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ऋण अवधिपार होने पर सहकारी बैंक का डायरेक्टर डिसक्वालिफाई घोषित

बीकानेर, 1 नवम्बर (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग द्वारा हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (एचकेएसबी) के संचालक मंडल के एक और सदस्य को अयोग्य (निरर्ह) घोषित कर दिया गया है। संचालक मंडल के मनोनीत सदस्य किशन शर्मा के दो ऋण खाते अवधिपार होने के कारण राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप बीकानेर खंड के खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार राजेश टाक की ओर से यह कार्यवाही की गयी। कृष्ण शर्मा से पूर्व, जून-2024 में हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के संचालक मंडल के एक अन्य सदस्य कृष्ण कुमार जांदू को भी निरर्ह घोषित कर, उसके वार्ड से संचालक मंडल सदस्य का पद रिक्त घोषित कर दिया गया था।

हनुमानगढ़ जिले के रावतसर तहसील क्षेत्र के गांव चाईया निवासी मोहनलाल द्वारा एक शिकायत प्रस्तुत कर बताया गया था कि एचकेएसबी संचालक मंडल के मनोनीत संचालक किशन शर्मा ने कृषि भूमि पर तीन खातों में ऋण ले रखा है और तीनों खाते अवधिपार होकर, गैर निष्पादित श्रेणी (एनपीए) श्रेणी में आ गये हैं। शिकायत में कहा गया कि बैंक के उधार के खाते अवधिपार हो जाने के कारण किशन शर्मा व्यतिक्रमी हो गये हैं एवं बैंक की पंजीकृत उपविधि संख्या 11(4)(5) एवं राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 28(3) के अंतर्गत मनोनीत संचालक के पद से निर्योग्य हो चुके हैं। शिकायत के आधार पर बैंक से वस्तुस्थिति की जानकारी ली गयी, जिस पर बैंक द्वारा बताया गया कि किशन शर्मा के किसान सहकार कल्याण योजना के अंतर्गत दो ऋण खाते हैं, जिनमें से एक खाता 31 मार्च 2018 को तथा दूसरा खाता 30 जून 2024 को अवधिपार हो गया है, जिनमें 21 अगस्त 2024 तक क्रमश: 12 लाख 60 हजार 536 रुपये और 4 लाख 67 हजार 04 रुपये का ऋण अवधिपार है।

बैंक से प्राप्त वस्तुस्थिति के उपरांत खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, खंड बीकानेर द्वारा किशन शर्मा को नोटिस जारी कर, अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। अपने जवाब में शर्मा ने स्वीकार किया कि उनके द्वारा लिये गये ऋण खाते प्रतिकूल मौसम एवं कोरोनाकाल के कारण अवधिपार हो चुके हैं, उसे ऋण जमा कराने के लिए पर्याप्त समय दिया जाये। खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार के अनुसार, यह स्पष्ट हो जाने पर कि मनोनीत संचालक के खाते अवधिपार हो गये हैं और शर्मा उक्त ऋण हेतु तीन माह से अधिक की कालावधि के लिए व्यतिक्रमी हैं, इसलिए, राजस्थान सहकारी सोसाइटी एक्ट 2001 की धारा 28(13) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, बैंक की पंजीकृत उपविधि संख्या 11(4)(5) के प्रावधानों के तहत एवं राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 28(3) के प्रावधानों के अनुसार, किशन शर्मा को हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के मनोनीत/सहयोजित सदस्य पद के लिए निरर्ह (डिसक्वालिफाई) घोषित किया जाता है। यह निर्णय 28 अक्टूबर 2024 को पारित किया गया।

कृष्ण कुमार जांदू को निर्योग्य घोषित कर चुके

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व, खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार बीकानेर राजेश टाक द्वारा एक अन्य प्रकरण में हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के संचालक मंडल के निर्वाचित सदस्य कृष्ण कुमार जांदू को डिसक्वालिफाई घोषित कर दिया गया था। कृष्ण जांदू, साल 2011 में तलवाड़ा झील ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड के अध्यक्ष चुने गये थे, जिसके उपरांत 10 फरवरी 2012 को टिब्बी क्रय विक्रय सहकारी समिति के संचालक मंडल के सदस्य, तदोपरांत 11 फरवरी 2012 को चेयरमैन चुने गये थे। जांदू 6 अक्टूबर 2015 को वार्ड नम्बर 11 से टिब्बी केवीएसएस अध्यक्ष के रूप में हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के संचालक मंडल सदस्य निर्वाचित हुए थे। 22 सितम्बर 2022 में हुए सहकारी चुनाव में जांदू, पुन: तलवाड़ा झील ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष निर्वाचित होने से सफल नहीं हुए, जिसके चलते राजस्थान सहकारी सोसाइटी नियम 2003 के नियम 33(2)(घ) के प्रावधानों के अनुसार टिब्बी क्रय विक्रय सहकारी समिति अध्यक्ष के रूप में निर्योग्य हो गये थे, हालांकि, बैंक प्रबंध निदेशक द्वारा उचित माध्यम से सूचित किये जाने के बावजूद, तत्कालिन खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार बीकानेर द्वारा कृष्ण जांदू को न तो टिब्बी केवीएसएस के अध्यक्ष पद से हटाया गया, न ही हनुमानगढ़ सहकारी बैंक के संचालक मंडल के सदस्य पद से निर्योग्य घोषित किया गया। इसी कारण जांदू, टिब्बी एवं हनुमानगढ़ बैंक में लगभग नौ माह तक इन दोनों पदों का उपभोग करते रहे।

गबन के मामले में जेल में हैं जांदू

इस मामले में राजस्थान सहकारिता सेवा के सीनियर एडिशनल रजिस्ट्रार कैडर के अधिकारी भूपेंद्र सिंह की 30 अप्रेल 2024 को राजकीय सेवा से सेवानिवृत्ति के उपरांत, राज्य सरकार ने खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, बीकानेर का प्रभार राजेश टाक को सौंप दिया। राजेश टाक द्वारा राजस्थान सहकारी सोसााइटी अधिनियम 2001 की धारा 28(13) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए 25 जून 2024 को, बैंक की पंजीकृत उपनियम संख्या 11(4)(4) और राजस्थान सहकारी सोसाइटी नियम के नियम 33 (2)(ग एवं घ) के तहत कृष्ण कुमार जांदू को निर्योग्य करार देते हुये, बैंक के वार्ड संख्या 11 हेतु संचालक मंडल सदस्य का पद रिक्त घोषित कर दिया था। कृष्ण कुमार जांदू, तलवाड़ा झील ग्राम सेवा सहकारी सोसाइटी में हुए करोड़ों रुपये के गबन के मामले में फिलहाल कुछ महीनों से न्यायिक हिरासत के तहत जेल में हैं।

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