पैक्स में रिक्त पदों पर भर्ती की अभ्यर्थना मांगे जाने से सहकारी सोसाइटी कार्मिकों में रोष व्याप्त, पुन: राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
जयपुर, 22 नवम्बर (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की ओर से ग्राम सेवा सहकारी समितियां (PACS) में मुख्य कार्यकारी के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के लिए अभ्यर्थना मांगे जाने से प्रदेश के हजारों ग्राम सेवा सहकारी समिति कार्मिकों में रोष और असंतोष व्याप्त हो गया है। राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक, मुख्य सचिव वी.श्रीनिवास, प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता) एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल और समझौता वार्ता की अध्यक्षता करने वाले अतिरिक्त रजिस्ट्रार-द्वितीय संदीप खंडेलवाल आदि को पत्र लिखकर, ग्राम सेवा सहकारी समितियां में मुख्य कार्यकारी के पद पर सीधी भर्ती के लिए अभ्यर्थना मांगे जाने का कड़ा प्रतिवाद किया है।
पत्र में बताया गया कि रजिस्ट्रार कार्यालय के बैंकिंग अनुभाग की ओर से, प्रदेश के समस्त केंद्रीय सहकारी बैंकों को पत्र प्रेषित कर, पैक्स में व्यवस्थापक के रिक्त पदों पर राजस्थान सहकारी भर्ती बोर्ड के माध्यम से सीधी भर्ती पद के लिए अभ्यर्थना मांगी गयी है। जबकि समझौता वार्ता में जिन चार मुद्दों पर सहमति बनी थी, उसके अनुरूप पैक्स में रिक्त पदों को नियमितिकरण प्रक्रिया से भरा जाना तय हुआ था।
इसके लिए विभाग की ओर से स्क्रीनिंग प्रक्रिया शुरू करने हेतु एक माह में विधिक राय ली जानी थी, लेकिन इस दौरान बैंकिंग अनुभाग की ओर से 14 नवम्बर 2025 को समस्त केंद्रीय सहकारी बैंकों को पत्र लिखकर व्यवस्थापकों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के लिए अभ्यर्थना मांगी गयी है। इससे पैक्स कर्मियों में असंतोष फैल गया है। समझौता कमेटी का सदस्य अधिकारी ही ऐसे आदेश निकाल रहा है।

समझौते का उल्लंघन
संघर्ष समिति का मानना है कि ग्राम सेवा सहकारी समितियां में 10 जुलाई 2017 से पूर्व नियुक्त कार्मिकों का स्थायीकरण, स्क्रीनिंग के माध्यम से किये जाने से पूर्व ही, सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू किया जाना, इन कार्मिकों के हितों पर कुठाराघात है, साथ ही राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के साथ 6 अक्टूबर 2025 को हुए समझौते का उल्लंघन है।
पुन: प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
संघर्ष समिति की ओर से स्पष्ट चेतावनी दी गयी है कि यदि 1 दिसम्बर 2025 तक, पैक्स कर्मियों का स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से स्थायीकरण के लिए आदेश जारी नहीं किया गया तो संपूर्ण राजस्थान में पुन: अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार आरंभ कर दिया जायेगा, जिसमें ऋण वितरण एवं वसूली, पैक्स कम्प्यूटराइजेशन, नवीन पैक्स का गठन आदि शामिल है, सब कार्य ठप कर दिया जायेगा।

मंत्री व रजिस्ट्रार की मंशा के विपरीत आदेश
राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य हनुमान सिंह राजावत ने मुखपत्र के साथ बातचीत मं कहा कि रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारी सहकारिता मंत्री गौतमकुमार दक और रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल की मंशा और राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के साथ हुए समझौते के विपरीत जाकर आदेश जारी कर रहे हैं, जिससे पैक्स कार्मिकों को पुन: आंदोलन शुरू पर मजबूर होना पड़ेगा।
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