वर्षों से लंबित मांगों के समाधान का इंतजार कर रहे आक्रोषित पैक्स कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी
सरकार, सहकारिता विभाग, श्रम आयुक्त, नाबार्ड और केंद्रीय सहकारी बैंकों को आंदोलन का विधिक नोटिस दिया
जयपुर, 19 सितम्बर (मुखपत्र)। राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, जयपुर ने ग्राम सेवा सहकारी समितियां कार्मिकों की वर्षों पुरानी मांगों का समाधान नहीं होने से आहत होकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन का झंडा उठा लिया है। संघर्ष समिति की ओर से विधिवत रूप से राज्य सरकार, सहकारिता विभाग, नाबार्ड, श्रम आयुक्त और प्रदेश के समस्त केंद्रीय सहकारी बैंकों को विधिक नोटिस देकर 29 सितम्बर 2025 से अनिश्चिकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।
औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22 एवं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत सम्बंधित पक्षों को प्रेषित विधिक नोटिस में बताया गया कि संघर्ष समिति की ओर से 6 अगस्त 2025 को सहकारिता विभाग को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था, जिसमें मांगों/समस्याओं के समाधान के लिए सहकारिता विभाग को 31 अगस्त 2025 तक का समय दिया गया था, लेकिन इस दौरान विभाग द्वारा संगठन की मांगों पर किसी प्रकार का विचार नहीं किया गया और न ही वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया, जिससे प्रदेश के समस्त पैक्स, लैम्पस कार्मिकों में आक्रोष व्याप्त है।
अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का नोटिस
संघर्ष समिति के प्रदेश समन्वयक हनुमान सिंह राजावत ने मुखपत्र को बताया कि 18 सितम्बर 2025 को मुख्यमंत्री, सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता), रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां राजस्थान, श्रम आयुक्त, क्षेत्रीय महाप्र्रबंधक नाबार्ड, समस्त केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रशासक एवं प्रबंध निदेशक, समस्त उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां को विधिक नोटिस देकर, सम्बंधित मांग पत्र को लेकर आंदोलन की सूचना दे दी गयी है। यदि राज्य सरकार और सहकारिता विभाग आगामी 10 दिन में संघर्ष समिति के मांग पत्र पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाता तो 29 सितम्बर 2025 से प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत पैक्स कम्प्यूटराइजेशन का बहिष्कार, ऋण वितरण एवं वसूली का बहिष्कार, सहकार कल्याण अभियान सहित सहकारिता विभाग की समस्त कल्याणकारी योजनाओं का अनिश्चितकालीन बहिष्कार प्रारंभ कर दिया जायेगा।
23 एवं 26 को विरोध प्रदर्शन
इससे पहले, अपनी मांगों के समर्थन में प्रदेश के समस्त पैैक्स कार्मिक 23 सितम्बर को काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे एवं 26 सितम्बर को उप रजिस्ट्रार/सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय के समक्ष पैक्स कार्मिक एक दिन का सांकेतिक धरना देकर प्रदर्शन करेंगे।
ये है संगठन की प्रमुख मांगें
1. ग्राम सेवा सहकारी समितियां कार्मिकों को जिला कैडर बनाया जाये।
2. समस्त जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में ऋण पर्यवेक्षक के पद, शत-प्रतिशत व्यवस्थापकों की पदोन्नति से भरे जायें।
3. 10 जुलाई 2017 से पहले समितियों में कार्यरत एवं स्क्रीनिंग से वंचित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारियों के नियमितिकरण की अनुशंसा के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया पुन: शुरू की जाये।
4. ग्राम सेवा सहकारी समिति कार्मिकों के सेवानियम 2022 को संशोधित करते हुए, सेवानियम कार्मिक विभाग द्वारा बनाये जायें।

