राष्ट्रीय

भारत सरकार की नई गाइडलाइन, अल्पकालीन ऋण की वसूली और पुनर्वितरण के बीच 7 दिन का अंतराल रखना होगा

नई दिल्ली, 10 अगस्त। भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लिए संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना (MISS) के ब्याज सबवेंशन (interest subvention) घटक को जारी रखने की पुष्टि करते हुए इस सम्बंध में नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए किसानों को 7 प्रतिशत ब्याज दर पर केसीसी का लाभ मिलता रहेगा, जिसमें से 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान भारत सरकार द्वारा देय होगा। समय पर भुगतान करने वाले किसानों को वर्ष 2025-26 के दौरान 4 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से अल्पकालिक कृषि ऋण मिलेगा। यह लाभ उन किसानों को नहीं मिलेगा, जो ऐसे ऋण लेने के एक वर्ष बाद अपने कृषि ऋण चुकाते हैं। उधार देने वाली वित्तीय संस्थाओं को, पहले की भांति अलग से 1.5 प्रतिशत ब्याज अनुदान देय होगा।

पुनर्भुगतान में कम से कम 7 दिन का अंतराल रखें

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से बैंकिंग संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि अल्पकालीक ऋणों के सदाबहार होने से बचने के लिए, बैंकों को पिछले फसल चक्र के ऋणों की चुकौती और आगामी चक्र के लिए ऋणों के नवीनीकरण या स्वीकृति के बीच न्यूनतम सात दिन का अंतराल अनिवार्य रूप से रखना होगा।

एक किसान-एक केसीसी मानदंड

नये निर्देशों में कहा गया है कि एक किसान-एक केसीसी के सिद्धांत का कड़ाई से पालन किया जाए। अर्थात प्रति व्यक्ति केवल एक किसान क्रेडिट कार्ड खाते की अनुमति होगी। वित्तीय संस्थानों के लिए किसान ऋण पोर्टल पर मौजूदा केसीसी उधारकर्ताओं की पहचान हेतु एक पूर्व-स्वीकृति सत्यापन मॉड्यूल लागू किया जा रहा है। बैंकों से कहा गया है कि वे वे प्रत्येक आवेदक से, ऋण वितरण से पहले, यह पुष्टि करते हुए एक वचनपत्र प्राप्त करें उसके पास कोई अन्य केसीसी खाता नहीं है।

डुप्लिकेट केसीसी खातों में सहकारी बैंकों को प्राथमिकता मिलेगी

नये निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी लाभार्थी के कई केसीसी खाते पाए जाते हैं, तो ऐसे लाभार्थी के लिए बैंक/वित्तीय संस्था/सहकारी समिति द्वारा आईएस/पीआरआई हेतु किए गए दावे पर विचार नहीं किया जाएगा। हालांकि, सहकारी क्षेत्र को दी गई प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए और सहकारी समितियों/बैंकों को डुप्लीकेशन प्रक्रिया पूरी करने में कुछ समय लग सकता है, इसलिए यह अनुशंसा की गयी है कि 2025-26 के दौरान यदि ऐसे कई केसीसी खातों में सहकारी समिति/बैंक का खाता शामिल है, तो केवल सहकारी समिति/बैंक के ऐसे खाते को ही योजना के तहत लाभ प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि एक भूमि खंड पर केवल एक एमआईएसएस लाभ मिलेगा।

अलग से निर्देश जारी होंगे

कृषि एवं कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने इसके लिए नोडल एजेंसियों, आरबीआई और नाबार्ड से अनुरोध किया कि वे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के साथ संबद्ध कम्प्यूटरीकृत पैक्स को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित रूप में ब्याज सहायता योजना को जारी रखने के बारे में निर्देश जारी करें।

राजस्थान में ब्याजमुक्त अल्पकालीन ऋण

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है। केंद्र सरकार की ओर से 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान देय है। इस प्रकार, राजस्थान में किसानों को शून्य ब्याजदर पर अल्पकालीन फसली ऋण का लाभ राज्य सरकार की ओर से दिया जा रहा है।

 

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