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कर्जमाफी से कहीं बेहतर है सहकारी बैंक की मुख्यमंत्री ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना

जयपुर, 10 जून (मुखपत्र)। प्रदेश के किसानों के कल्याणार्थ और सहकारी भूमि विकास बैंकों के हितार्थ राज्य सरकार द्वारा घोषित मुख्यमंत्री ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना (CM-OTS) को कर्जमाफी स्कीम से भी बेहतर माना जा रहा है। सीएम-ओटीएस हर प्रकार से किसानों के हित में बनायी गयी अब तक की सबसे हितकारी योजना मानी जा रही है, जिसका लाभ सहकारी भूमि विकास बैंकों के प्रत्येक पात्र अवधिपार ऋणी को उठाना चाहिये।

योजना के तहत अवधिपार ब्याज, दण्डनीय ब्याज और रिकवरी चार्जेज को पूरी तरह से माफ किया जा रहा है। किसान को केवल मूल धनराशि ही जमा करवायी है। अवधिपार ऋण राशि पर भूमि विकास बैंकों द्वारा 3 प्रतिशत दंडनीय ब्याज लगाया जाता है और रिकवरी के लिए झोंके गये तमाम संसाधनों का खर्च भी ऋण राशि में ही जुड़ता है। इस प्रकार मोटे तौर पर किसानों को 16 से 18 प्रतिशत ब्याज वहन करना पड़ता है। यही कारण है कि वर्षों से ऋण का चुकारा नहीं करने वाले अवधिपार श्रेणी के किसानों की ओर अवधिपार ब्याज, दंडनीय ब्याज और रिकवरी खर्च की राशि, मूलधन से अधिक हो चुकी है। अब यह राशि इतनी अधिक हो चुकी है कि बहुतेरे किसानों द्वारा इसे चुकाया जाना अत्यंत कठिन है।

किसानों को कर्ज के दुष्चक्र से निकालने और उन्हें आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए ही, राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के आग्रह पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस साल भूमि विकास बैंको के अवधिपार ऋणी किसानों के लिए मुख्यमंत्री ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना 2025 (सीएम-ओटीएस) की घोषणा की, जिसमें अवधिपार ब्याज, दंडनीय ब्याज और वसूली खर्च को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इसके लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान भी कर रखा है।

पुन: ऋण की सुविधा

राज्य सरकार की योजना को और बेहतर बनाते हुए एवं किसानों की आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत अब राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक ने इस योजना के तहत अवधिपार ऋण का चुकारा करने वाले किसानों को पुन: दीर्घकालीन कृषि ऋण दिये जाने की सुविधा भी आरंभ कर दी है। राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक की ओर से समस्त प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को निर्देशित किया गया है कि वे जो पात्र किसान, योजना के तहत उसकी ओर बकाया मूल कर्ज की राशि (अवधिपार ब्याज, दंडनीय ब्याज एवं वसूली खर्च को माफ करने के उपरांत) का भुगतान करेंगे, उन्हें एक सप्ताह के भीतर पुन: चुकायी जाने वाली राशि के बराबर कृषि ऋण दिया जाये।

ऐसे कृषि ऋण की किश्त का समय पर चुकारा करने पर ऋणी किसान को राज्य सरकार की ओर से घोषित 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ मिलेगा, जिसके उपरांत ऋण पर केवल 7.50 प्रतिशत ब्याज दर की प्रभावी होगी। जबकि वर्तमान में अवधिपार ऋण पर ओवरड्यू इन्टरेस्ट, पैनल इन्टरेस्ट और रिकवरी चार्जेज को मिलाकर ऋणी किसान पर 16 से 18 प्रतिशत की दर से ब्याज ऋण खाते में जुड़ रही है। राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के प्रबंध निदेशक जितेंद्र प्रसाद ने सीएम-ओटीएस को पूरी तरह से किसानों के हित में बताया है। उन्होंने पात्र किसानों से अपील की कि वे इस योजना का लाभ अवश्य उठायें।

यह योजना ऋणी माफी से बेहतर क्यों है

यदि ऋण माफी योजना से तुलना करें तो किसानों को कर्जमाफी के उपरांत किसी प्रकार का ऋण नहीं दिया जाता। इससे किसान कर्जमुक्त तो हो जाता है, लेकिन उसे कृषि कार्यों के लिए फिर से आढतियों से ऊंची ब्याज दर, जो कम से कम 18 प्रतिशत होती है, पर कर्ज लेना पड़ता है। सीएम-ओटीएस में पात्र ऋणी किसानों को चुकायी गयी रकम के बराबर पुन: कर्ज मिल रहा है, जिसका निर्धारित समय पर चुकारा करने पर केवल 7.5 प्रतिशत ब्याज दर प्रभावी होगी।

यदि किसान के पास पर्याप्त राशि की व्यवस्था नहीं है, उस स्थिति में उसे केवल एक सप्ताह के लिए बकाया कर्ज चुकाने योग्य राशि की व्यवस्था करनी है, जिसे भूमि विकास बैंक द्वारा पुन: ऋण दिये जाने के बाद, लौटाया जा सकता है। फिलहाल अवधिपार ऋणी होने के कारण उसे सहकारी बैंक से नया ऋण नहीं मिल सकता, लेकिन अवधिपार ऋण का चुकारा किये जाने पर वह पुन: रियायती ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करने का पात्र हो जायेगा। इस प्रकार, किसान को भारी भरकम ब्याज दर से और बड़े कर्ज से, दोनों से छुटकारा मिल सकता है।

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