सहकारिता

तीन ग्राम सेवा सहकारी समितियों के संचालक मंडल भंग

श्रीगंगानगर, 10 जून (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग द्वारा श्रीगंगानगर जिले की तीन ग्राम सेवा सहकारी समितियां (PACS) में संचालक मंडल को भंग कर, प्रशासक की नियुक्ति कर दी गयी है। राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 के प्रावधानों के अनुरूप, समिति में बोर्ड का निर्धारित पांच अवधि का कार्यकाल पूर्ण होने के पश्चात, इन्हें भंग किया गया है। राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 27(4) के प्रावधानों के अन्तर्गत समिति के निर्वाचित सदस्यों और उसके पदाधिकारियों की पदावधि निर्वाचन की तारीख से पांच वर्ष है।

उप रजिस्ट्रार दीपक कुक्कड़ के अनुसार, श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर क्षेत्र की तीन ग्राम सेवा सहकारी समितियां – भादवावाला, लिखमेवाला और मुकलावा में निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल साल 2023 में समाप्त हो गया था। इस समितियों के निर्वाचन ड्यू की सूचना अप्रेल, 2024 एवं फरवरी, 2025 में राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण को भिजवायी जा चुकी है। अधिनियम अंतर्गत निर्धारित प्रकिया का पालन करते हुए तीनों ग्राम सेवा सहकारी समितियां के संचालक मंडल को भंग कर प्रशासक की नियुक्ति कर दी गयी है।

प्रबंध कार्यकारिणी का अंतिम निर्वाचन लिखमेवाला ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड में 25 अप्रेल 2018 को, भादवांवाला ग्राम सेवा सहकारी समिति लि. में 29 मई 2018 और मुकलावा ग्राम सेवा सहकारी समिति लि. में 1 जून 2018 को सम्पन्न हुआ था। इन तीनों की निर्धारित पांच वर्ष की अवधि 2023 में ही समाप्त हो चुकी है। आदेशानुसार, उपरोक्त तीनों समितियों में ब्लॉक निरीक्षक सुमित्रा चौधरी को प्रशासक नियुक्त किया गया है।

क्या है प्रावधान

राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 27(4) के प्रावधानों के अनुसार अधिकतम कार्यकाल अवधि पांच वर्ष है। राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 30-ग(1) के प्रावधानान्तर्गत ‘जहां विद्यमान समिति की अवधि समाप्त हो गयी है और राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी इस अधिनियम के उपबन्धों या तद्धीन बनाये गये नियमों के अनुसार, चाहे किसी भी कारण से, नयी समिति के लिए निर्वाचनों का संचालन करने में असफल रहा है, वहां रजिस्ट्रार, लिखित आदेश द्वारा, सोसाइटी के कार्यकलापों का प्रबन्ध करने के लिए, किसी सरकारी सेवक को, सोसाइटी की समिति का निर्वाचन होने तक, प्रशासक के रूप में नियुक्त कर सकेगा।’

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