओं में ग्राहकों द्वारा महिला कर्मियों के साथ हुए दुव्र्यवहार व हमलों की निंदा की गई। सम्मेलन का संचालन मेघा मलिक जीसी सदस्य, एआईबीईए और उपसंयोजिका, आरपीबीईयू महिला परिषद ने किया।

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सुनीता चतुर्वेदी ने महिला सशक्तीकरण पर अपने विचार साझा करते हुए महिला नेताओं द्वारा विभिन्न आंदोलनों में किए गए संघर्षों और उपलब्धियों के बारे में बताया। डॉ. दीपमाला ने भारतीय संविधान में मानव अधिकारों और महिलाओं के अधिकारों पर विस्तार से उनके क़ानूनी पहलुओं पर चर्चा की और महिलाओं को उनके मूल अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराया। उन्होंने बैंक कर्मी या घरेलू सभी महिलाओं को जागरूक होने की जरुरत बताई। आरजी शर्मा ने महिला बैंक कर्मियों को संगठित करने के लिए, महिला परिषद को हर तरह से पूर्ण सहयोग व समर्थन का विश्वास दिलाते हुए अधिकाधिक गतिविधि करने के लिए कहा। इस अवसर पर अतिथियों ने महिला बैंक कर्मी परिषद की ‘बाईसा-राज’ नामक ई-पत्रिका के प्रथम संस्करण का विमोचन किया।

निजीकरण के खतरे से आगाह किया

सम्मेलन को राजस्थान प्रदेश बैंक एम्प्लाइज यूनियन के उप महासचिव सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने सम्बोधित करते हुए महिला बैंक कर्मियों को श्रम कानून में हो रहे परिवर्तन से सेवा शर्तों व सेवा सुरक्षा पर हमलों से सावधान करते हुए बताया कि महिला बैंक कर्मी इससे अछूती नहीं रहेगी। निजीकरण के मंडरा रहे ख़तरे से आगाह करते हुए उन्हें यूनियन गतिविधियों में अधिकाधिक भागीदारी करने व संगठित होने का आह्वान किया। आमेरा ने महिला साथियों को एआईबीईए संगठन के दर्शन, विजन व महिला जागरूकता व सुरक्षा के लिए यूनियन को बीमा पॉलिसी बताया। उन्होंने महिला साथियों के लिए यूनियन की गतिविधियों से अवगत करवाते हुए एआईबीईए के साथ अधिक से अधिक महिला साथियों को संगठित व सक्रिय करने का आह्वान किया। महेश शर्मा सचिव आरपीबीईयू, रविदीप चतुर्वेदी क्षेत्रीय सचिव केनरा बैंक यूनियन सूरज प्रकाश सचिव, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी संबोधित करते हुए महिला बैंककर्मियों को एकजुट व जागरूक होने के लिए आह्वान किया।

बैंक कार्मिकों के लिए सुरक्षा की मांग

सम्मेलन में सभी महिला प्रतिभागियों ने हाल ही में देश के विभिन्न प्रांतों में शाखाओं में बैंक कर्मियों पर हुए हमलों की निंदा करते हुए ग्राहक द्वारा दुव्र्यवहार पर क़ानूनी कार्यवाही, ग्राहक से सुरक्षा व सम्मान की माँग की गई। बैंकों में पर्याप्त स्टाफ़ भर्ती करने, बैंकों के निजीकरण का विरोध करने, पाँच दिन का कार्य सप्ताह लागू करने, सभी बैंकों में महिला हक़ के लिए सर्वोच्च न्यायालय की गाइड लाइन लागू करने, महिला कर्मियों के लिए चाइल्ड केयर लिव विशेष अवकाश सुविधा लागू करने, महिला कर्मियों को स्थानांतरण में मानवीय व सामाजिक पक्ष रखने आदि मुद्दों पर प्रस्ताव पारित कर सरकार व बैंक प्रबंधन से माँग की गई। सर्व सम्मति से महिला कर्मियों के सभी जिलों में नियमित सम्मेलन आयोजित कर महिला अधिकारों के लिए एकजुट होकर लडऩे का संकल्प लिया गया।

 

 

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