प्रदेश का यह केंद्रीय सहकारी बैंक कई दिन से रामभरोसे, न एमडी, न ईओ, न एडिशनल ईओ
हनुमानगढ़, 17 फरवरी (मुखपत्र)। कुछ दिन पहले तक, दो-दो प्रबंध निदेशकों से संचालित होने वाला हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (एचकेएसबी) अब अधिकारीविहीन हो गया है। हालांकि, इसके मूल में राजनीतिक हस्तक्षेप और बैंक की कार्यप्रणाली पर जातिवाद का हावी होना है।
बैंक में राज्य सहकारिता सेवा के अधिकारियों की दो डेपुटेशन पोस्ट स्वीकृत हैं, हालांकि राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर, अतिरिक्त अधिशासी अधिकारी के रूप में एक अन्य सहकारी अधिकारी को भी लगाया जाता है। फिलहाल, प्रबंध निदेशक से लेकर एडिशनल ईओ तक, तीनों पद रिक्त हैं। प्रबंध निदेशक सुरेश कुमार मीणा के 6 फरवरी 2025 को स्थानांतरण के बाद से, बैंक में सहकारिता सेवा का कोई अधिकारी कार्यरत नहीं है। इससे पहले, 15 फरवरी को अतिरिक्त अधिशासी अधिकारी के पद पर कार्यरत सुश्री अंजू सहारण को सीकर केंद्रीय सहकारी बैंक में इसी पद पर स्थानांतरित किया गया था। बैंक में अधिशासी अधिकारी का पद लम्बे समय से रिक्त है और इसका अतिरिक्त कार्यभार प्रबंध निदेशक के पास ही रहा है।
इसके अलावा, विशेष लेखा परीक्षक और जिला डेयरी संघ में सहायक रजिस्ट्रार का पद भी रिक्त है। उप रजिस्ट्रार के पद पर हाल ही में अमीलाल सहारण, उप रजिस्ट्रार का ट्रांसफर किया गया है, जो इससे पहले, चूरू सीसीबी में अधिशासी अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। अमीलाल को उप रजिस्ट्रार के पद पर लगाये जाने से पहले, इस पद का एवं विशेष लेखा परीक्षक के पद का अतिरिक्त चार्ज भी सुरेश कुमार मीणा के पास था। हनुमानगढ़ में अब स्वीकृत कुल छह विभागीय पदों के विरुद्ध केवल दो अधिकारी ही नियोजित हैं। सहारण के अतिरिक्त, पीथदान चारण सचिव, प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड के पद पर कार्यरत हैं।
दिलचस्प तथ्य ये है कि हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड में 15 जनवरी से लेकर 28 जनवरी, दो प्रबंध निदेशक कार्यरत थे।
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