तीन संतान मामले में क्रय विक्रय सहकारी समिति का अध्यक्ष डिस्क्वालिफाई घोषित
बीकानेर, 03 सितम्बर (मुखपत्र)। बीकानेर कोलायत क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड के अध्यक्ष हरीराम सियाग को तीन संतान मामले में अध्यक्ष एवं संचालक मंडल सदस्य के रूप में डिस्क्वालिफाई घोषित कर दिया गया है। साथ ही, संचालक मंडल सदस्य का पद रिक्त घोषित कर दिया गया है। सहकारिता विभाग के खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, खंड बीकानेर राजेश टाक द्वारा गत दिवस यह निर्णय पारित किया गया।
प्रकरण के अनुसार, बीकानेर कोलायत क्रय विक्रय सहकारी समिति लि. बीकानेर के सदस्य दीप सिंह राठौड़ और कुछ अन्य व्यक्तियों ने प्रधान कार्यालय, जयपुर को एक शिकायत प्रस्तुत की, जिसमें उनका आरोप था कि केवीएसएस अध्यक्ष हरिराम सियाग के तीन बच्चे हैं, जिसके कारण उनका निर्वाचन अवैध है। इसके प्रमाण स्वरूप उन्होंने तीसरे बच्चे की मार्कशीट की प्रतिलिपि संलग्न की। प्रधान कार्यालय के संयुक्त रजिस्ट्रार (मार्केटिंग) द्वारा 1 मार्च 2024 को प्रकरण को आगे की सुनवाई के लिए खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार कार्यालय, बीकानेर को प्रेषित कर दी गयी। इसके आधार पर खंडीय कार्यालय द्वारा 22 मार्च को विक्रम बेनीवाल, निरीक्षक को तथा बाद में शिकायतकर्ता के द्वारा जांच अधिकारी परिवर्तित करने के लिए किए गए निवेदन पर यशवंत सिंह राठौड़ (निरीक्षक) को जांच हेतु जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। जांच अधिकारी द्वारा उक्त जांच पूर्ण कर 8 जून 2024 को अपनी जांच रिपोर्ट खंडीय कार्यालय को प्रस्तुत की गई।
जांच रिपोर्ट के अनुसार बीकानेर कोलायत क्रय विक्रय सहकारी समिति लि. के अध्यक्ष हरिराम द्वारा निर्वाचन के दौरान संतान संबंधी तथ्य छुपाए गए। जांच अधिकारी द्वारा कृष्णा पब्लिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल, उदयरामसर से प्राप्त मुकेश सिहाग और हरीराम सियाग के आधार कार्ड, हरीराम के मोबाइल नम्बर, प्रवेश आवेदन पत्र एवं स्थानांतरण प्रमाण पत्र पर हरीराम के पिता के रूप में और मीरा देवी के माता के रूप में अंकित नाम व हस्ताक्षर बतौर साक्ष्य प्रस्तुत किये। सुनवाई के दौरान, हरीराम ने तीसरी संतान होने से इंकार किया और चुनाव में दी गयी दो संतान सम्बंधी जानकारी को ही सत्य बताया। हरीराम ने अपने उत्तर में दावा किया कि उसके गांव में हरीराम नाम का एक अन्य व्यक्ति है, जिसके पुत्र का नाम मुकेश है। जांच अधिकारी ने दोनों हरीराम को एक मानते हुए जांच रिपोर्ट पेश की है।
सियाग का कहना था कि उसके विरुद्ध राजनीतिक द्वेष के कारण मिथ्या आरोप लगाये गये हैं। हरीराम ने दोनों हरीराम के सम्बंध में सत्यता का पता लगाने के लिए फिर से जांच कराये जाने का अनुरोध किया। उसने अपने पक्ष में कुछ दस्तावेजी साक्ष्य में भी प्रस्तुत किये। इस पर खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार द्वारा जांच अधिकारी यशवंत सिंह की जांच रिपोर्ट में संलग्न दस्तावेजी साक्ष्यों एवं हरीराम सिहाग द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों की जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी का गठन कर दिया, जिसमें बीकानेर पंचायत समिति के अतिरिक्त विकास अधिकारी दिनेश पालीवाल, सहायक विकास अधिकारी शिवचंद नायक और स्वरूपसर के ग्राम विकास अधिकारी अभिषेक उपाध्याय को शामिल किया गया।
जांच कमेटी के विस्तृत विवेचन एवं मुकेश सियाग के जन्म प्रमाण पत्र, विद्यालय से प्राप्त प्रमाणपत्रों, आधार कार्ड सहित अन्य साक्ष्यों के आधार पर मुकेश सियाग को चेयरमैन हरीराम की तीसरी संतान माना। जांच के दौरान चेयरमैन हरीराम द्वारा गांव के दूसरे हरीराम के राशन कार्ड में उसके पुत्र तोलाराम का नाम हटाकर, वहां मुकेश का नाम प्रतिस्थापित करने का मामला भी पकड़ में आया। जांच कमेटी ने माना कि चेयरमैन हरीराम ने स्वयं द्वारा सरकारी रिकार्ड में दो जगह मुकेश को अपने पुत्र के रूप में घोषित किया है।
जांच अधिकारी यशवंत सिंह और तीन सदस्यीय जांच कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, बीकानेर राजेश टाक ने माना कि बीकानेर कोलायत क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड के चेयरमैन एवं संचालक मण्डल सदस्य हरिराम पुत्र कानाराम निवासी स्वरूपदेसर के तीन जैविक संतानें (नरेन्द्र सियाग, संजू सियाग एवं मुकेश सियाग) हैं, जो जीवित हैं। हरिराम, बीकानेर कोलायत केवीएसएस के चेयरमैन एवं संचालक मण्डल के सदस्य बने रहने की पात्रता नहीं रखते है।
इसलिये राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001 की धारा 28 (13) के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए हरिराम सियाग को सोसाइटी अध्यक्ष एवं संचालक सदस्य के पद से निरर्ह (डिस्क्वालिफाई) घोषित करने के साथ-साथ, संचालक सदस्य का उक्त पद रिक्त घोषित किया गया।