सहकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर सदन में होगी चर्चा, विधायकों के दो सौ से अधिक सवालों के जवाब देने होंगे
जयपुर, 25 जुलाई (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर गुुरुवार को राजस्थान विधानसभा में चर्चा होगी। पक्ष-विपक्ष के विधायक करीब सवा दौ सौ कट मोशन प्रस्ताव और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये सदन में राज्य सरकार और सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक की परीक्षा लेने वाले हैं। प्रदेशभर में सहकारिता विभाग के अधिकारी विधायकों के प्रश्न के उपयुक्त उत्तर तैयार करने में लगे हैं। इसलिए, अन्य रूटीन वर्क को तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है।
रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से 24 एवं 25 जुलाई को देर सायं तक, जब तक की अनुदान मांगें पारित नहीं हो जाती, कार्यालय में रुकने के लिए पाबंद किया गया है। विधायकों के प्रश्नों के उत्तर तैयार करने के लिए सहकारिता रजिस्ट्रार कार्यालय के कई अनुभाग 23 एवं 24 जुलाई को रात्रि 11 बजे तक खुले रहे। जिन जिलों से जानकारी जुलाई जानी थी, वहां भी देर रात तक सहकारी कार्यालयों को खुला रखा गया। 25 जुलाई को सदन में सहकारिता विभाग की लेखानुदान मांगों के पारित होने तक सहकारी कार्यालयों को खुला एवं अधिकारी को चौकस रहने के लिए कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2020 में अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कट-मोशन के जरिये दर्जनों सवाल पूछे गये थे। अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान, एक बारगी, विपक्ष ने मत विभाजन की मांग कर डाली थी, तब सदन में अनुदान मांगे पारित कराने के लिए कांग्रेस के विधायक पर्याप्त संख्या में उपस्थित नहीं थे। ऐसे में काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। तात्कालिन सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और अन्य मंत्रियों ने फोन करके, विधानसभा परिसर में सुस्ता रहे कांग्रेस विधायकों को सदन में बुलाकर, जैसे-तैसे मत विभाजन में सरकार की नैया पार लगायी थी। इसके बाद के तीन साल में, मुखबंद से ही अनुदान मंागें पारित होती रही।
कुछ विधायकों की ओर से, अधिकारियों के नाम का उल्लेख करते हुए गंभीर सवाल भी पूछे गये हैं और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी प्रस्तुत किये गये हैं, जिसके चलते आज विधानसभा की कार्यवाही के दौरान या उससे पहले, उल्लेखित बैंक अधिकारियों पर गाज गिरने की आशंका है।
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