सहकारी बैंक की वार्षिक आमसभा में सहायक व्यवस्थापकों को वित्तीय अधिकार देने पर लगी मुहर
अजमेर, 15 नवंबर (मुखपत्र)। अजमेर सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की 115वीं वार्षिक साधारण सभा (AGM) का शनिवार को सूचना केन्द्र सभागार में आयोजन किया गया, अध्यक्षता बैंक अध्यक्ष मदनगोपाल चौधरी ने की। कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री सुरेशसिंह रावत, अजमेर सरस डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी, बैंक के पूर्व अध्यक्ष गणेश चौधरी और संचालक मंडल के सदस्य मंचस्थ रहे। सर्वप्रथम बैंक के प्रबन्ध निदेशक हरीश सिवासिया ने एजीएम में उपस्थित अतिथियों, संचालक मंडल सदस्यों और बैंक की सदस्य सहकारी समितियां के अध्यक्षों का स्वागत किया। अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर बैठक का शुभारम्भ किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में बैंक अध्यक्ष मदन गोपाल ने बैंक की वित्तीय स्थिति एवं योजनाओं पर प्रकाश डाला डालते हुए बताया कि बैंक द्वारा वर्ष 2024-25 में कृषकों को खरीफ 2024 एंव रबी 2024-25 हेतु 640 करोड़ रुपये के ऋण वितरण के लक्ष्य के विरुद्ध 622.65 करोड़ रूपये का ऋण वितरण किया। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 330 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरूद्ध खरीफ2025 में 335 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है।
ग्रामीण परिवार आजीविका योजनान्तर्गत 103 सदस्यों को 183.09 लाख रुपये एवं गोपाल क्रेडिट कार्ड योजनान्तर्गत 285 गोपालकों को 283.77 लाख रुपये का ऋण वितरण किया गया। बैंक द्वारा अपने तरल संसाधनों का प्रबन्धन करते हुए नये व पुराने दोनों प्रकार के किसानों की ऋण राशि में बढोत्तरी की है। अध्यक्ष उद्बोधन के उपरांत सदन के समक्ष प्रस्तुत आमसभा के सभी 7 एजेण्डों की पुष्टि की गई। साथ ही वर्ष 2025-26 हेतु 48 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया।
पैक्स कम्प्यूटराइजेशन में प्रथम
केन्द्र सरकार द्वारा प्रवर्तित पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजना में अजमेर सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक राज्य में प्रथम स्थान पर है। पैक्स कम्यूटराइजेशन से समितियों के कार्य में पारदर्शिता बढेगी। बैंक को राज्य में प्रथम स्थान दिलाने के कारण अच्छा कार्य करने वाले व्यवस्थापक / सहायक व्यवस्थापकों का एजीएम में सम्मान किया गया। नियमितीकरण के अभाव में व्यवस्थापकों की कमी के होने से सहकारी समितियो के सुचारू रूप से संचालन में आ रही समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से समितियों की अनुशंषा के आधार पर सहायक व्यवस्थापकों को दिये गये वित्तीय अधिकारों की पुष्टि सदन द्वारा की गई।
कृषक रिस्क रिलीफ फंड योजना
एजीएम में सदस्यों को सहकार जीवन बीमा योजना के विकल्प में आरंभ की गयी राजस्थान सहकारी कृषक रिस्क रिलीफ फण्ड स्कीम की जानकारी देते हुए इसे सहकारिता विभाग की जनकल्याणकारी और दूरदर्शी पहलकी संज्ञा दी गयी। इस योजना में ऋण राशि की एक प्रतिशत के समकक्ष राशि अंशदान के रूप में कोष में जमा करवाने पर ऋणी किसान की मृत्यु की स्थिति में उनके परिजनो को ऋण राशि के समकक्ष राशि की सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।
एजीएम में उपस्थित सदस्यों द्वारा मांग की गई कि दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की अमानतें, भुगतान एवं ऋण सुविधाएं भी पैक्स के समान अजमेर केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से ही हो, जिससे जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ एवं केन्द्रीय सहकारी बैंक दोनों मिलकर एक सहकार शक्ति के रूप में राज्य में अग्रणी स्थान प्राप्त करें। सदन द्वारा मांग की गई कि डीएफएफटी योजनान्तर्गत प्राप्त होने वाले सहयोग में सहकारिता को भी सम्मिलित किया जावें।
मंत्री ने दिया हर संभव सहयोग का आश्वासन
राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री सुरेशसिंह रावत और अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने अपने उद्बोधन में सदन को आश्वस्त किया कि अजमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक के कार्यक्षेत्र के किसानों एवं गोपालकों का सहकारिता के माध्यम से कल्याण करने के लिए वे बैंक का सहयोग कर बैंक को राज्य में अग्रिम पंक्तिमें स्थान दिलायेगे।
साधारण सभा के अन्त में प्रबन्ध निदेशक हरीश सिवासिया ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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